Kanpur: कानपुर के इन शिक्षिकों ने बच्चों के दिल में डर नहीं भरा प्यार, आज निजी स्कूलों के फेल कर रहे सरकारी स्कूल

Kanpur Education Department: सरकारी स्कूलों की बदहाली की वजह से अभिभावक अपने बच्चों का एडमिशन यहां नहीं कराने चाहते हैं। ऐसे में कानपुर और चंदौली के शिक्षकों ने अभिभावकों के इस सोच को बदलकर रख दिया है। शिक्षिका नीलम सिंह और शिक्षक शिवेंद्र सिंह ने अपनी इच्छाशक्ति और जज्बे से सरकारी स्कूल को निजी स्कूल की सुसज्जित बना दिया है। और बच्चों को नए तरीके से शिक्षा देना शुरू दिया।

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Kanpur News: कहते हैं शिक्षक समाज को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो बिलकुल सच भी है। शिक्षक अपने प्रयासों से ऐसी नजीर पेश करते हैं जो सालों तक स्टूडेंटस के मन में रहती है। हाल ही में कानपुर के ऐसे ही दो शिक्षकों को सम्मानिक किया गया, जिन्होंने अपने प्रयासों से समाज में नई मिसाल पेश कर डाली। इन शिक्षकों की ने अपने जज्बे और इच्छाशक्ति से सरकारी स्कूल की तस्वीर बदल दी है।

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इसका परिणाम यह हुआ कि स्कूल में स्टूडेंटस की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हुई। इसके साथ ही अभिभावकों के मन में सरकारी स्कूल की छवि बदली। वहीं ये शिक्षक अन्य टीचर्स के लिए भी उदाहरण बने। अपने इन्हीं प्रयासों के लिए हाल ही में कानपुर की शिक्षिका नीलम सिंह और चंदौली के शिक्षक शिवेंद्र सिंह बघेल को राज्य शिक्षक पुरस्कार से नवाजा गया। शहर के कल्याणपुर ब्लॉक में कटरी शंकरपुर सराय गांव का प्राथमिक विद्यालय बिल्कुल निजी विद्यालय की तरह दिखता है। इतना ही नहीं यहां खेल-खेल में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। कॉपी-किताब एवं ब्लैक बोर्ड के क्रिएटिविटी के माध्यम से उन्हें विषय ज्ञान दिया जा रहा है।

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