यूपी में 50 साल पुराने पुल होंगे बंद! बिहार में ब्रिज ढहने पर योगी सरकार का बड़ा फैसला

यूपी में 50 वर्ष पुराने सभी सेतुओं का सूक्ष्मता से निरीक्षण कराने के लिए सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। अगर, निरीक्षण में कोई पुल चलने योग्य नहीं है तो उसे तत्काल प्रभाव से बंद करने के निर्देश दिए गए हैं।

सीएम योगी आदित्यनाथ

मुख्य बातें
मुख्य बातें
  • बिहार में पुल ढहने की घटनाओं के बाद जागी यूपी सरकार
  • सीएम योगी ने 50 साल पुराने पुलों के निरीक्षण के दिए आदेश
  • निरीक्षण में मानक पर खरे न उतरने पर ऐसे पुलों पर यातायात बंद होगा
लखनऊ : बिहार में लगातार पुलों के ढहने की खबरें सामने आने के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ सतर्क हो गए हैं। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रदेश में 50 साल की अवधि पूरी कर चुके सेतुओं के निरीक्षण के आदेश दिए हैं। इसके अलावा उन्होंने विभिन्न परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए निर्माणकार्यों को तय समय सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि कार्यों गुणवत्ता की कमी नहीं होनी चाहिए।

मानक पर खरा न उतरने पर बंद होंगे पुल

सीएम योगी ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा है कि राज्य में 50 वर्ष पूरे करने वाले सभी पुलों का निरीक्षण किया जाए। उनके सुपर स्ट्रक्चर, पियर की स्थिति, सेतुओं में वाटर-वे ब्लाकेज, पियर के साइड में स्कावर होल, सेतु के एबटमेंट ढाल और बोलेडर का परीक्षण होना चाहिए। सीएम ने कहा निरीक्षण में अगर सेतु असुरक्षित दिखें तो तत्काल प्रभाव से उसमें यातायात बंद किया जाए।

सरकार की उपलब्धियां गिनाईं

सीएम ने अपने सात साल के कार्यों को गिनाते हुए कहा कि प्रदेश की रोड कनेक्टिविटी में अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। साल 2017 के सापेक्ष आज 2024 में स्टेट हाइवे 7002 किमी से बढ़कर 10214 किमी हो गया है, जबकि ग्रामीण मार्गों की लंबाई 1,87,517 किमी से बढ़कर 1,93,581 किमी हो गई है। इसी प्रकार, प्रमुख जिला मार्गों और अन्य जिला मार्गों में भी विस्तार हुआ है। इसके अलावा सीएम ने कांवड़ यात्रा से जुड़े सभी मार्गों को दुरुस्त करने के लिए कहा है। इनसे जुड़े मार्गों को 15 जुलाई तक शत-प्रतिशत गड्ढामुक्त कर लिया जाए।

बिहार पुल ढहने का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

उधर, बिहार में सीवान, सारण, मधुबनी, अररिया, पूर्वी चंपारण और किशनगंज जिलों में पिछले 15 दिनों में 10 पुलों के ढहने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल कर बिहार सरकार को पुलों का संरचनात्मक ऑडिट कराने और विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है, ताकि ऐसे पुलों को चिन्हित किया जा सके।
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