Lucknow KGMU: लखनऊ केजीएमयू में अब सस्ती दर पर होगी हार्निया की सर्जरी, गरीब मरीजों को मिलेगी बड़ी राहत

Lucknow KGMU: हार्निया के मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। अब लखनऊ स्थित केजीएमयू में सस्ती जाली लगाने की नई विधि खोजी है। करीब पांच से छह हजार रुपये इसकी कीमत होगी। जबकि पहले जो जाली मरीज को लगाई जाती थी उसकी कीमत करीब 30 हजार से ज्यादा होती थी।

केजीएमयू में सस्ती कीमत पर होगी हार्निया की सर्जरी

मुख्य बातें
  • हार्निया के मरीजों के लिए राहत
  • केजीएमयू में सस्ती जाली लगाने की नई विधि खोजी
  • पांच से छह हजार रुपये है जाली की कीमत

Lucknow KGMU: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में अब मरीजों को हार्निया की सर्जरी के लिए मोटी रकम खर्च नहीं करनी पड़ेगी। केजीएमयू के डॉक्टरों ने लैप्रोस्कोप से सर्जरी कर सस्ती जाली लगाने की नई विधि खोज ली है। इससे गरीब तबके के मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। आपको बता दें कि अभी तक बड़ा चीरा लगाकर जाली लगाने का काम किया जा रहा था। केजीएमयू जनरल सर्जरी विभाग के डॉ. अक्षय आनंद ने यह जानकारी दी। डॉ. अक्षय आनंद ने कहा कि हार्निया में आंत पेट की भीतरी सतह से बाहर आ जाती हैं। इससे रोगियों को काफी दिक्कतें झेलनी पड़ती है।

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उन्होंने बताया कि मरीजों का खाना आसानी से नहीं पचता है, साथ ही पेट में दर्द की शिकायत रहती है। इसके साथ ही आंतों में गड़बड़ी से रोगियों की जान भी खतरे में पड़ रहती है। इसका ऑपरेशन ही विकल्प होता है। आंतों को सही जगह पर लगाने के लिए मरीजों को जाली लगाई जाती है।

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लैप्रोस्कोप के जरिए लगाई जाएगी सस्ती जालीसर्जरी विभाग के डॉ. अक्षय आनंद ने बताया कि लैप्रोस्कोप के जरिए सस्ती जाली लगाई जा रही है। करीब पांच से छह हजार रुपये इसकी कीमत होगी। जबकि पहले जो जाली मरीज को लगाई जाती थी उसकी कीमत करीब 30 हजार से ज्यादा होती थी। आंतों के सीधे संपर्क में नहीं होने से संक्रमण का खतरा काफी कम हो जाता है। वहीं, जनरल सर्जरी विभाग के डॉ. सुरेश कुमार के अनुसार, फेफड़े में संक्रमण, टीबी या निमोनिया बढ़ने के कारण मरीज को सांस लेने में दिक्कत होती है। मरीज को लगातार बुखार रहता है। इसके साथ ही भूख भी नहीं लगती है।

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