Aaj Mausam Ka AQI 01 November 2024 (आज की वायु गुणवत्ता): दिवाली के बाद दिल्ली में छाई धुंध, बिहार के अधिकांश शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक
दिवाली के बाद गाजियाबाद का आबो हवा खराब
दिल्ली से सटे गाजियाबाद का हाल भी प्रदूषण से खराब हो गया है। यहां की आबोहवा भी जहरीली हो गई है। दिवाली के बाद गाजियाबाद का एक्यूआई 306 दर्ज किया गया है। आने वाले दिनों में हवा और खराब होने की संभावना जताई जा रही है।नोएडा का एक्यूआई 200 के पार
नोएडा में भी प्रदूषण है की बढ़ता जा रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, यहां 274 एक्यूआई दर्ज किया गया है। यहां की हवा खराब श्रेणी में दर्ज की गई है।दिल्ली का एक्यूआई
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, दिवाली के बाद दिल्ली का एक्यूआई 328 पहुंच गया है। ये बहुत ही खराब श्रेणी में दर्ज किया गया है। शहर में धुंध की हल्की परत देखी गई है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में और स्थिति खराब हो सकती है।दिल्ली में प्रदूषण को लिए पटाखें जिम्मेदार-गोपाल राय
दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री राय ने कहा कि कुछ लोगों ने पटाखे जलाए, अगर लोग पटाखे नहीं जलाते तो दिल्ली की वायु गुणवत्ता में और सुधार होता।दिवाली के बाद दिल्ली में धुंध छाई
दिल्ली में शुक्रवार को धुंध की मोटी परत छाई रही और राष्ट्रीय राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘बहुत खराब’ श्रेणी में 362 दर्ज किया गया। दिवाली के दौरान लोगों ने राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों पर लगे प्रतिबंध का जमकर उल्लंघन किया। दिल्ली में पिछले तीन वर्षों में सबसे प्रदूषित दिवाली भी इस साल दर्ज की गई।दिल्ली में प्रदूषण के लिए सरकार जिम्मेदार: प्रदीप भंडारी
भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी के मुताबिक दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के लिए आम आदमी पार्टी सरकार जिम्मेदार है। उन्होंने ये भी कहा कि ये लोग खाली आरोप प्रत्यारोप के खेल में उलझे हुए हैं।कुंज में यमुना नदी पर जहरीला झाग तैरता देखा गया
दिल्ली में एंटी-स्मॉग गन के जरिए पानी का छिड़काव
बिहार में भी प्रदूषण का स्तर बढ़ा
दिवाली की रात बिहार के अधिकांश शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया। पटाखों के इस्तेमाल के कारण राज्य के कई शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 200 से ऊपर पहुंच गया, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक माना जाता है। पूर्णिया जिले में प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक 280 दर्ज किया गया। इसके अलावा, हाजीपुर (265), बेतिया (243), और कटिहार (211) में भी प्रदूषण का स्तर गंभीर स्तर पर पहुंच गया। मुजफ्फरपुर (187), किशनगंज (168), पटना, भागलपुर, और बेगूसराय (150) में भी प्रदूषण का स्तर काफी अधिक रहा। हालांकि, राज्य के कुछ जिलों की स्थिति बेहतर रही। मुंगेर (97), छपरा (90), आरा (57), सासाराम (55), और बिहारशरीफ (49) में प्रदूषण का स्तर तुलनात्मक रूप से कम रहा।दिल्ली में धुंध की एक पतली परत छाई
पीएम 10 के स्तर में 49.2-85.7 प्रतिशत धूल का योगदान
हरित अधिकरण के समक्ष दायर एटीआर में कहा गया है कि गाजियाबाद और लखनऊ के लिए पूरे किए गए अध्ययन से पता चला है कि पीएम 10 के स्तर में 49.2-85.7 प्रतिशत योगदान सड़क की धूल का था। परिवहन क्षेत्र छह से सात प्रतिशत प्रदूषण के लिए जिम्मेदार था।
केंद्र द्वारा एनजीटी को दिए एक्शन टेकेन रिपोर्ट
केंद्र द्वारा एनजीटी को दिए एक्शन टेकेन रिपोर्ट (एटीआर) में कहा गया है, "इन 19 शहरों के लिए 2019-20 से 2023-24 तक एनसीएपी के तहत 1,701.54 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई है और इन शहरों द्वारा 1,500.58 करोड़ रुपये की राशि का उपयोग किए जाने की सूचना दी गई है। इसके अलावा, वायु प्रदूषण में कमी के लिए वार्षिक कार्य योजनाओं को लागू करने के लिए वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 600.01 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि 19 में से 17 शहरों ने 2017-18 के मुकाबले 2023-24 में वायु गुणवत्ता में सुधार दिखाया है।
राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के अंतर्गत 19 शहर शामिल
राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के अंतर्गत 19 शहरों को शामिल किया गया है और कार्य योजनाओं की नियमित निगरानी और कार्यान्वयन के लिए विभिन्न स्तरों पर समितियां गठित की गई हैं जिसमें मुख्य सचिव के अधीन संचालन समिति, पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव या प्रधान सचिव के अधीन वायु गुणवत्ता निगरानी समिति और जिला कलेक्टर या नगर आयुक्त के अधीन जिला/शहर स्तरीय निगरानी और कार्यान्वयन समिति शामिल है
11 शहरों में प्रदूषण के स्रोतों के आंकलन का अध्ययन
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) को बताया है कि देश के 11 शहरों ने वायु प्रदूषण नियंत्रण उपायों को प्राथमिकता देने के साथ ही साथ प्रदूषण के विभिन्न स्रोतों का आकलन करने के अध्ययन पूरा कर लिया है। इन 11 शहरों में पटना, दिल्ली, बद्दी, धनबाद, भोपाल, ग्वालियर, नवी मुंबई, मंडी गोबिंदगढ़, लुधियाना, गाजियाबाद और लखनऊ शामिल हैं।
कितना प्रदूषण सामान्य, कितना प्रदूषण खतरनाक
शून्य से 50 के बीच वायु गुणवत्ता सूचकांक को ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है।
15 नवंबर तक चरम पर होगा प्रदूषण
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के विश्लेषण के अनुसार, शहर में एक से 15 नवंबर तक प्रदूषण चरम पर होता है, जब पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ जाती हैं।
दिल्ली में 40 निगरानी केंद्र कर रहे काम
दिल्ली के 40 निगरानी केंद्रों में से 38 में हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई। मौसम विभाग द्वारा तय पैमाने के मुताबिक, शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 को ‘मध्यम’, 201 से 300 को ‘खराब’, 301 से 400 को ‘बहुत खराब’ तथा 401 से 500 को ‘गंभीर’ माना जाता है।
गाजियाबाद, गुरुग्राम, ग्रेटर नोएडा और नोएडा में वायु गुणवत्ता थोड़ी बेहतर
गाजियाबाद, गुरुग्राम, ग्रेटर नोएडा और नोएडा में वायु गुणवत्ता थोड़ी बेहतर रही और इसे ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया। इसके विपरीत, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता 181 के साथ ‘मध्यम’ श्रेणी में रही।
पिछले 8 साल में ऐसा रहा दिल्ली का एक्यूआई
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, 2023 में दिवाली के दिन आसमान साफ था और धूप खिली रही थी। एक्यूआई 218 दर्ज किया गया था जबकि 2022 में 312, 2021 में 382, 2020 में 414, 2019 में 337, 2018 में 281, 2017 में 319 और 2016 में 431 एक्यूआई दर्ज किया गया था।
हरियाणा-पंजाब में दिवाली की रात एक्यूआई ‘बहुत खराब'
रियाणा में कई स्थानों पर बृहस्पतिवार को दिवाली की रात वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘खराब’ और ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया। पंजाब के साथ-साथ चंडीगढ़ में भी कई स्थानों पर एक्यूआई ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया।
दिल्ली में दिवाली के दिन वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब' रही
दिवाली के दिन बृहस्पतिवार को दिल्ली की वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई और रात में पटाखे जलाने के कारण इसके ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया। दिल्ली में लोग गुरुवार की सुबह जब जगे, तो आसमान में धुंध की मोटी चादर छाई देखी। राष्ट्रीय राजधानी के आनंद विहार में हवा सबसे अधिक प्रदूषित रही और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया गया।
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