अगले 48 घंटे यहां जमकर बरसेंगे बादल, IMD ने जारी किया भारी बारिश का अलर्ट

इन दिनों उत्तर भारत में भले ही भीषण गर्मी से लोग परेशान हों, लेकिन दक्षिण भारत के केरल में जमकर बारिश हो रही है। बारिश की वजह से यहां लोगों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अब मौसम विभाग ने अगले 48 घंटे में भीषण बारिश की चेतावनी दी है।

1 जून तक भारी बारिश की चेतावनी

उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में इन दिनों भीषण गर्मी का प्रकोप है। ऐसा लगता है, जैसे सूर्य से आग बरस रही हो। दिल्ली सहित कई जगह तापमान 50 डिग्री और उसके आसपास पहुंच गया है और लोग बड़ी बेसब्री से मानसून (Monsoon) का इंतजार कर रहे हैं। इधर दक्षिण भारत में जमकर बारिश हो रही है। यहां जगह-जगह जलजमाव से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। भारत मौसम विभाग (IMD) का कहना है कि केरल में अगले तीन से चार दिन में मानसून के पहुंचने के लिए परस्थितियां बिल्कुल अनुकूल हैं। IMD ने चेतावनी दी है कि अगले 48 घंटे में यहां भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।

यहां ऑरेंज अलर्ट जारी

ताजा भविष्यवाणी के अनुसार केरल के ज्यादातर हिस्सों में 1 जून 2024 तक बारिश और बिजली कड़कने की घटनाएं होती रहेंगी। मौसम विभाग ने केरल के अलापुझा, पथनामथिट्टा, कोट्टयम और एर्नाकुलम में आज यानी बुधवार के लिए बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में 115.6 मिलीमीटर से 204.4 मिलीमीटर तक बारिश हो सकती है।

यहां हुआ येलो अलर्ट जारी

तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, इडुक्की और त्रिशूर के लिए मौसम विभाग ने बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में 64.5 मिमी से 115.5 मिली तक बारिश होने की आशंका है। मौसम विभाग का का कहना है कि समूचे केरल में 1 जून 2024 तक निचले स्तर पर तेज पश्चिमी/उत्तर-पश्चिमी हवाएं जारी रह सकती हैं। कुछ स्थानों पर गरज के साथ बौछारें पड़ने और बिजली चमकने के साथ 30-40 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलने की भी संभावना है।

मछुवारों के लिए चेतावनी

मौसम विभाग ने इस दौरान मछुवारों को भी तेज हवाओं के लिए सचेत किया है। IMD के अनुसार दक्षिण केरल तट पर लगातार मौसम की स्थिति खराब बनी रह सकती है। यहां 35-45 किमी की रफ्तार से हवाएं चलती रहेंगी। यह हवाएं 55 किमी प्रति घंटा की रफ्तार तक भी पहुंच सकती हैं।

रेमल का क्या है हाल

बांग्लादेश के ऊपर बने गहरे दबाव का क्षेत्र अब पूर्व-उत्तर-पूर्व की तरफ बढ़ गया है। यह रेमल तूफान का ही हिस्सा है, जो अब कमजोर पड़कर दबाव क्षेत्र के रूप में बदल गया है।
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