विदिशा लोकसभा चुनाव 2024: जानिए Vidisha में मामा और दादा में किसका पलड़ा भारी, Exit Poll क्या कहते हैं ?

लोकसभा चुनाव 2024 के सातों चरणों के लिए वोटिंग खत्म हो चुकी है। 1 जून को आखिरी चरण की वोटिंग के साथ अब एग्जिट पोल के आंकड़े सामने आएं हैं। एग्जिट पोल के इन आंकड़ों ने विपक्ष की चिंता बढ़ा दी है। आइए जानते हैं क्या कहते हैं एग्जिट पोल के नतीजे-

विदिशा लोकसभा चुनावा 2024

Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में मध्य प्रदेश की विदिशा सीट (Vidisha Loksabha Seat) पर सभी की निगाहें हैं। विदिशा एपमी के महत्वपूर्ण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है। साल 1967 में देश के लिए हो रहे चौथे लोकसभा निर्वाचन के दौरान विदिशा अस्तित्व में आया था। आपको बता दें कि शांति का नोबेल जीतने वाले कैलाश सत्याार्थी यहीं से हैं। विदिशा ऐतिहासिक और पुरातात्विक दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। इस बार यहां से भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कांग्रेस से पूर्व सांसद प्रतापभानू शर्मा के बीच मुकाबला है। आपको बता दें कि चार बार सांसद रह चुके शिवराज चौहान यहां मामा के नाम से जाने जाते हैं। वहीं पूर्व सांसद प्रतापभानू शर्मा की पहचान दादा के नाम से हैं। सातों चरणों के लिए वोटिंग खत्म होने के बाद, 4 जून को लोकसभा चुनाव 2024 का परिणाम घोषित होने वाला है, जिसमें पता चल जाएगा कि विदिशा की जनता ने इस बार किसे चुना है।

शिवराज सिंह चौहान

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान साल 2024 का लोकसभा इलेक्शन विदिशा से लेड़ने वाले हैं। विदिशा से चार बार सांसद रह चुके हैं। पिछले साल मध्य प्रदेश के चुनावों में पार्टी की भारी जीत के बाद मोहन यादव ने मुख्यमंत्री पद से हटा दिया था। उन्होंने 13 साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वंयम सेवक संघ में शामिल हो गए थे। साल 1991 में उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा था विदिशा सीट से जीत हासिल की थी। साल 1992 में उन्हें भाजपा का राज्य महासचिव नियुक्त किया गया। सिंह चौहान ने साल 1996, 1998, 1999 और 2004 में विदिशा से चुनाव जीते थे। साल 2005 में उन्होंने मध्य प्रदेश में बीजेपी अध्यक्ष बने और उसी साल वह मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। शिवराज सिंह चौहान, जिन्हें मामा के नाम से जाना जाता है। वह साल 2018 तक मुख्यमंत्री रहे। साल 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया और सिंह चौहान के के नेतृत्व में चुनाव लड़ा। जिसमें पार्टी ने 163 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही।

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