Khatu Shyam Lakhi Mela 2024: इस तारीख को होगा लक्खी मेले का आगाज, इन जगहों से खाटू श्याम पहुंचना होगा आसान

Khatu Shyam Lakhi Mela 2024 : राजस्थान के सीकर जिले में 12 से 21 मार्च तक बाबा श्याम खाटू लक्खी मेले का आयोजन होना है। मेले के नजदीक कोई रेलवे स्टेशन नहीं है, लिहाजा आप वहां पहुंचने के रूट और यातायात के साधनों के बारे में यहां जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

खाटू श्याम लक्खी मेला

Lakkhi Mela 2024: बाबा खाटू श्याम की प्रसिद्धि से सभी वाकिफ हैं। यहां पूरे साल भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है। देश-दुनिया के लोग अपनी मनोकामनाएं लेकर बाबा के दर्शन को पहुंचते हैं। 'भक्त हारे का सहारा बाबा खाटू श्याम हमारा' कहते हुए अपनी समस्याओं को बाबा के सामने रखते हैं। ऐसी मान्यता है कि दरबार में अर्जी लगाने से बिगड़े काम बनने लगते हैं। बाबा श्याम के जन्मोत्सव पर प्रत्येक साल में एक बार बड़े मेले का आयोजन किया जाता है, जिस मेले को खाटू श्याम लक्खी मेला (Khatu Shyam Lakhi Mela) के नाम से जानते हैं। इस वर्ष मेले का आयोजन 12 (तृतीया) से 21 मार्च (द्वादशी) के बीच होना तय हुआ है। 20 मार्च को बाबा का जन्मदिन मनाया जाएगा। लिहाजा, उस दिन मुख्य मेला होगा। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार मेले में बड़ी संख्या में आस्थावान पहुंचेंगे। तो आइये जानते हैं लक्खी मेले का महत्व और मेले के आयोजन को लेकर क्या तैयारियां हैं।

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10 दिन चलेगा मेला

राजस्थान की सीकर जिले में खाटू श्याम का वार्षिक मेला साल 2024 का फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष में लगेगा। 10 दिवसीय मेले का आयोजन 12 मार्च से लेकर 21 मार्च तक चलेगा। मेला कमेटी को बड़ी संख्या में लोगों के आने की आशंका है। लिहाजा, स्थानीय प्रशासन और पुलिस सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर तैयारियों का खाका तैयार कर रही है। श्रद्धालुओं को बाबा के दर्शन में दिक्कतें न हों इसके लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे।

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होली तक ठहरते हैं भक्त

इस मेले को लेकर कई पौराणिक मान्यताएं हैं। तभी बाबा खाटू श्याम पर गुलाब चढ़ाने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। भक्तों को विश्वास है कि बाबा हारे का सहारा बनते हैं और बिगड़े हुए भाग्य बदलते हैं। यही कारण है कि खुशियों की चाहत में बड़ी संख्या में लोग वहां दर्शन करने पहुंचते हैं। जानकारों के मुताबिक, प्रत्येक वर्ष फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तक लक्खी मेला रहता है, जिसमें भारी संख्या में भीड़ रहती है। बहुत लोग धुलंडी तक यहीं ठहरते हैं और बाबा श्याम के साथ होली खेलकर अपने घरों को लौटते हैं।

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