कस्टडी परोल पर बाहर आएगा दिल्ली दंगों का साजिशकर्ता ताहिर हुसैन, कड़कड़डूमा कोर्ट ने दी राहत

Delhi assembly election 2025: कड़कड़डूमा कोर्ट ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह ताहिर को 16 जनवरी को नामांकन के लिए ले जाएं और अगर जरूरत पड़ी तो 17 जनवरी को भी ले जाएं। कोर्ट ने ताहिर हुसैन को अपनी कानूनी मुलाकात के समय जेल में ही जरूरी कागजात जैसे कि हलफनामे आदि पर हस्ताक्षर करने की अनुमति दी।

tahir hussain

दिल्ली में विधानसभा चुनाव लड़ रहा ताहिर।

Tahir Hussain : कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को कस्टडी परोल दी है। ओवैसी की पार्टी AIMIM ने ताहिर हुसैन को मुस्तफाबाद से उम्मीदवार बनाया है। नामांकन दाखिल करने के लिए कोर्ट ने उसे कस्टडी परोल दी है। कोर्ट ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह ताहिर को 16 जनवरी को नामांकन के लिए ले जाएं और अगर जरूरत पड़ी तो 17 जनवरी को भी ले जाएं। कोर्ट ने ताहिर हुसैन को अपनी कानूनी मुलाकात के समय जेल में ही जरूरी कागजात जैसे कि हलफनामे आदि पर हस्ताक्षर करने की अनुमति दी।

हिंसा मामले में मुख्य अपराधी है ताहिर

कस्टडी पैराल’ के दौरान आरोपी अत्यावश्यक कारणों से जेल से बाहर तो आता है लेकिन वह हमेशा पुलिस की हिरासत में ही होता है। न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने चुनाव लड़ने के लिए 14 जनवरी से नौ फरवरी तक अंतरिम जमानत की हुसैन की याचिका को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि उनके खिलाफ आरोपों की गंभीरता को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, क्योंकि वह हिंसा मामले में मुख्य अपराधी हैं, जिसके कारण कई लोगों की मौत हो गई। अदालत ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि वह पूर्व पार्षद थे, उन्हें अंतरिम जमानत का हकदार नहीं माना जा सकता।

हुसैन पर कई शर्तें लगाईं

अदालत ने ‘कस्टडी पैरोल’ की अवधि के दौरान हुसैन पर कई शर्तें लगाईं, जिनमें नामांकन प्रक्रिया में संबंधित अधिकारियों के अलावा मीडिया या किसी अन्य व्यक्ति से बातचीत करने पर रोक लगाना भी शामिल है। अदालत ने कहा कि दंगों के सिलसिले में उसके खिलाफ 11 प्राथमिकी दर्ज की गई थीं और वह संबंधित धनशोधन मामले और यूएपीए मामले में हिरासत में था। अदालत ने आदेश दिया, ‘आरोपों की प्रकृति और समग्र परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, उन्हें नामांकन पत्र दाखिल करने के संबंध में औपचारिकताएं पूरी करने के लिए ‘कस्टडी पैरोल’ दी जाती है।’

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2020 में दिल्ली में हुए थे दंगे

अदालत ने प्राधिकारियों से नामांकन पत्र दाखिल करने तथा अन्य औपचारिकताएं पूरी करने में सुविधा प्रदान करने को कहा। अदालत ने स्पष्ट किया कि हुसैन नामांकन प्रक्रिया से संबंधित अधिकारियों के अलावा किसी भी व्यक्ति से बातचीत नहीं करेंगे और न ही मीडिया को संबोधित करेंगे।

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 24 फरवरी, 2020 को हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें 53 लोग मारे गए थे और कई घायल हो गए थे।

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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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