Vande Bharat Express: 400 KM से लंबे रूट पर दौड़ेगी स्लीपर वंदेभारत एक्सप्रेस, रेलवे ने कराया कई रूटों का सर्वे
Vande Bharat Train: रेल यात्रियों के लिए राहतभरी खबर है। अब पांच घंटे से ज्यादा और 400 किमी से अधिक दूरी वाले स्टेशनों के लिए स्लीपर वंदेभारत एक्सप्रेस का संचालन होगा। कमाई वाले रूटों का रेलवे बोर्ड ने सर्वे शुरू कर दिया है। वंदे भारत में स्लीपर होने से रेलवे की आय बढ़ेगी साथ ही यात्रियों को राहत मिलेगी।
लंबे रूटों पर दौड़ेगी स्लीपर वंदेभारत ट्रेन
- 400 किलोमीटर से लंबे रूट पर दौड़ेगी स्लीपर वंदेभारत ट्रेन
- रेलवे बोर्ड ने शुरू किया कमाई वाले रूटों का सर्वे
- शताब्दी के रैक को वंदेभारत स्लीपर रैक से बदलने की संभावना
Vande Bharat Express: देश की सबसे तेज गति से दौड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन से लंबा सफर करने वाले यात्रियों के लिए राहतभरी खबर है। दरअसल, देश भर में पांच घंटे से ज्यादा और 400 किमी से अधिक दूरी वाले स्टेशनों के लिए स्लीपर वंदेभारत एक्सप्रेस का संचालन किया जाएगा। कमाई वाले रूटों का रेलवे बोर्ड ने सर्वे शुरू कर दिया है। स्लीपर कोच होने से रेलवे की आय में इजाफा होगा, यात्री भी कम समय में गंतव्य तक पहुंच जाएंगे, वंदेभारत एक्सप्रेस की गति 130 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा रहेगी।
दिल्ली-वाराणसी के बीच चलने वाली वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेन के समय के पालन से यात्री संतुष्ट हैं। रेलवे की मॉनीटरिंग कमेटी की जांच में इसका खुलासा हो चुका है। ट्रेन का लोड भी रोजाना बढ़ ही रहा है। जहां शताब्दी एक्सप्रेस का संचालन हो रहा है, उन रूटों पर भी वंदेभारत एक्सप्रेस चलेंगी तो यात्रियों के पास तेज रफ्तार और आधुनिक सुविधाओं वाली दूसरी ट्रेन का विकल्प भी रहेगा।
वाजिब किराये में लग्जरी ट्रेन का सपना होगा साकाररेल अफसरों का कहना है कि शताब्दी के साथ ही वंदेभारत की चेयरकार में परिवर्तन का भी प्लान है। वाराणसी जंक्शन-दिल्ली वंदेभारत एक्सप्रेस में यात्रियों का लोड रहता है। इसे देखते हुए बदलाव की योजना तैयार की है। वहीं, स्लीपर वंदेभारत में यात्रियों को वाजिब भाड़े में लग्जरी ट्रेन का सफर करने का मौका मिलेगा।
कानपुर और लखनऊ को प्राथमिकताकानपुर से दिल्ली के बीच की दूरी 444 किलोमीटर है, जबकि लखनऊ से दिल्ली की दूरी 511 किलोमीटर है। इन दोनों ही रूटों को स्लीपर वंदेभारत का काफी फायदा पहुंचने की उम्मीद है। शताब्दी या अन्य ट्रेनों से छह-सात घंटे के सफर में यात्रियों को चेयरकार में आराम नहीं मिल पाता। स्लीपर वंदेभारत में यात्री आराम कर सकेंगे। मौजूदा समय में 23 जोड़ी शताब्दी ट्रेनें पूरे देश में चल रही हैं। कानपुर सेंट्रल के निदेशक आशुतोष सिंह ने बताया कि सर्वे किया जा रहा है कि किन रूटों पर पहले इनका संचालन किया जाए। यह भी पता किया जा रहा है कि शताब्दी के रैक को वंदेभारत स्लीपर रैक से बदलने की क्या संभावना है।
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