UP Upcoming Expressway: मंजिल से ज्यादा सुहावनी होंगी राहें, खुलने वाले हैं 8 नए हाईटेक एक्सप्रेसवे
UP Upcoming Expressway List: यूपी के पास 15 हाईटेक एक्सप्रेसवे हैं। इनमें से कई संचालित हैं और कईयों का निर्माण कार्य पूरा होने वाला है। इनमें से कुछ जल्द खुलने वाले हैं, जिनकी सूची हम आपके लिए लेकर आए हैं। ये नए एक्सप्रेसवे विभिन्न शहरों के बीच यात्रा के समय को कम करेंगे। तो आइये जानते हैं कि ये एक्सप्रेसवे कौन-कौन से हैं?
यूपी आगामी एक्सप्रेसवे लिस्ट
UP Upcoming Expressway List: बेहतर यात्रा के अनुभव के लिए गुणवत्ता परक सड़क मार्गों का होना बेहद जरूरी है। यही कारण है कि सरकार हाईटेक एक्सप्रेसवे का निर्माण कर यातायात को सुगम बनाने की दिशा में काम कर रही है। खासकर, उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में एक्सप्रेसवे विकसित कर सुविधाओं को बेहतर किया जा रहा है। राज्य में कुल 15 एक्सप्रेसवे हैं, इनमें से कई संचालित हैं और कई मार्गों का निर्माण कार्य जारी है। इन नई सड़कों के निर्माण से राज्य के विभिन्न शहरों के बीच सफर करना काफी आसान होगा और समय के साथ ईधन की भी बचत होगी। भारतमाला परियोजना (Bharatmala Project) के तहत निर्मित नए मार्ग जल्द ही खुलने वाले हैं। लिहाजा, हम आपके लिए आगामी एक्सप्रेसवे की लिस्ट लेकर आए हैं। आइये जानते हैं ये किन शहरों के बीच विकसित हो रहे हैं और इनके खुलने से किन शहरों के मध्य सफर अनुकूल होने वाला है?
एक्सप्रेसवे (फाइल फोटो)
उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा और बड़ा माने जाने वाला गंगा एक्सप्रेसवे (Ganga Expressway) इसी साल यानी दिसंबर 2024 में अपने निर्माण की बुनियाद को पूरी कर लेगा। निर्माण कंपनी का लक्ष्य है कि इसे साल 2025 में प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ मेले से पहले आम लोगों के लिए खोल दिया जाए। 594 किमी. लंबा यह एक्सप्रेसवे पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को एक सूत्र में बांधकर सफर को सुगम बनाएगा। इसके खुलने से मेरठ से प्रयागराज महज 8 घंटे में पहुंचना होगा। इस पर गाड़ियां 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वाहनों को दौड़ाया जा सकेगा। इस पर बीच-बीच में भी टोल प्लाजा भी बनाए गए हैं, ताकि बीच में कहीं से भी एक्सप्रेसवे पर चढ़ने वाली गाड़ियों से टोल वसूला जा सके। ऐसे कुल 12 रैम्प टोल प्लाजा बनेंगे। इस पर मेरठ और प्रयागराज में मुख्य टोल प्लाजा होंगे, जबकि 12 अतरिक्त रैमंप टोल प्लाजा वाहनों से शुल्क वसूलेंगे। इसके अलावा शाहजहांपुर के पास एयरस्ट्रीप भी बनाई जाएगी ताकि, आपातकालीन परिस्थिति में हेलिकॉप्टर या प्लेन उतारा जा सके। गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ-बुलंदशहर (एनएच 334) पर बिजौली गांव से शुरू होकर प्रयागराज में (एनएच 19) पर जूडापुर दादू गांव के समीप पर समाप्त होगा। गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ के बाद ये हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ से होता हुआ प्रयागराज तक जाएगा।
जानकारी | विवरण |
एक्सप्रेसवे का नाम | गंगा एक्सप्रेसवे |
गंगा एक्सप्रेसवे की लंबाई | 594 किलोमीटर |
