Kanpur: 'इन्होंने खुदकुशी नहीं की...ये मर्डर है साहब', BSF इंस्पेक्टर की मौत पर विवाद

Kanpur News: कानपुर के शिवराजपुर के गांव के रहने वाले बीएसएफ इंस्पेक्टर सत्यनारायण सविता (40) का गुरुवार को संदिग्ध हालत में शव गुरदासपुर बॉर्डर पर लटका मिला। बीएसएफ के अधिकारियों ने उनकी मौत की सूचना परिवार को दी। परिवार में कोहराम मच गया। परिजनों ने हत्या का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया।

बीएसएफ इंस्पेक्टर सत्यनारायण सविता का फाइल फोटो

मुख्य बातें
  • गुरदासपुर बॉर्डर पर बीएसएफ इंस्पेक्टर का शव फंदे से लटका मिला
  • कानपुर में परिजनों ने सड़क जाम की, जमकर किया हंगामा
  • पत्नी ने लगाया आरोप-सीओ रैंक के अफसर करते थे परेशान


Kanpur BSF jawan Suicide: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के शिवराजपुर के रहने वाले बीएसएफ इंस्पेक्टर ने गुरदासपुर बॉर्डर पर तैनाती के वक्त फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। जब बीएसएफ अफसर इंस्पेक्टर का शव लेकर घर पहुंचे तो परिजनों ने हंगामा शुरू कर दिया। पत्नी ने अधिकारियों से आरोप लगाते हुए कहा कि, यह खुदकुशी नहीं मर्डर है। आरोप लगाया कि, कई दिनों से इंस्पेक्टर का उनके अफसर से विवाद चल रहा था। मौके पर पहुंची भीड़ ने सड़क जाम कर दी और दोबारा पोस्टमार्टम की मांग पर अड़ गए। पूरे दिन हंगामा होता रहा, अंत में देर रात प्रशासन ने दोबारा पोस्टमार्टम कराने की इजाजत दी। अधिकारियों ने कहा कि, देर रात पोस्टमार्टम करा दिया गया।

शिवराजपुर के सुजान निवादा निवासी सत्यनारायण सविता (40) बीएसएफ में इंस्पेक्टर पद पर कार्यरत थे। उनकी तैनाती गुरदासपुर सेक्टर में 113 वीं बटालियन शिकार माछीयां में थी। इंस्पेक्टर का शव गुरुवार को संदिग्ध हालात में फंदे पर लटका मिला था। शुक्रवार सुबह बीएसएफ के अधिकारी शव लेकर शिवराजपुर पहुंचे।

परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप

शव के घर पहुंचते ही कोहराम मच गया। बटालियन के उच्च अधिकारियों पर परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया। परिजनों ने शव ला रहे ट्रक को रोककर बर्राजपुर शिवली संपर्क मार्ग जाम कर दिया। इसके बाद भीड़ धरने पर बैठ गई। इस दौरान पुलिस और परिजनों के बीच कहासुनी भी हुई। एसडीएम बिल्हौर और एडिशनल एसपी ने कड़ी मशक्कत के बाद किसी तरह डेढ़ घंटे बाद जाम खुलवाया और शव घर पहुंचवाया। इसके बाद परिजन दोबारा पोस्टमार्टम कराने, शहीद का दर्जा देने की मांग पर अड़िग हो गए। प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने परिजनों को सात घंटे तक समझाया। नहीं मानने पर अधिकारियों ने शव का पोस्टमार्टम दोबारा कराने के लिए तैयार हुए।

End Of Feed