उन्नाव में 150 साल पुराना पुल गंगा नदी में समाया, जर्जर होने के कारण 3 साल से बंद था ब्रिज

कानपुर-उन्नाव को जोड़ने वाले 150 साल पुराने पुल का बड़ा हिस्सा देर रात को टूटकर गंगा नदी में समा गया। गनीमत की बात ये है कि इस पुल को करीब 3 साल पहले जर्जर होने की वजह से बंद करा दिया गया था। इसे दोबारा से शुरू कराने के लिए मरम्मत की भी कोशिश की गई। लेकिन पुल मजबूत न होने की वजह से ऐसा हो नहीं पाया। इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई है।

अंग्रेजों का बनाया पुल ढहा

मुख्य बातें
  • पिलर के बीच का हिस्सा टूटकर गंगा नदी में गिरा
  • जर्जर होने की वजह से तीन साल पहले बंद किया गया पुल
  • अंग्रेजों ने करीब 150 साल पहले बनवाया था डबल स्टोरी ब्रिज

Kanpur Unnao Bridge Collapsed: उन्नाव में अंग्रेजों के जमाने का पुल देर रात भरभराकर गिर गया। कानपुर की तरफ पुल का बड़ा हिस्सा टूटकर गंगा नदी में गिर गया। इस पुल पर आवागमन बंद होने के कारण एक बड़ा हादसा टल गया। करीब तीन साल पहले पुल के जर्जर होने की वजह से इसपर आवागमन पूरी तरह से बंद करा दिया गया था। इस वजह से पुल का हिस्सा गिरने से कोई जनहानि नहीं हुई। अब स्थानीय लोग शुक्लागंज की ओर से कानपुर को जोड़ने के लिए एक नए पुल की मांग कर रहे हैं।

कानपुर-उन्नाव को जोड़ता था पुल

कानपुर-उन्नाव को जोड़ने वाले इस पुल का एक बड़ा हिस्सा देर रात अचानक गंगा नदी में समा गया। इस घटना से इलाके में हड़कंप मच गया। PWD विभाग के सहायक अभियंता ने बताया कि इस पुल को लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खण्ड कानपुर की रिपोर्ट के आधार पर पहले ही बंद कर दिया गया था। आज पुल का आंशिक भाग टूटकर गिर गया है। जिसमें किसी भी तरीके की कोई जनहानि नहीं है। पुल के आसपास कोई व्यावसायिक गतिविधि ना हो सके इसके लेकर भी निर्देश दिए गए हैं। आगे की कार्रवाई की जा रही है।

150 साल पहले बना था पुल

इस पुल का निर्माण ब्रिटिशकाल में करीब 150 साल पहले कराया गया था। अवध एंड रूहेलखंड लिमिटेड कंपनी ने साल 1874 में इसे बनाया था। यह पुल उन्नाव सदर तहसील क्षेत्र में कानपुर उन्नाव को शुक्लागंज छोर से जोड़ता था। आठ सौ मीटर लंबे इस पुल की उम्र 100 साल बताई गई थी, लेकिन यह 150 साल तक खड़ा रहा। साल 2021 में पुल की कानपुर की तरफ से 2, 10, 17, 22 नंबर की कोठियों में दरारें आ गई थीं, जिसके बाद सुरक्षा को देखते हुए तत्कालीन जिलाधिकारी उन्नाव रविंद्र कुमार ने 5 अप्रैल 2021 को इसे यातायात के लिए बंद करा दिया था। पुल के दोनों ओर कानपुर और उन्नाव की तरफ दीवारें बनाई गई थीं। जिससे कोई भी इसे पार न कर सकें। तब से यह पुल लगातार बंद चल रहा था।

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