ये है भारतीय रेल का सबसे लंबा रूट, साढ़े तीन दिन के लिए बुक होती है सीट
वंदे भारत के लगातार बढ़ते नेटवर्क और बुलेट ट्रेन के निर्माण की गति भारत को नए युग में लेकर जा रही है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में सबसे लंबा रेल रूट कौन सा है? इस रूट पर ट्रेन कितने किमी का सफर तय करती है और सफर में कितना समय लगता है।
भारतीय रेलवे
भारत की बात होती है तो भारतीय रेल की बात भी स्वत: ही शुरू हो जाती है। क्योंकि इतने बड़े देश को एक सूत्र में पिरोने का काम अगर कोई कर रहा है तो वह भारतीय रेल ही है। कश्मीर से कन्याकुमारी और कच्छ से कोहिमा तक भारत बहुत बड़ा देश है। इतने बड़े देश में एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए वैसे तो हवाई जहाज की सुविधा भी है। लेकिन आम गरीब और मिडिल क्लास के लिए बस और रेल आसान व सस्ते साधन हैं। छोटी दूरी के लिए बस का सफर आसान होता है, लेकिन लंबी दूरी के लिए आज भी ट्रेन ही एकमात्र माध्यम है। बात लंबी दूरी की है तो क्या आप जानते हैं कि देश में सबसे लंबा रेल रूट कौन सा है? क्या आप जानते हैं कि इस सबसे लंबे रेल रूट में ट्रेन सोर्स स्टेशन से डेस्टिनेशन स्टेशन तक पहुंचने में कितने दिन या समय लेती है? नहीं जानते तो कोई बात नहीं, आज हम इसी पर बात करेंगे।
देश के सबसे बड़े रेल रूट पर भी बात करेंगे। लेकिन पहले जान लेते हैं अभी देश में रेलवे के चेहरे को कैसे बदला जा रहा है। वंदे भारत ट्रेनों (Vande Bharat Trains) ने भारतीय रेलवे को नया लुक दिया है। यह सेमी हाइस्पीड ट्रेनें 500 किमी तक की दूरी पर बसे दो शहरों के बीच चलाई जा रही हैं। यह ट्रेनें देखनें में पुरानी भारतीय ट्रेनों से अच्छी हैं और इनकी स्पीड भी ज्यादा है। इसके अलावा स्लीपर वंदे भारत चलाने का प्लान भी बनाया जा रहा है। अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन (Ahmedabad-Mumbai Bullet Train) का काम भी तेजी से चल रहा है। चुनाव बाद तीन और बुलेट ट्रेन के रूट पर रेलवे विचार कर रहा है।
ये दो ट्रेनें हैं लंबी दूरी की ट्रेनेंजब भी देश की लंबाई-चौड़ाई की बात होती है तो कश्मीर से कन्याकुमारी का जिक्र जरूर होता है। तो कन्याकुमारी से श्रीमाता वैष्णो देवी कटरा स्टेशन तक चलने वाली हिमसागर एक्सप्रेस (Himsagar Express) की बात भी होगी। इस रूट पर ट्रेन 3788.7 किमी का सफर तय करती है और इसमें ट्रेन को करीब 69 घंटे का समय लगता है। इस दौरान यह ट्रेन 65 स्टेशन पर रुकती है। सिल्चर और तिरुवनंतपुरम सेंट्रल के बीच चलने वाली तिरुवनंतपुरम-सिल्चर अरोणय सुपरफास्ट एक्सप्रेस (Thiruvananthapuram–Silchar Aronai Superfast Express) इस रूट पर 3,915.5 किमी का सफर करीब 72 घंटे में तय करती है। इस दौरान ट्रेन 57 स्टेशनों पर रुकती है।
डिब्रूगढ़-कन्याकुमार विवेक एक्सप्रेस
सबसे लंबी दूरी की ट्रेनदेश में सबसे लंबी दूरी की ट्रेन डिब्रूगढ़ और कन्याकुमारी के बीच चलती है। सप्ताह में पांच बार चलने वाली डिब्रूगढ़-कन्याकुमार विवेक एक्सप्रेस (Dibrugarh–Kanyakumari Vivek Express) कुल 4,154.1 किमी का सफर तय करती है। इतने बड़े रूट में ट्रेन कुल 58 स्टेशनों पर रुकती है, जहां से यात्री इसमें सवार होते हैं और उतरते हैं। ट्रेन को यह सफर तय करने में 75 घंटे से ज्यादा लगते हैं। इस तरह से यह ट्रेन तीन दिन से ज्यादा का समय लेकर सोर्स स्टेशन से डेस्टिनेशन तक पहुंचती है। ज्ञात हो कि भारत की यह सबसे लंबी दूरी की ट्रेन, दुनिया में 24वीं सबसे लंबी दूरी की रेल सेवा है।
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इन राज्यों से होकर जाती है ट्रेन19 नवंबर 2011 को पहली बार चली डिब्रूगढ़-कन्याकुमार विवेक एक्सप्रेस (Dibrugarh–Kanyakumari Vivek Express) डिब्रूगढ़ से चलती है तो यह असम, नागालैंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, केरल और तमिलनाडु को जोड़ती है। ट्रेन में 1 सेकेंड एसी, 4 थर्ड एसी, 11 स्लीपर, 3 जनरल और एक पैंट्री कार होती है।
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