गंगा एक्सप्रेसवे की लागत | 37,350 करोड़ रुपये |
लेन संख्या | 6 (8 लेन तक बढ़ाया जा सकता है) |
शुरुआती बिंदु | मेरठ |
आखिरी बिंदु | प्रयागराज |
निर्माण कंपनी | एनएचएआई |
कार्य पूरा होने की तिथि | दिसंबर 2025 |
लखनऊ और कानपुर को आपस में कनेक्ट करने के लिए कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे (Kanpur-Lucknow Expressway) बनाया जा रहा है। 63 किमी. लंबा यह एक्सेस कंट्रोल ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे दोनों शहरों के बीच 3 से 4 घंटे लगने वाले यात्रा के समय को घटाकर 35 से 45 मिनट के बीच कर देगा। इसके 2025 में खुलने की उम्मीद है। वर्तमान में 75 किमी. लंबे कानपुर-लखनऊ नेशनल हाईवे (NH-27) पर वाहनों का भारी दबाव है। यही कारण है कि इन दो शहरों के आपस में पहुंचने में 3 से 4 घंटे का वक्त सड़क पर गुजर जाता है। उसका कारण है, बुंदेलखंड (Bundelkhad) की नदियों से निकलने वाली मौरंग और कबरई (महोबा) क्षेत्र से गिट्टी से लदे ट्रकों की आवाजाही होती है। हमीरपुर से मौरंग की बड़ी खेप लेकर ट्रक और डंपर इत्यादि वाहन इसी हाईवे से उन्नाव, रायबरेली, हरदोई, लखनऊ, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर, सुलतानपुर, अमेठी और अयोध्या समेत कई जिलों में प्रवेश करते हैं।
एक्सप्रेसवे (फाइल फोटो)
लिहाजा, अक्सर कानपुर से लखनऊ के बीच जाम की स्थिति होती है। कभी-कभार 4 घंटे से भी अधिक लंबे जाम का भी सामना करना पड़ता है। फिलहाल, की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे का 50 फीसदी सिविल कार्य पूरा कर लिया गया है। कुछ ही महीनों में इस पर आरामदायक सफर का आनंद मिलेगा। 63 किमी. लंबे एक्सप्रेसवे का काम दो पैकेज में बांटकर किया जा रहा है। एनएचआई का लक्ष्य साल 2025 के जून तक इसको खोलने का है। इधर, यह कानपुर और लखनऊ की रिंग रोड से भी कनेक्ट होगा।
जानकारी | विवरण |
एक्सप्रेसवे का नाम | लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे |
एक्सप्रेसवे की लंबाई | 62.67 KM |
परियोजना की लागत | 4700 करोड़ रुपये |
लेन संख्या | 6 (8 तक विस्तार) |
शुरुआती प्वाइंट | शहीद पथ (लखनऊ) |
आखिरी प्वाइंट | आजाद चौराहा(उन्नाव) |
यात्रा का समय अनुमानित | 35 से 40 मिनट |
पुलों की संख्या | 3 बड़े ब्रिज, 28 छोटी पुलिया |
अंडरपास की संख्या | 38 |
फ्लाईओवर की संख्या | 6 |
निर्माणकर्ता कंपनी | एनएचएआई |
कार्य पूरा होने का समय | 2025 |
एनसीआर के नोएडा शहर को कानपुर से जोड़ने के लिए नोएडा-कानपुर एक्सप्रेसवे विकसित किया जा रहा है। जी, हां 380 किलोमीटर लंबाई वाला गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़, कासगंज, फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर और उन्नाव आदि शहरों को जोड़ेगा। इसके निर्माण पर लगभग 15 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। इस कॉरिडोर के बनने के बाद गाजियाबाद से कानपुर की दूरी केवल 5 घंटे 40 मिनट में तय हो जाएगी। अभी दोनों शहरों के बीच यात्रा करने में 8 घंटे से अधिक का लंबा समय लगता है। भविष्य में 6 लेन तक विस्तार किया जा सकता है। इसका उत्तरी छोर एनएच-9 (गाजियाबाद-हापुड़ हाईवे) से कनेक्ट होगा, जबकि, दक्षिणी छोर 62.3 किलोमीटर लंबे कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे के साथ जुड़ा होगा। इसके अलावा यह ग्रीन फील्ड कॉरिडोर गाजियाबाद में मेरठ एक्सप्रेसवे को हापुड़ से कनेक्ट करेगा।
