Solar Cycle: एक बार चार्ज करने पर 40 किलोमीटर चलेगी सोलर साइकिल, बगैर पैडल मारे चलती है ये
Solar Cycle: यूपी दिवस के आयोजन में सोलर साइकिल और सोलर कूलर सभी का आकर्षण का केंद्र रहे। लोगों ने दोनों की जमकर सराहना की। कानपुर स्थित चंद्रशेखर आज़ाद कृषि विश्वविद्यालय में लगी प्रदर्शनी में कानपुर के उत्पादों का जलवा दिखाई दिया। स्टॉल पर सोलर साइकिल को देखने के लिए भीड़ जमा हो गई।
सोलर साइकिल (फाइल फोटो)
मुख्य बातें
- प्रदर्शनी में दिखी सौर ऊर्जा से चलने वाली सोलर साइकिल
- एक बार चार्ज करने पर चलेगी 40 किलोमीटर
- बिना पैडल मारे चलती है यह सोलर साइकिल
Solar Cycle: उत्तर प्रदेश के कानपुर में सोलर साइकिल आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। यह साइकिल बिना पैडल मारे चलेगी। एक बार चार्ज करने पर सोलर साइकिल 40 किलोमीटर तक चलेगी। इसके अलावा एक ऐसा सोलर कूलर है जो फुल चार्ज के बाद छह से सात घंटे तक ठंडी हवा देता रहेगा। यह सोलर साइकिल और सोलर कूलर कौशल विकास के अंतर्गत चल रहे जेके सेंटर फॉर वोकेशनल स्किल डेवलपमेंट सेंटर के छात्रों ने बनाया है। यूपी दिवस के अवसर पर लगी प्रदर्शनी में सोलर साइकिल और सोलर कूलर देखने को मिला।
सर्वाधिक आकर्षण का केंद्र सोलर साइकिल और कूलर रहे, दोनों को ही लोगों ने जमकर सराहा। साइकिल की कीमत 20 से 25 हजार रुपये है, जबकि कूलर 10 से 15 हजार रुपये में बनाया गया है। कोऑर्डिनेटर देवेंद्र कौशल के अनुसार, सोलर लाइट से बैटरी चार्ज होने पर छह घंटे तक साइकिल आराम से चल सकती है।
प्रदर्शनी में कानपुर के उत्पादों का जलवा दिखाऐसे ही शिवराजपुर ब्लॉक के समूहों ने गाय के गोबर से अगरबत्ती और धूपबत्ती के साथ ही कंडे की राख से बर्तन बनाकर बेचे। इसके अलावा, आंवले का हलवा, अचार एवं न टूटने वाले गाय के गोबर से बनाए दीये लोगों को खूब पसंद आए। स्मार्ट सिटी की तरफ से टायर से मेज-कुर्सी बनाई है। समूहों की बनाई जूट की गुड़िया के साथ सभी विभागों ने अपने-अपने कार्यो की प्रदर्शनी भी लगाई। सीएसए विश्वविद्यालय में लगी प्रदर्शनी में कानपुर के उत्पादों का जलवा दिखाई दिया।
कमिश्नर ने पूछा, यूपी का पहले नाम क्या थावहीं, मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर ने सीएसए के कैलाश भवन सभागार में यूपी दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में शिकरत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि विकास की दौड़ में कानपुर को अव्वल करना ही हम सबका लक्ष्य है। फरवरी में लखनऊ में आयोजित होने वाली यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में कोशिश रहेगी कि टॉप थ्री में हमारे जिले का स्थान रहे। इस दौरान कमिश्नर ने मंच पर आते ही लाभार्थियों से कहा कि मैं तीन सवाल पूछूंगा जिसका आप लोगों को जवाब देना है। पहला सवाल पूछा कि उत्तर प्रदेश का पहले नाम क्या था। ज्यादा जवाब नहीं दे सके। इसके बाद उन्होंने पूछा किस वर्ष में यूपी की स्थापना हुई थी, इस पर लाभार्थियों ने जवाब देते हुए 1950 बताया। अंत में उन्होंने पूछा कि किस वर्ष से यूपी दिवस मनाना शुरू हुआ तो उन्हें जवाब मिला कि 2018 से। कार्यक्रम में छह विभागों के 31 लाभार्थियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
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