इस एक्सप्रेसवे पर हैं दूध, आलू और अनाज की चार मंडियां, जानते हैं नाम?
Agra Lucknow Expressway : आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के किनारे अत्याधुनिक बहुउद्देश्यीय कृषि मंडी स्थापित कर कृषकों के लिए उन्नति के दरवाजे खोले जा रहे हैं। इन विशिष्ट मंडियों में कन्नौज और मैनपुरी के साथ कई अन्य जिलों के किसान अपनी उपज की बिक्री कर सकते हैं। तो आइये जानते हैं इसके किनारे कितनी मंडियां है?
मंडी
Agra Lucknow Expressway : उत्तर प्रदेश में बेहतर यातायात कनेक्टिविटी के लिए सड़कें और एक्सप्रेसवे हैं। प्रदेश में सड़कों के इंन्फ्रास्टक्चर के साथ औद्योगिक शहरों (Industrial Cities) के बसाने की कवायद चल रही है। इनके आसपास रियल स्टेट (Real Estate) को भी बढ़ावा मिलने वाला है। साथ ही स्थापित होने वाले उद्योग-धंधे यूपी की अर्थव्यवस्था को गति देने के साथ बड़ी संख्या में रोजगार (Employment) का सृजन करेंगे, जिससे एक्सप्रेसवे के किनारे बसे गांवों और कस्बों के लोगों के लिए अवसर खुलेंगे। वहीं, एक्सप्रेसवे के किनारे मंडियों को बसाने का प्लान है। इन मंडियों के विकसित होने से कृषि क्षेत्र (Agricultural Sector) में नए अवसर पैदा होंगे। खासकर, किसानों को अपनी उपज, अनाज, साक-सब्जी और दुग्ध समेत अन्य नकदी फसलों की ब्रिक्री के लिए भटकना नहीं होगा। तो आज बात सिर्फ आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के किनारे बसी मंडियों के बारे में, जिससे स्थानीय लोगों को सहूलियत मिल रही है।
236 गांव के पास गुजरता है आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे (Agra Lucknow Expressway
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के निर्माण से ताज नगरी आगरा और राजधानी लखनऊ के बीच दूरी कम हो गई है। पहले यात्रा पूरी करने में 6 घंटे से अधिक समय लगता था, लेकिन अब एवरेज स्पीड से साढ़े तीन घंटे में ये दूरी कवर हो जाती है। यह यमुना एक्सप्रेसवे ( Yamuna Expressway) से भी कनेक्ट। यूपी के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे के तौर पर इसका उद्घाटन समाजवादी पार्टी की सरकार में तात्कालीन सीएम अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के हाथों हुआ था। यह एक्सप्रेसवे 236 गांव यानी फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, कन्नौज, कानपुर नगर, हरदोई और उन्नाव जिले से होते हुए लखनऊ में एसएच-40 पर समाप्त होता है।
UPEIDA ने कराया निर्माण
खासियत यह है कि यहां सुखोई SU-30MKI और डसॉल्ट मिराज 2000 सहित भारतीय वायुसेना के 6 लड़ाकू जेट हाईटेक एक्सप्रेसवे के भव्य उद्घाटन के मुख्य आकर्षण का केंद्र थे। निर्माणकर्ता कंपनी UPEIDA का दावा है कि भविष्य में आपातकाल या युद्ध जैसी स्थिति से निपटने के लिए 3 किलोमीटर का रनवे भी बना है। UPEIDA ने इसके निर्माण के लिए लगभग 3127 किलोमीटर हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया था। खरीदी के दौरान किसानों को सर्किल रेट से चार गुना और शहरी क्षेत्रों में यही दोगुना करके भुगतान किया गया।
एक्सप्रेसवे के किनारे विकास के अवसर
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के किनारे विकास के अवसर तैयार किए गए। यहां कृषि, बाजार, शैक्षणिक संस्थान, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, विश्राम केंद्र, आधुनिक पेट्रोल पंप, सर्विस स्टेशन समेत अन्य सार्वजनिक सुविधाओं से लैस किया गया। इस हाई स्पीट कॉरिडोर में 9 फ्लाईओवर, 74 अंडर पास, 148 पैदल यात्री अंडरपास, 4 रेल ओवर ब्रिज, 13 प्रमुख और 57 छोटे पुल बने हुए हैं। इसके आसपास इलेक्टॉनिक कॉल बॉक्स, स्पीड डिटेक्शन सिस्टम, पीटीजेट सर्विलांस कैमरा और इंसीडेंट डिटेक्स सिस्टम से लैस एडवांस ट्रैफिक सिस्टम मैनेजमेंट सिस्टम स्थापित हैं।
कन्नौज आलू उत्पादक जिला
पूरे एक्सप्रेसवे के किनारे सर्विस रोड हैं, जिनके किनारे कन्नौज और मैनपुरी में मंडी स्थापित की गई हैं। इन विशिष्ट मंडियों में कन्नौज और मैनपुरी के साथ कई अन्य जिलों के किसान अपनी उपज की बिक्री कर सकते हैं। गौर करें तो इन दोनों जिलों के आसपास आलू समेत अन्य फसलों की अच्छी पैदावार होती है। लिहाजा, किसानों को फसल का उचित दाम मिल रहा है। आंकड़ा कहता है कि देश में आलू का 35 फीसदी उत्पादन (Potato Production) यूपी में होता है और कन्नौज सूबे का मुख्य आलू उत्पादक जिला है। इन जिलों के आसपास 1100 से अधिक कोल्ड स्टोरेज (Cold Storage) हैं, जहां आलू का भंडारण होता है। आलू को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने के लिए पैंकिंग, ग्रेडिंग समेत तमाम इंडस्ट्रियल यूनिट्स की स्थापना की गई है।
औद्योगिक कॉरिडोर स्थापित करने की कवायद
फिलहाल, अखिलेश सरकार की इस महात्वाकांक्षी योजना को और गति देने के लिए योगी सरकार (Yogi Government) ने आसपास जमीन अधिग्रहण करने की कवायद शुरू कर दी है। प्रदेश सरकार एक्सप्रेसवे के रास्ते 9 जिलों में औद्योगिक कॉरिडोर स्थापित करने के लिए 1000 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण करेगी। यूपीडा के मुताबिक, सबसे ज्यादा आगरा में 300 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित करेगा। वहीं, फिरोजाबाद में 200, इटावा में 15, कन्नौज में 150, उन्नाव में 100 जबकि कानपुर देहात, औरैया, हरदोई और लखनऊ में 50-50 हेक्टेयर जमीन चिन्हित की गई है। यूपीडा ने एक्सप्रेसवे के दोनों ओर भूमि पर भूमि बैंक (Land Bank) बनाकर औद्योगिक इकाइयां स्थापित करने के लिए निजी क्षेत्रों की कंपनियों को आमंत्रित करने की बात कही है।
जानकारी | विवरण |
एक्सप्रेसवे की लंबाई | 302 KM |
लेन संख्या | 6 |
शुरुआती बिंदु | एत्मादपुर मडरा गांव (आगरा) |
आखिरी बिंदु | सरोसा भरोसा गांव, मोहान रोड लखनऊ |
परियोजना की लागत | 15000 करोड़ |
निर्माणकर्ता कंपनी | UPEIDA |
मंडी | 2 |
उद्घाटन नवंबर | 2016 |
उधर, आगरा लखनऊ ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के किनारे मोहब्बतपुर गांव के समीप अत्याधुनिक बहुउद्देश्यीय कृषि मंडी बना रहा है। यह मंडी स्थानीय किसानों के लिए संजीवनी साबित होगी। इस मंडी के विकसित होने से अनाज, फल-सब्जी, दूध और दूध से बने उत्पादों की खरीद-फरोख्त होगी। मंडी में वातानुकूलित मीटिंग हाल होगा और किसानों के ठहरने के लिए गेस्ट हाउस का निर्माण होगा। किसानों की उपज की बिक्री के लिए अलग से चबूतरे और दुकानें बनाई जाएंगी। मंडी के निर्माण से ताजा चीजें आगरा से लखनऊ दिल्ली समेत अन्य जगह आसानी से पहुंच सकेंगी।
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