Lucknow: लखनऊ में निजी ब्लड बैंकों में बायोमीट्रिक सिस्टम होगा लागू, अंगूठे का निशान लेने के बाद मिलेगा खून
Biometric System: खून के सौदागरों पर लगाम लगाने के लिए बड़ा फैसला लिया गया है। लखनऊ में अब निजी ब्लड बैंकों में बायोमीट्रिक सिस्टम लागू किया जाएगा। इसमें अंगूठे का निशान लेने के बाद ही जरूरतमंद को ब्लड दिया जाएगा। इससे खून के अवैध कारोबार पर काफी हद तक लगाम लगेगी। प्रोफेशनल डोनर आसानी से पकड़ में आएंगे।
लखनऊ में निजी ब्लड बैंकों में बायोमीट्रिक सिस्टम लागू होगा (प्रतीकात्मक तस्वीर)
मुख्य बातें
- खून के सौदागरों पर लगाम लगाने के लिए बड़ा फैसला
- निजी ब्लड बैंकों में बायोमीट्रिक सिस्टम लागू होगा
- अंगूठे का निशान लेने के बाद ही जरूरतमंद को दिया जाएगा ब्लड
Lucknow Blood Banks: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) की टीम ने शहर के कई निजी ब्लड बैंकों का निरीक्षण किया। इस दौरान कई जगह डोनर का रिकॉर्ड आधा-अधूरा मिला। टीम ने इन्हें दुरुस्त करने का निर्देश दिए हैं। वहीं, अब निजी ब्लड बैंकों में बायोमीट्रिक सिस्टम लागू होगा। इसमें अंगूठे का निशान लेने के बाद ही जरूरतमंद को खून दिया जाएगा। इस प्रक्रिया से प्रोफेशनल डोनर आसानी से पकड़ में आएंगे। लखनऊ में खून का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है।
प्रोफेशनल डोनर एक फोन पर खून देने के लिए तैयार हैं। निजी ब्लड बैंकों से पूरा खेल चल रहा है। ऐसे में एफएसडीए के अफसरों ने निजी ब्लड बैंकों का जायजा लिया। कई जगह डोनर के अधूरे रिकॉर्ड पर अफसरों ने आपत्ति भी जताई।
तीमारदार की जगह खून लेने जाते हैं कर्मचारीअधिकारियों ने सख्त हिदायत दी है कि डोनर का आधार कार्ड, मोबाइल नंबर समेत अन्य दस्तावेजों के सत्यापन के बाद ही ब्लड दें। सहायक मंडल आयुक्त बृजेश के अनुसार, सभी सरकारी और निजी ब्लड बैंक में बायोमीट्रिक सिस्टम लागू होगा। इससे खून के अवैध कारोबार पर काफी हद तक लगाम लगेगी। बता दें कि निजी अस्पतालों में भर्ती रोगियों के तीमारदार खुद खून लेने ब्लड बैंक नहीं जाते हैं। इनकी जगह अस्पताल के कर्मचारी ही ब्लड बैंक जाते हैं। कई मामलों में इस बात का खुलासा हो चुका है। आरोप है कि बिना डोनर ब्लड देने की एवज में निजी ब्लड बैंक सात हजार रुपये तक लेते हैं। निगेटिव ब्लड ग्रुप बिना डोनर के ही आठ से दस हजार रुपये में मिल जाता है।
पेशेवर रक्तदाता समेत गैंग के सरगना पर मुकदमाड्रग इंस्पेक्टर माधुरी सिंह के अनुसार, सीएमओ को पत्र भेज दिया है। इनके जरिए सभी निजी अस्पतालों को पत्र भेजकर तीमारदार को ही ब्लड बैंक भेजने की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के निर्देश जारी किए जाएंगे। उधर, बलरामपुर अस्पताल में 26 जनवरी को पकड़े गए पेशेवर रक्तदाता समेत गैंग के सरगना पर मुकदमा दर्ज हो गया है। चौपटिया के खानपुर मऊ के रहने वाला अजय कुमार कश्यप डफरिन में भर्ती मरीज का डोनर बनकर ब्लड देने आया था। शक होने पर ब्लड बैंक के कर्मचारियों ने अफसरों को बुला लिया। आरोपी ने कबूल किया कि वह चार हजार रुपये के लिए खून देने आया था।
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