UP में बिजली उपभोक्ताओं के लिए खुशखबरी, नहीं बढ़ेगा इलेक्ट्रिक सिटी शुल्क

उत्तर प्रदेश में इस साल बिजली दरें नहीं बढ़ेंगी। विद्युत नियामक आयोग ने आदेश जारी किया है।

Electricity Charge in UP

(प्रतिकात्मक फोटो)

लखनऊ: यूपी सरकार ने गुरुवार को प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं के पक्ष में बड़ा फैसला लिया है। इस साल सरकार बिजली दरों में किसी प्रकार का इजाफा नहीं करने का आदेश दिया है। इस संबंध में विद्युत नियामक आयोग की तरफ से आदेश जारी किया गया है। सरकार के इस फैसले से प्रदेश के लोगों की जेब पर पड़ने वाले संभावित खर्च पर रोक लगेगी। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष की दलील है कि बिजली कंपनियों पर पहले ही उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर तकरीबन 33122 करोड़ रुपये सरप्लस निकल रहा है। ऐसे में दरें बढ़ाना नियम के विरुद्ध होगा।

देश के बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत

प्रदेश में त्योहारी सीजन में दशहरा नजदीक है। आने वाले समय में दीपावली भी आने वाली है। ऐसे में त्योहारों के बीच लोगों की जेब पर बड़ा असर पड़ता है। इस बीच प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को बड़ी राहत दी है। योगी सरकार ने इस साल यानी 2024 में बिजली की दरें बढ़ाने पर रोक लगा दी है। इससे बिजली कंपनी की बिजली दर बढ़ाने की योजना को झटका लगा है। अगर, बिजली की दरों में बढ़ोतरी होती तो बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं की जेब पर असर पड़ता।
हाल ही में उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने प्रदेश में बिजली की दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव जारी किया था। हालांकि, सरकार ने इस प्रस्ताव को सीधे खारिज कर दिया था। राज्य में इस साल भी बिजली की दरों में इजाफा नहीं किया जाएगा। अगर, गौर करें तो यह लगातार पांचवा साल होगा, जब प्रदेश में बिजली की दरों में कोई इजाफा नहीं किया गया।

112023 करोड़ के घाटे का जिक्र

पावर कॉर्पोरेशन के एमडी पंकज कुमार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 112023 करोड़ के घाटे का जिक्र किया था। लिहाजा, उन्होंने घाटे का हवाला देकर आयोग को खुद फैसला करने के लिए कहा था। हालांकि, उन्होंने सीधे बिजली की दरें बढ़ाने की बात नहीं करते हुए घाटे की भरपाई करने के लिए सजेस्ट किया था। वहीं, उपभोक्ताओं की समस्या को देखते हुए उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं के निकल रहे 33122 करोड़ रुपये के एवज में बिजली दरें कम करने की भी पैरवी की थी।

उपभोक्ताओं का निकल रहा 33122 करोड़ रुपये सरप्लस

उपभोक्ताओं का पक्ष रखते हुए उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि महज बिजली कंपनियों का 11203 करोड़ रुपये का घाटा दिखाने के लिए है। मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन के मानक से इसका परीक्षण किया जाएगा तो यह घाटा समाप्त हो जाएगा। उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर तकरीबन 33122 करोड़ रुपये सरप्लस निकल रहा है। लिहाजा, आयोग उपभोक्ताओं का यह पैसा लौटाने के लिए या तो एक साथ 40 फीसदी या फिर अगले पांच सालों तक बिजली दरें 8 फीसदी दरें कम करे।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। लखनऊ (Cities News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

लेटेस्ट न्यूज

Pushpendra kumar author

पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश के साथ आगे बढ़ी। साल 2016 स...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited