Famous Temple In Lucknow: लखनऊ के नागेश्वर नाथ मंदिर में रात में सांपों की जोड़ी करती है शिव की पूजा, किसी को नहीं पहुंचाते नुकसान
Famous Temple to Visit in Lucknow: राजधानी लखनऊ से 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बख्शी के तालाब के पास बने गांव कोटवा में नागेश्वरनाथ मंदिर में रात के वक्त सांपों की जोड़ी भगवान शिव की पूजा-अर्चना करती है। नाग के इस जोड़े को कई बार ग्रामीण और पुजारियों ने देखा भी है।
मुख्य बातें
- नागेश्वरनाथ मंदिर में रात में सांपों की जोड़ी करती है भगवान शिव की पूजा
- नाग के इस जोड़े को कई बार ग्रामीण और पुजारियों ने देखा
- किसी को नुकसान नहीं पहुंचाती सांप की जोड़ी
Famous Temples in Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से 17 किलोमीटर दूर बख्शी के तालाब के पास स्थित कोटवा गांव में नागेश्वरनाथ का मंदिर है। मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह त्रेतायुग यानी रामायण काल का मंदिर है। मंदिर की दीवारों पर भी रामायण काल की चौपाइयां हैं। मंदिर की शिवलिंग पर दो सांपों की आकृति बनी है, इसलिए इस मंदिर का नाम नागेश्वर नाथ मंदिर है। नागेश्वर नाथ मंदिर में रात में सांपों की जोड़ी शिव की पूजा-अर्चना करती है। कभी-कभी नागों की जोड़ी पूरी रात पूजा के बाद सुबह तक यहीं रहती है, तो कभी सूर्य देव के निकलने से पहले ही वहां से चली जाती है।
नाग के इस जोड़े को कई बार ग्रामीणों और पुजारियों ने देखा भी है। इसी कारण रात होने के बाद शिवलिंग के पास कोई आता-जाता नहीं है। मंदिर में मौजूद यह ऐसा शिवलिंग है कि इस पर आगे की तरफ और पीछे की तरफ दो सांपों की आकृति बनी है।
कभी सांपों ने किसी को हानि नहीं पहुंचाईपुजारियों और ग्रामीणों ने बताया कि जिस मुद्रा में आकृति बनी है, उसी मुद्रा में रात में शिवलिंग पर दोनों सांप आकर बैठ जाते हैं। यहां नाग पंचमी के दिन विशेष पूजा-अर्चना की जाती है, इसके अलावा नाग पंचमी के दिन ही मेला भी लगता है, मेले में दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं। मंदिर के महंत प्रेम शंकर दीक्षित के अनुसार, सांप रात में आते हैं। उन्होंने कई बार सांपों को देखा है। हालांकि सांपों ने कभी भी किसी को हानि नहीं पहुंचाई है। दोनों रात में आते हैं, और सुबह वापस चले जाते हैं। महंत ने आगे बताया कि, मंदिर में शिवलिंग के अलावा संतोषी मां, राम दरबार, हनुमान, राधा कृष्ण, भैरव बाबा और मां दुर्गा की भी प्रतिमाएं स्थित हैं।
सावन में मंदिर में होता है रुद्राभिषेकमहंत के अनुसार, सावन में यह मंदिर सुबह 4:00 बजे से रात 10:00 बजे तक खोला जाता है। सुबह 7:00 बजे आरती होती है, रात में 7:45 पर आरती होती है। सावन में इस मंदिर में रुद्राभिषेक किया जाता है। इसके अलावा यज्ञ भी होता है। दूरदराज के श्रद्धालु यहां आकर दर्शन करते हैं। साथ ही मन्नत मांगते हैं।
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