जानकारी | विवरण |
एक्सप्रेसवे का नाम | नोएडा-गाजियाबाद-कानपुर एक्सप्रेसवे |
एक्सप्रेसवे की लंबाई | 380 किलोमीटर |
परियोजना की लागत | 15 हजार करोड़ रुपये |
शुरुआती बिंदु | एनएच-9 गाजियाबाद-हापुड़ हाईवे |
आखिरी बिंदु | उन्नाव-कानपुर बॉर्डर |
लेन संख्या | 4 (6 तक विस्तार) |
यात्रा का अनुमानित समय | 5 घंटे 40 मिनट |
निर्माण कंपनी | एनएचएआई |
कार्य पूर्ण होने की तिथि | 2026 |
पूर्वी यूपी यानी गोरखपुर से लखनऊ को जोड़ने के लिए गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे अहम भूमिका निभाएगा। 91 किमी. लंबा तक फैला यह 4 लेन एक्सप्रेसवे गोरखपुर और आजमगढ़ को जोड़ेगा। इसके अलावा यह पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से भी जुड़ेगा, जिससे लखनऊ और गोरखपुर के बीत अधिक सुविधाजनक मार्ग और कम समय में यात्रा पूरी हो सकेगी। इसका कार्य लगभग पूरा है। कयास लगाए जा रहे हैं कि इसी महीने इसे आम जनता को सौंप दिया जाएगा।
जानकारी | विवरण |
एक्सप्रेसवे का नाम | गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे |
एक्सप्रेसवे की लंबाई | 91 किलोमीटर |
परियोजना की लागत | 7,283 करोड़ रुपये |
लेन संख्या | 4 से 6 तक (विस्तारित) |
शुरुआती बिंदु | जैतपुर (गोरखपुर) |
अंतिम बिंदु | सलारपुर (आजमगढ़) |
निर्माणकर्ता कंपनी | एनएचएआई |
निर्माणकार्य पूरा होने की तिथि | 2024 |
हाल ही में पेश हुए केंद्रीय बजट वित्त वर्ष 2024-25 में बिहार के बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे को मंजूरी मिली है। यह नया एक्सप्रेसवे न केवल बक्सर और भागलपुर के बीच यात्रा के समय को चार घंटे तक कम करेगा, बल्कि पटना लखनऊ के बीच 5 से 6 घंटे और भागलपुर-लखनऊ के मध्य 8 से 9 घंटे तक यात्रा के समय को कम करेगा। बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे के निर्माण से 12 जिलों के लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। उसमें बक्सर, भोजपुर, रोहतास, अरवल, औरंगाबाद, गया, जहानाबाद, नवादा, जमुई, शेखपुरा, बांका और भागलपुर शामिल हैं। बक्सर में गंगा पुल पर बनने वाले 3 पुलों से बक्सर-पटना एनएच-922 और भविष्य में भागलपुर-बक्सर एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से सीधा कनेक्ट किया जाएगा।
एक्सप्रेसवे (फाइल फोटो)
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे बिहार की सीमा से सटकर गुजरेगा। कुल मिलाकर पटना से पूर्णिया और बक्सर से भागलपुर तक बनने वाला यह एक्सप्रेस-वे इधर गोरखपुर (यूपी) और उधर सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) को कनेक्ट करेगा। राज्य में चार महत्वपूर्ण एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य जल्द आरंभ होना है। इसमें गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे (519 किमी) रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे (650 किमी) पूर्वांचल एक्सप्रेस भी शामिल है। इस एक्सप्रेसवे का लगभग 84 किलोमीटर हिस्सा यूपी के गोरखपुर, देवरिया और कुशीनगर जिलों से होकर गुजरेगा। इस एक्सप्रेसवे का लगभग 84 किलोमीटर हिस्सा यूपी के गोरखपुर, देवरिया और कुशीनगर जिलों से होकर गुजरेगा। बिहार के भीतर यह 9 जिलों पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, फारबिसगंज और किशनगंज को आपस में जोड़ेगा।
