सहारनपुर से झांसी और नोएडा से बलिया तक बिजली संकट, तीन दिन से हड़ताल पर बिजली कर्मचारी
up elecrticity strike latest news: बिजली कर्मचारियों की हड़ताल की वजह से य़ूपी के जिले बिजली संकट का सामना कर रहे हैं। यूपी सरकार के मुताबिक हड़ताली कर्मचारियों पर कार्रवाई के साथ ही बिजली आपूर्ति को सुनिश्चित करने की दिशा में काम हो रहा है।
उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारी हड़ताल पर
मुख्य बातें
- यूपी में घोर बिजली संकट, सभी जिलों पर असर
- बिजली उत्पादन पर भी असर, करीब 17 फीसद की कमी
- सरकार और हड़ताली कर्मचारियों में नहीं बनी बात
up elecrticity strike latest news: यूपी में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल का आज तीसरा दिन है और उसका असर नजर भी आ रहा है। पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक के जितने जिले हैं बिजली संकट का सामना कर रहे हैं हालांकि सरकार की तरफ से कार्रवाई भी की जा रही है। छोटी कॉलोनी हो या बड़ी, छोटे कस्बे हों या बड़े कस्बे बिजली कटौती से लोग दो चार हो रहे हैं। कुछ जगहों पर जलसंकट भी है। नोएडा के कुछ इलाकों में लोगों ने कहा कि करीब चार घंटे बिजली कटौती का सामना करना पड़ा वहीं गाजियाबाद के लोग भी परेशान रहे। बात अगर गोरखपुर, वाराणसी, आजमगढ़ मऊ और बलिया की करें तो तस्वीर अलग नहीं है। वही हाल आगरा, मथुरा, झांसी और मेरठ का है।
वार्ता रही नाकाम
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा और विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति (vksss) के बीच शनिवार की देर रात तक चली बातचीत बिना किसी निष्कर्ष के खत्म हो गई। उधर, बिजली कर्मचारियों की 72 घंटे की जारी हड़ताल के कारण राज्य के कई हिस्सों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई।राज्य सरकार ने वीकेएसएसएस के संयोजक शैलेंद्र दुबे समेत 22 हड़ताली इंजीनियरों के खिलाफ आवश्यक सेवा अनुरक्षण अधिनियम (एस्मा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की है।
दुबे ने कहा कि अगर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया, तो भी हड़ताल जारी रहेगी।प्रयागराज और लखनऊ के कई हिस्सों में बिजली कटौती को लेकर विरोध शुरू हो गया।
बिजली उत्पादन पर भी असर
शनिवार शाम तक, 2,392 मेगावाट बिजली का उत्पादन हुआ, जो कुल 13,856 मेगावाट की मांग का 17 प्रतिशत है। 1,000 मेगावाट ओबरा संयंत्र, 1,130 मेगावाट अनपरा संयंत्र और 210 मेगावाट पारीछा संयंत्र के बंद होने के कारण बिजली उत्पादन नहीं हुआ।हड़ताल के समर्थन में हरदुआगंज विद्युत उत्पादन केंद्र भी बंद होने जा रहा है।शनिवार शाम तक, शहरी या अर्ध-शहरी क्षेत्रों में 506 फीडर कथित रूप से बंद हो गए थे, इससे राज्य में लगभग 13 लाख परिवार प्रभावित हुए थे।शर्मा ने कहा, हड़ताल के कारण कुछ बिजली उत्पादन इकाइयां बंद हो गई हैं, लेकिन राज्य में बिजली की कोई कमी नहीं है। बिजली संघ की हड़ताल विफल रही।मंत्री ने संविदा कर्मचारियों से हड़ताल में भाग लेने के बजाय अपने परिवार के बारे में सोचने और काम पर लौटने की अपील की है।
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ललित राय author
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