कौशांबी सीट, उत्तर प्रदेश लोकसभा चुनाव 2024: मतदान की तारीख, मुख्य उम्मीदवार और चुनाव परिणाम की डेट

Kaushambi Lok Sabha Election 2024: कौशांबी महात्मा बुद्ध की धरती के रूप में जानी जाती है। इस शहर का इतिहास रामायण और महाभारत काल से जुड़ा है। अपने इतिहास के साथ कौशांबी राजनीतिक दृष्टि से भी अहम है। कौशांबी लोकसभा सीट पर पांचवें चरण में मतदान होने है। आइए आपको कौशांबी लोकसभा सीट पर मतदान की तिथि, मतगणना की तिथि के साथ प्रमुख उम्मीदवारों के बारे में बताएं।

कौशांबी लोकसभा चुनाव 2024

Kaushambi Lok Sabha Election 2024: देश भर में लोकसभा चुनाव 2024 कुल 543 सीटों के लिए सात चरणों में आयोजित किए जा रहे है। पहले चार चरणों के चुनाव के बाद अब पांचवें चरण के चुनाव की तैयारी की जा रही है। लोकसभा चुनाव 2024 फेज 5 में मतदान आठ राज्यों की 49 लोकसभी सीट पर होने है। इसमें यूपी की 14 सीटें भी शामिल है। इन 14 सीटों में कौशांबी सीट भी है। पांचवें चरण के चुनाव 20 मई 2024 को आयोजित किए जाने हैं। इस बीच आइए आपको कौशांबी लोकसभा सीट और प्रमुख उम्मीदवारों के बारे में बताएं।

कौशांबी क्षेत्र

कौशांबी जिला 4 अप्रैल 1997 इलाहाबाद (वर्तमान प्रयागराज) से अलग होकर बना था। इस जिले को महात्मा बुद्ध की धरती के रूप में जाना जाता है। ये जिला उत्तर में प्रतापगढ़, दक्षिण में चित्रकूट, पश्चिम में फतेहपुर और पूर्व में प्रयागराज से जिले घिरा हुआ है। कौशांबी जिला का जिक्र महाभारत और रामायण की पुराणों में भी किया है। इसका इतिहास रामायण और महाभारत काल से जुड़ा है। अपने इतिहास के साथ ये क्षेत्र राजनीतिक दृष्टिकोण से भी अहम माना जाता है। पिछले दो लोकसभा चुनाव से कौशांबी लोकसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा रहा है। इस लोकसभा चुनाव में देखना ये है कि क्या बीजेपी हैट्रिक बनाती है या कोई और पार्टी इस सीट पर अपना सिक्का जमाती है।

कौशांबी लोकसभा क्षेत्र जाति समीकरण

उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में कौशांबी सीट भी शामिल है, जिस पर पांचवें चरण के चुनाव होने हैं। इस क्षेत्र की आबादी 1,599,596 है। इसमें पुरुषों की संख्या 838,485 और महिलाओं की संख्या 1761,111 हैं। इसमें हिंदू मतदाताओं की संख्या 85 प्रतिशत, मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 13 प्रतिशत है। सामान्य मतदाताओं की संख्या 50 प्रतिशत है, अनुसूचित जाति 30.7 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति 20 प्रतिशत। बता दें कि कौशांबी लोकसभा सीट पर पिछड़े वर्ग के मतदाता निर्णायक भूमिका में है।
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