Heat Wave: कहीं हीटवेव ने तोड़ा रिकॉर्ड, तो कहीं पारा पहुंचा 50 के करीब; जानें देश में क्यों पड़ रही अत्यधिक गर्मी?
Heat Wave: देश के कई शहरों में तापमान 45 डिग्री से 50 डिग्री सेल्सियस के बीच रह रहा है। लू की वजह से अब तक कई लोगों की जानें चली गई हैं। वहीं, फिलहाल इससे राहत मिलने की संभावना नहीं दिख रही है। आइए जानते हैं कि देश में अत्यधिक गर्मी बढ़ने का क्या कारण है।
फाइल फोटो।
Heat Wave: देशभर में इन दिनों प्रचंड गर्मी पड़ रही है। बढ़ते तापमान सारे रिकॉर्ड तोड़ रहे हैं। वहीं, हीटवेव से लोगों की जान जा रही है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से लेकर राजस्थान तक में बढ़ते तापमान का असर दिख रहा है। जहां राजस्थान के फलोदी में तापमान 50 डिग्री तक पहुंच गया है। वहीं, दिल्ली में 48-49 डिग्री के करीब दर्ज किया गया है। आइए जानते हैं कि आखिर देशभर में अत्यधिक गर्मी और हीट वेव का कारण क्या है।
देशभर में पड़ी रही प्रचंड गर्मी
आईएमडी द्वारा जारी आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात और मध्य प्रदेश में कम से कम 24 स्थानों पर तापमान 45 डिग्री सेल्सियस या इससे अधिक दर्ज किया गया है। इस साल में अब तक सबसे अधिक तापमान राजस्थान के फलोदी में 50 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है। दिल्ली में भी तापमान ने अपने रिकॉर्ड तोड़े हैं।
अल नीनो का प्रभाव
बता दें कि मौसम विज्ञान से जुड़े वैज्ञानिकों ने पहले ही अनुमान लगाया था कि भारत में इस बार प्रचंड गर्मी पड़ेगी और लू की भविष्यवाणी की थी। अल नीनो के प्रभाव से हवा गर्म हो जाती है, फिर इसी गर्म हवा की वजह से मौसम गर्म होने लगता है। यह वैश्विक मौसम के पैटर्न को प्रभावित करता है और उसे बदल देता है। माना जा रहा है कि अल नीनो का प्रभाव जून 2024 तक रहेगा और इस वजह से अत्यधिक गर्मी पड़ेगी।
भारत में लू का प्रकोप
भारत में लू के प्रकोप का मुख्य कारण वायुमंडलीय और समुद्री घटनाएं हैं। अल नीनो से समुद्र का तापमान बढ़ता है और उच्च दबाव के कारण भारत के कई राज्यों में भीषण गर्मी पड़ती है। जैसा कि इस बार देखा जा रहा है। कई राज्यों में उच्च तापमान रिकॉर्ड किया गया है। भारत में लू के प्रकोप से अब तक सैकड़ों लोगों की मौत (कई सालों में) हो चुकी हैं।
सांकेतिक फोटो।
तस्वीर साभार : Times Now Digital
शहरीकरण का प्रभाव
माना जा रहा कि शहरीकरण भी भीषण गर्मी का एक मुख्य कारण है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि शहरीकरण की वजह से हजारों पेड़-पौधों को नुकसान पहुंचा है। कई हरियाली क्षेत्र खत्म हो चुके हैं, जिस वजह से पर्यावरण पर इसका असर पड़ा है और वह गर्मी बढ़ाने में एक कारण बन रहा है। शहरीकरण से भीड़भाड़ भी बढ़ती है, जो गर्मी पैदा करते हैं।
मानव शरीर पर इसका प्रभाव
बता दें कि बढ़ती गर्मी का मानव शरीर पर बहुत गहरा असर पड़ रहा है। आबोहवा बदलने से मानव शरीर ज्यादा गर्मी झेलने में सक्षम नहीं हो पाता है और इससे कई बीमारी पैदा हो जाती है। इसके कई उदाहरण भी सामने आए हैं। हाल ही में राजस्थान में हीटवेव से कई लोगों की मरने की खबर सामने आई है।
क्या कहती है विश्व बैंक की रिपोर्ट?
प्रचंड गर्मी को लेकर अगर हम विश्व बैंक की रिपोर्ट पर नजर डालें तो उसमें चौंकाने वाली बात कही गई है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बढ़ती गर्मी लोगों के शरीर पर बुरा प्रभाव डालेगा और 2030 तक गर्मी से उत्पन्न तनाव की वजह से उत्पादकता में कमी आएगी और ऐसे में वैश्विक स्तर पर आठ करोड़ नौकरी खतरे में आ जाएगी। यानी कि आठ करोड़ लोगों की नौकरियां चली जाएंगी। वहीं, भारत में इस वजह से 3.4 करोड़ लोगों को नौकरी गंवानी पड़ सकती है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | शहर (cities News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
End of Article
Devshanker Chovdhary author
देवशंकर चौधरी मार्च 2024 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं और बतौर कॉपी एडिटर...और देखें
End Of Feed
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited