Lucknow KGMU: लखनऊ के लोगों के लिए राहत, अब केजीएमयू में भी होंगी ब्लड कैंसर से जुड़ी जांच

Blood Cancer Test In KGMU: लखनऊ स्थित केजीएमयू के पैथोलॉजी विभाग में अब ब्लड कैंसर से जुड़ी अधिकतर जांचें होंगी। विभाग ने इन जांचों के लिए जरूरी उपकरण जुटा लिए है। केजीएमयू के साइटोजेनेटिक लैब सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च की ओर से आयोजित सीएमई में पैथोलॉजी विभाग की डॉ. रश्मि कुशवाहा ने ये जानकारी दी।

अब केजीएमयू में भी होंगी ब्लड कैंसर से जुड़ी जांचें

मुख्य बातें
  • केजीएमयू में भी होंगी ब्लड कैंसर से जुड़ी जांच
  • 24 घंटे जांच की सुविधा मरीजों को मिलेगी।
  • पीजीआई के समान दर पर होगी इसकी शुरुआत


Blood Cancer Test In KGMU: किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के पैथोलॉजी विभाग में अब ब्लड कैंसर से जुड़ जांच होंगी। इसकी तैयारियां पूरी हो गई हैं। जरूरी संसाधन भी जुटा लिए हैं। लखनऊ स्थित पीजीआई संस्थान के समान दर पर इनकी शुरुआत की जाएगी। केजीएमयू के साइटोजेनेटिक लैब सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च की तरफ से आयोजित सीएमई में पैथोलॉजी विभाग की डॉ. रश्मि कुशवाहा ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हेमेटोलॉजी विभाग में ब्लड कैंसर के रोगियों का इलाज किया जाता है। इस समय ब्लड कैंसर की कई जांचें होती हैं, लेकिन अभी भी सीएमएल और कई आधुनिक जांच नहीं हो पाती हैं।
इसी परेशानी को देखते हुए लैब का विस्तार किया है। जल्द ही ब्लड कैंसर की जांच अस्पताल में शुरू होगी। इसमें खून का नमूना लेकर 24 घंटे के अंदर मरीजों को रिपोर्ट उपलब्ध करा दी जाएगी। पीजीआई के बराबर या उससे कम दर पर रोगियों को जांच की सुविधा मुहैया कराने की तैयारी की जा रही है।

अत्याधिक रक्तस्राव होने पर महिलाएं तुरंत लें डॉक्टर से सलाह

फैकल्टी इंचार्ज सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च डॉ. अमिता जैन के अनुसार, डाउन सिंड्रोम और थैलीसीमिया समेत अन्य दूसरी जांच केजीएमयू में की जा रही हैं। बच्चे में खून की कमी होने पर चिकित्सकों से सलाह लेनी चाहिए। क्वीनमेरी की डॉ. निशा सिंह ने कहा कि महिलाओं में बच्चेदानी के मुंह के कैंसर तेजी से बढ़ता जा रहा है। अगर समय पर जांच की जाए तो बीमारी पर काबू पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि अत्याधिक रक्तस्राव होने पर महिलाओं को तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। लोहिया संस्थान में पैथोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. नुजहत हुसैन के अनुसार, रेडियोलॉजी संबंधी जांच जैसे सीटी स्कैन और एक्सरे आदि को भी बार-बार कराने से बचना चाहिए। ऐसे में कैंसर की आशंका बढ़ जाती है। डॉक्टर की सलाह पर जांच कराएं तो बेहतर है।
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