Meerut: मेडिकल कॉलेज में फर्जी अल्पसंख्यक प्रमाणपत्र से 17 एडमिशन, पूरे प्रदेश में जांच के आदेश
Fake Minority Certificate: मेरठ के एक मेडिकल कॉलेज में फर्जी अल्पसंख्यक प्रमाणपत्र से 17 छात्रों के एडमिशन का खुलासा हुआ है। जिसके बाद महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा ने पूरे प्रदेश में जांच के आदेश दिए हैं।
MBBS में फर्जी प्रमाणपत्र से एडमिशन (सांकेतिक फोटो)
Fake Minority Certificate: उत्तर प्रदेश में फर्जी अल्पसंख्यक प्रमाणपत्र के जरिए MBBS में एडमिशन दिलाने वाले गैंग का मामला सामने आया है। मेरठ के एक मेडिकल कॉलेज में फर्जी अल्पसंख्यक प्रमाणपत्र के जरिए 17 अभ्यर्थियों के एडमिशन हुए हैं। इस मामले के खुलासे के बाद विभाग में हड़कंप मचा गया है। मेरठ के अलावा इस गिरोह का कनेक्शन कहां-कहां तक फैला है, यह जानने के लिए महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा किंजल सिंह ने पूरे यूपी में जांच के आदेश दिए गए हैं। फर्जी प्रमाणपत्र वाले अभ्यर्थियों का एडमिशन निरस्त कर दिया जाएगा।
नोडल सेंटर में जांच में नहीं पकड़े गए प्रमाण पत्र
उत्तर प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में DGMI की ओर से एमबीबीएस और बीडीएस में एडमिशन के लिए ऑनलाइन काउंसलिंग कराई जा रही है। काउंसलिंग का पहला चरण पूरा हो गया है। इस बीच मेरठ के एक मेडिकल कॉलेज से फर्जी अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र लगाकर एडमिशन लेने का खुलासा हुआ। इस मेडिकल कॉलेज में 17 छात्रों के एडमिशन फर्जी प्रमाणपत्र से लेने की शिकायत मिली है। लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि नोडल सेंटर में प्रमाण पत्रों की जांच के दौरान भी इन फर्जी प्रमाण पत्र को पकड़ा नहीं जा सका।
दोषी पाए जाने वाले के खिलाफ होगी कार्रवाई
चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक ने गृह विभाग और अल्पसंख्यक विभाग को इस पूरे मामले की जानकारी भेजी है। यह गिरोह किन अफसरों की मदद से फर्जी प्रमाणपत्र बनवा रहा है, इसकी भी जांच की जा रही है। महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा ने कहा है कि इस मामले की जांच में दोषी पाए जाने वाले लोगों का एडमिशन निरस्त किया जाएगा। साथ ही उनके खिलाफ विधिक कार्रवाई भी होगी।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | लखनऊ (cities News) और बजट 2024 (Union Budget 2024) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
End of Article
Pooja Kumari author
पूजा सितंबर 2023 से Timesnowhindi.com से जुड़ी हुई हैं। यहां बतौर कॉपी एडिटर सिटी न्यूज, मेट्रो- रेल...और देखें
End Of Feed
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited