Jitiya Vrat 2023: इसलिए महिलाएं रखती हैं जितिया का निर्जला व्रत, जानिए क्या है शुभ मुहूर्त

Jitiya Vrat Katha Aur Mahatav: यूपी, बिहार और झारखंड में जितिया व्रत पर्व खास और महत्वपूर्ण है। इस दिन महिलाएं अपनी संतान के सुखमय खुशहाल जीवन और लंबी उम्र के लिए 3 दिनों का व्रत रखती हैं। नहाय खाए के इस व्रत की शुरुआत होती है, जिसका समापन पारण के साथ होता है। आगे पढ़िए इससे जुड़ी पूरी कहानी...

जानें त्योहारों जितिया व्रत 2023 का महत्व तिथि शुभ मुहूर्त

Jitiya Vrat Katha Aur Mahatav: हिंदुस्तान अपनी संस्कृति, कलाओं और त्योहारों के लिए दुनिया भर में जाना जाता है। यहां प्रत्येक माह कोई न कोई महत्वपूर्ण पर्व मनाया जाता है। अश्विन माह में भी उत्तर भारत के राज्यों में जितिया व्रत बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। खासकर, यूपी, बिहार और झारखंड में जितिया व्रत पर्व का खास महत्व है। इस दिन माताएं अपनी संतान के सुखमय खुशहाल जीवन और लंबी उम्र के लिए 3 दिनों का निर्जला उपवास रखती हैं। जितिया व्रत के महिलाएं दिन पूरा दिन न अन्न ग्रहण करती हैं और न ही जल। इसके बाद जितिया व्रत का पारण दूसरे दिन शुभ मुहूर्त में ही किया जाता है। इस व्रत की शुरुआत नहाए खाए के साथ होती है। तो आइए हम आपको बताते हैं जितिया व्रत से जुड़ी प्रचलित मान्यताएं और पूजा विधि।

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जितिया व्रत नियम

जितिया का व्रत को रखना काफी कठिन माना जाता है। इस व्रत का पारण मुहूर्त देखकर ही किया जाता है। वहीं, जितिया व्रत रखने वाली महिलाएं एक दिन पहले से ही किसी पवित्र नदी में स्नान कर पूजा अर्चना करती हैं। इसके बाद सात्विक भोजन करती हैं। सात्विक यानी बिना प्याज और लहसुन वाला भोजन। उसके दिन जितिया का निर्जला व्रत रखती हैं। इसके बाद व्रत के दूसरे दिन नवमी तिथि में व्रत का पारण करती हैं। जितिया व्रत का पारण पूजा-पाठ और सूर्य देव को अर्घ्य देकर ही करना होता है। तीन दिनों तक चलने वाले इस पावन पर्व में व्रती महिलाओं को तमाम नियमों और साफ-सफाई का खास ध्यान रखना पड़ता है।

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जितिया व्रत पूजा और पारण शुभ मुहूर्त

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