Ram Mandir Update: 22 जनवरी को पीएम मोदी करेंगे प्राण प्रतिष्ठा, 26 जनवरी से पहले रामलला के दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु

Ayodhya Ram Mandir Darshan Update: अयोध्या राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया है कि "श्रद्धालु 26 जनवरी से पहले मंदिर में भगवान राम के दर्शन कर सकेंगे।" श्रीराम की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा अगले वर्ष 22 जनवरी को होगी और 20 से 24 जनवरी के बीच किसी भी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे जुड़े समारोह में सम्मिलित होंगे।

26 जनवरी से पहले रामलला के दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु।

Ayodhya News: अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए व्याकुल श्रद्धालुओं का इंतजार अब खत्म होने वाला है। अगले वर्ष 22 जनवरी को श्रीराम की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा होगी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे। इसके बाद 26 जनवरी से पहले श्रद्धालु मंदिर में भगवान राम के दर्शन कर सकेंगे। ये जानकारी राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने साधा की है।

26 जनवरी से पहले रामलला के दर्शन कर सकेंगे श्रद्धालु

अयोध्या राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी जनवरी की किस तिथि को आएंगे वो अभी निश्चित नहीं है। भगवान की प्राण प्रतिष्ठा लगभग 14-15 जनवरी से साधु-संतो द्वारा प्रारंभ किया जाएगा। यह कार्यक्रम लगभग 10 दिन तक हो सकता है। जिस दिन प्रधानमंत्री मोदी आएंगे प्राण प्रतिष्ठा का समापन उसी दिन उनकी उपस्थिति में होगा।" इससे पहले मंगलवार को उन्होंने कहा था कि श्रीराम की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा अगले वर्ष 22 जनवरी को होगी और 20 से 24 जनवरी के बीच किसी भी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे जुड़े समारोह में सम्मिलित होंगे।

अयोध्या संग्रहालय को लेकर नृपेंद्र मिश्रा ने बताई ये बड़ी बात

राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा है कि अयोध्या में सरयू तट पर स्थित अंतरराष्‍ट्रीय रामकथा संग्रहालय में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से ना सिर्फ खुदाई के दौरान मिली मूर्तियों व अवशेषों को दर्शाया जाएगा बल्कि इस आंदोलन की कानूनी, राजनीतिक और धार्मिक यात्रा का विवरण प्रस्तुत करने वाला एक विशेष प्रकोष्ठ भी बनाया जाएगा। एक साक्षात्कार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव रहे मिश्रा ने बताया कि संग्रहालय श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को लीज पर मिल गया है और इसमें काम शुरू किया जा रहा है। मिश्रा ने कहा, 'कुछ चीजें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की खुदाई के दौरान मिलीं और कुछ मंदिर निर्माण कार्य के लिए की गई खुदाई के दौरान मिलीं। उन्हें बहुत ही सुरक्षित तरीके से... कुछ तो न्यायालय के आदेशों से सुरक्षित रखा गया है और कुछ ट्रस्ट के पास सुरक्षित रखा गया है।'

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