Loksabha Election 2024: बोट पर वोट मांग रहे माननीय, तैरते मतदान केंद्रों में नई-नवेली दुल्हन सी सजकर आएगी EVM

डल झील के करीब 18 किमी क्षेत्र में करीब 50 हजार वोटर्स हैं, जिन्हें रिझाने के लिए राजनीतिक पार्टियां अपनी ओर से भरसक प्रयास कर रही हैं। चुनाव आयोग यहां के रहवासियों के लिए मतदान केंद्र भी बोटहाउस पर ही बना रहा है।

Dal-Lake
मुख्य बातें
  • 18 किलोमीटर में फैली है डल झील, करीब 50 हजार वोटर्स
  • हाउस बोटों में बनेंगे 30 मतदान केंद्र
  • श्रीनगर-गांदरबल लोकसभा सीट पर 13 मई को होगा मतदान
चार चिनार खामोश हैं। डल झील के पानी में भी कोई हलचल नहीं हैं। कश्मीर की वादियां शांत हैं, लेकिन यह चुप्पी ज्यादा देर रहने वाली नहीं है। क्योंकि सूरज की गर्मी बढ़ने के साथ ही यहां सियासी पारा चढ़ना भी शुरू हो चुका है। बल्कि सूरज की गर्मी से ज्यादा डल झील की ठंडी सतह पर चुनावी गर्माहट की लहरें हैं। लोकसभा चुनाव 2024 के लिए प्रचार जोर पकड़ चुका है। राजनीतिक दल भी डल में रहने वाले लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे। जानते हैं कैसा है डल में चुनावी सियासी गर्मी का हाल -
उम्मीदवार और राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता डल में लोगों को अपनी-अपनी योजनाएं गिनाकर रिझाने का प्रयास कर रहे हैं। उधर प्रशासन भी डल में नुक्कड़ नाटक व सांस्कृति कार्यक्रमों के जरिए वोटरों को जागरुक करने में जुटा है। बता दें कि श्रीनगर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली डल झील 18 किमी के क्षेत्र में फैली है, जिसमें करीब 50 हजार मतदाता हैं।

हाउस बोट में होगा मतदान

डल के 18 किमी के क्षेत्र में रहने वाले करीब 50 हजार मतदाताओं के लिए मतदान की भी खास व्यवस्था की गई है। जिस तरह से हनीमून पर यहां आने वाली नई-नवेली दुल्हन सज-धजकर शिकारे की सैर करती है, हाउसबोट का लुत्फ लेती है... उसी तरह से यहां के मतदाताओं के लिए EVM मशीन भी आएगी। करीब 50 हजार वोटरों के लिए यहां हाउस बोटों पर 30 मतदान केंद्र बनाए जाएंगे, जिससे यहां के रहवासी आसानी से मतदान कर सकें।

प्राचर से वोट तक डल में

इसमें तो कोई शक नहीं की डल झील बहुत ही खूबसूरत है और इसके लिए यह दुनियाभर में मशहूर भी है। डल यहां के लोगों के जीवन से बहुत करीब से जुड़ी है। यहां उम्मीदवार और उनकी कार्यकर्ता डल में ही प्रचार के लिए पहुंच रहे हैं। डल में ही उनके लिए मतदान केंद्र भी बनाए जा रहे हैं। यहां के रहवासियों की मांगें भी डल को लेकर ही हैं। डल झील कश्मीर में सियासी गतिविधियों का केंद्र भी रही है। लोकसभा चुनाव हों या विधानसभा चुनाव, यहां चुनावी गतिविधियों से माहौल हमेशा गर्म रहता है। डल झील में मीर बैहरी, आबी कारपोरा, चंदपोरा जैसे कई छोटे-बड़े मोहल्ले हैं। यही नहीं डल झील को चार वार्डों में भी बांटा गया है, जिनके नाम सोनवार, खानगार, हजरतबल तथा हब्बा कदल हैं।

13 मई को मतदान

डल श्रीनगर-गांदरबल लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है, जिसके लिए 13 मई को मतदान होगा। इस सीट के लिए नॉमिनेशन की प्रक्रिया 18 अप्रैल से 25 अप्रैल तक चलेगी। नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और भाजपा ने अभी तक यहां से अपने उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं। हालांकि, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। उम्मीदवार भले ही तय न हो, लेकिन भाजपा डल के रहवासियों को अपनी ओर करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही। नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी और अन्य क्षेत्रीय दल भी अपने-अपने समीकरण बिठाने में जुटे हैं।
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