Lucknow News: एक अप्रैल से बदलेंगे कार बाजार के नियम, संचालकों को लेना होगा ट्रेड लाइसेंस, देनी होगी फीस

Car Market Rules: सड़क परिवहन मंत्रालय ने सेकेंड हैंड गाड़ियों की खरीद और बिक्री से जुड़े नियमों में बदलाव करने की घोषणा की है। यह बदलाव एक अप्रैल 2023 से लागू होंगे। नए नियम के तहत कार बाजार संचालकों की मनमानी पर रोक लगेगी। सेकेंड हैंड कार बाजार संचालकों को भी परिवहन विभाग से ट्रेड लाइसेंस लेना जरूरी होगा। लखनऊ समेत यूपी के कार बाजार एक अप्रैल से परिवहन विभाग के नियंत्रण में आ जाएंगे।

लखनऊ में सेकेंड हैंड कार को लेकर पहली अप्रैल से लागू होंगे नए नियम

मुख्य बातें
  • कार बाजार संचालकों की मनमानी पर लगेगी रोक
  • सेकेंड हैंड कार को लेकर पहली अप्रैल से लागू होंगे नए नियम
  • लखनऊ में लगभग 300 कार बाजार की दुकानें

Second Hand Cars: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कार बाजार संचालकों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए पहली अप्रैल से नए नियम लागू हो जाएंगे। शोरूम डीलरों की तर्ज पर सेकेंड हैंड कार बाजार संचालकों को भी परिवहन विभाग से ट्रेड लाइसेंस लेना जरूरी होगा। केंद्रीय परिवहन मंत्रालय की तरफ से उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग को गाइडलाइन भेज दी गई है। कार बाजार से अनधिकृत रूप से हो रही वाहनों की खरीद फरोख्त की शिकायतों के चलते यह फैसला लिया गया है। लखनऊ समेत यूपी के कार बाजार एक अप्रैल से परिवहन विभाग के नियंत्रण में आ जाएंगे। जबकि कार बाजार संचालक अभी तक पुराने वाहनों को खरीद कर उन्हें बेचते हैं, जिसमें विभाग की भूमिका सिर्फ गाड़ियों के ट्रांसफर और आरटीओ में पंजीकरण तक ही सीमित थी।

इसके अलावा, कार बाजार संचालक वाहन खरीदने और बेचने वाले यानि दोनों पार्टियों से कमीशन लेते हैं। परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान इनका व्यवसाय काफी अच्छा चला था। ऐसे में अब इन्हें नियंत्रण में लाने की कोशिश की जा रही है।

कार बाजार संचालकों को लाइसेंस की चुकानी होगी फीसविभाग की ओर से वाहनों की खरीद और बिक्री के लिए लाइसेंस लेना जरूरी कर दिया गया है। इसके लिए कार बाजार संचालकों को फीस भी चुकानी होगी। हालांकि, फीस अभी तय नहीं की गई है। अधिकारियों का कहना है कि कार बाजार संचालकों को प्राधिकार पत्र भी जारी किया जाएगा। नए शोरूम डीलर की तरह ही पुराने वाहनों को बेचने पर विभाग की ओर से एक आईडी जारी की जाएगी। जिसके बाद कार बाजार संचालक पंजीकरण कराकर डिजिटल तरीके से खरीद फरोख्त कर सकेंगे। राजधानी लखनऊ में लगभग 300 कार बाजार की दुकानें हैं। जबकि प्रदेशभर में कार बाजारों की संख्या कई हजार है।

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