Indian Railway: रेल यात्रियों के लिए राहत, कानपुर से झांसी जाना होगा और आसान, अब हाईस्पीड से दौड़ेंगी ट्रेनें
Indian Railways: उत्तर प्रदेश के रेल यात्रियों के लिए राहत भरी खबर है। कानपुर से झांसी तक रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण का काम पूरा हो गया है। फिलहाल यहां नॉन इंटरलॉकिंग का काम हो रहा है। रेलवे ट्रैक शुरू करने के लिए मुख्य संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) मोहम्मद लतीफ खान 23 फरवरी को 110 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से स्पेशल ट्रेन चलाकर परीक्षण करेंगे।
कानपुर-झांसी रेलमार्ग हुआ डबल ट्रैक
मुख्य बातें
- 23 फरवरी को 110 की स्पीड से ट्रेनों को दौड़कर होगा ट्रायल
- कानपुर से झांसी तक अभी थी सिंगल लाइन
- झांसी से कानपुर दोहरे रेलमार्ग से जुड़ने पर ट्रेनों के बढ़ने के आसार
Indian Railways: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से झांसी का सफर अब और भी आसान हो जाएगा। कानपुर से झांसी तक रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण का कार्य पांच वर्ष की देरी पर पूरा हो गया है। कानपुर देहात के मलासा-लालपुर-पामा सेक्शन पर 18 किलोमीटर का काम भी पूरा हो गया। हालांकि अभी यहां पर नॉन इंटरलॉकिंग का काम हो रहा है। इसकी वजह से इस सेक्शन से होकर जाने वाली कई ट्रेनें प्रभावित होंगी। उत्तर मध्य रेलवे की ओर दी गई जानकारी के अनुसार, रेलवे द्वारा किए जाने वाले नॉन इंटरलॉकिंग कार्य की वजह से कुछ ट्रेनें कैंसिल रहेंगी, जबकि कुछ ट्रेनों को आंशिक रद्द और रोक कर संचालित किया जाएगा। संबंधित खबरें
उधर, रेलवे ट्रैक शुरू करने के लिए मुख्य संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) मोहम्मद लतीफ खान 23 फरवरी को 110 किलोमीटर प्रति घंटा की स्पीड से स्पेशल ट्रेन चलाकर परीक्षण करेंगे। अगले महीने यानि मार्च से दोहरे रेलमार्ग पर ट्रेनें शुरू होने की उम्मीद है। इससे मुंबई रूट की ट्रेनें सरपट दौड़ेंगी।संबंधित खबरें
झांसी से कानपुर दोहरे रेलमार्ग से जुड़ने पर ट्रेनें भी बढ़ेंगीआपको बता दें कि कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन से भीमसेन तक रेलमार्ग है। अब भीमसेन से झांसी (206 किमी) तक का रूट भी दोहरीकरण हो गया है। अभी मुंबई रूट की गाड़ियां दिल्ली की अपेक्षा बहुत कम हैं। कानपुर से दिल्ली के बीच 56 जोड़ी ट्रेनों का संचालन होता है, जबकि कानपुर से मुंबई और दक्षिण रूट पर 33 जोड़ी ट्रेनें संचालित होती हैं। इसलिए मुंबई रूट पर मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और दक्षिण भारत जाने के लिए यात्रियों को परेशानियां होती हैं, जबकि झांसी से ट्रेनें बहुत हैं। अब झांसी से कानपुर दोहरे रेलमार्ग से जुड़ने पर इस रूट पर भी ट्रेनें बढ़ जाएंगी। इसके साथ ही ट्रेनों की रफ्तार भी बढ़ेगी।
पांच वर्ष की हुई देरीबंगलुरू और चेन्नई को कानपुर से जाने वाली ट्रेनों का सफर भी दो घंटा कम हो जाएगा। कानपुर से मुंबई जाने में 21 घंटे और चेन्नई जाने में 36 घंटे का समय लगेगा। आपको बता दें कि भीमसेन झांसी रेलमार्ग के दोहरीकरण का कार्य मार्च-2018 में पूरा हो जाना था। लेकिन, बजट सही समय पर न मिलने से काम में देरी हो गई। दो साल में काम पूरा करने का लक्ष्य तय करते हुए मार्च 2016 में काम शुरू किया गया था।
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