जानकारी | विवरण |
एक्सप्रेसवे का नाम | गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे |
एक्सप्रेसवे की लंबाई | 519.58 KM |
परियोजना की लागत | 32,000 करोड़ |
लेन संख्या | 6 |
शुरुआती बिंदु | जगदीशपुर (गोरखपुर) |
आखिरी बिंदु | सिलीगुड़ी |
निर्माणकर्ता कंपनी | एनएचएआई |
निर्माण पूरा होने की तिथि | 2025 |
आगरा-ग्वालियर एक्सप्रेसवे (Agra-Gwalior Expressway)
केंद्रीय बजट के बाद सरकार ने यूपी को एक और एक्सप्रेसवे की सौगात दी है। यह नया एक्सप्रेसवे ताजनगरी आगरा से ग्वालियर के बीच बनाया जाएगा। आगरा-ग्वालियर एक्सप्रेसवे (Agra-Gwalior Expressway) की लंबाई 87 किलोमीटर के आसपास है। वर्तमान में आगरा से ग्वालियर के बीच 121 की दूरी तय करने में ढाई से तीन घंटे खर्च हो जाते हैं, लेकिन इस नए एक्सप्रेसवे के निर्माण से महज एक घंटे में सफर पूरा होगा। इसको बनाने में 4613 करोड़ रुपये का बजट खर्च होगा।
एक्सप्रेसवे (फाइल फोटो)
आगरा-ग्वालियर एक्सप्रेसवे 6 लेन हाई स्पीड कॉरिडोर का निर्माण बिल्ड ऑपरेटर ट्रांसफर (BOT) के तहत किया जाएगा। एक्सप्रेसवे आगरा के देवरी गांव से शुरू होकर धौलपुर, मुरैना होते हुए पिपरसेवा, उराहना के रास्ते सुसेरा गांव रायरू-झांसी बायपास से होगी। इसके लिए चार जिलों की 505 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहण की जाएगी।
जानकारी | विवरण |
एक्सप्रेसवे का नाम | आगरा-ग्वालियर एक्सप्रेसवे |
एक्सप्रेसवे की लंबाई | 87 किलोमीटर |
परियोजना की लागत | 4613 करोड़ रुपये |
लेन संख्या | 6 |
शुरुआती बिंदु - | देवरी गांव (आगरा) |
अंतिम बिंदु | सुसेरा गांव - रायरू-झांसी बायपास (ग्वालियर) |
निर्माणकर्ता कंपनी | एनएचएआई |
निर्माण पूरा होने की तिथि | 2027 |
लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे (Lucknow-Agra Expressway) को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए 14 किलोमीटर चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे को मंजूरी मिल चुकी है। इस ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे की डीपीआर और प्रोजेक्ट के विकास के लिए तीन कंपनियों ने आवेदन किया है। सबसे कम बिडर के रूप में एमएसवी पार्क को जिम्मेदारी दी गई है। इसे विकसित करने में 235 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान किया है। इसके बनने से लखनऊ के भीतर से ट्रैफिक से नहीं गुजरना पड़ेगा। उधर, फर्रूखाबाद होते हुए लखनऊ एक्सप्रेसवे को गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए प्रस्तावित ग्रीनफील्ड लिंक एक्सप्रेसवे को मंजूरी मिल चुकी है।
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पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्ष...और देखें
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