उत्तर प्रदेश में महंगी होने वाली है बिजली! जल्द तय होंगी नई दरें, नया कनेक्शन भी 50 फीसद महंगा हो सकता है
उत्तर प्रदेश में गर्मी और बिजली न आने से परेशान उपभोक्ताओं को जल्द ही बढ़ी हुई बिजली दरों का झटका लग सकता है। नियामक ने नई बिजली दरें तय करने की तैयारी शुरू कर दी है। यही नहीं नया कनेक्शन लेना भी 50 फीसद महंगा हो सकता है।
उत्तर प्रदेश में बढ़ सकती हैं बिजली की दरें
- 4 साल से राज्य में बिजली की दरें नहीं बढ़ाई गई हैं
- मौजूदा दरों से 11 हजार करोड से अधिक राजस्व गैप रहने का है अनुमान
- विद्युत नियामक आयोग ने एआरआर का प्रस्ताव स्वीकार किया
उत्तर प्रदेश में प्रचंड गर्मी से इन दिनों लोग परेशान हैं। ऊपर से बिजली की आंखमिचोली आग में घी का काम कर रही है। लू के थपेड़ों के बीच बिजली नहीं होने से लोगों की परेशानियां कई गुना बढ़ गई हैं। बिजली न आने से परेशान लोगों के लिए एक और बुरी खबर ये है कि बिजली की दरें बढ़ने वाली हैं। मतलब जल्द ही आपको बिजली के लिए और ज्यादा बिल चुकाने के लिए तैयार रहना होगा। साल 2024-25 के लिए बिजली की दरों के निर्धारण की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। विद्युत नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों के वार्षिक राजस्व आवरकता (ARR) संबंधी प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। इसका मतलब है कि अब कभी भी बिजली की दरें बढ़ सकती हैं।
आयोग ने बिजली कंपनियों से श्रेणीवार बिजली की दरों के संबंध में प्रस्ताव मांगा है। बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले ARR के साथ बिजली कंपनियों ने टैरिफ प्रस्ताव दाखिल नहीं किया और बिजली की दरों में किसी तरह की बढ़ोतरी का फैसला आयोग पर ही छोड़ दिया था।
बिजली कंपनियों ने 30 नवंबर 2023 को आयोग में 1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का ARR प्रस्ताव दिया था। इस प्रस्ताव में 13.06 फीसद लाइन लॉस रहने का अनुमान जताते हुए लगभग 1.45 लाख मिलियन यूनिट बिजली की जरूरत बतायी थी। इतने यूनिट बिजली के लिए 80-85 हजार करोड़ रुपये की लागत आंकी गई और मौजूदा दरों से 11 हजार करोड़ रुपये का राजस्व गैप रहने का अनुमान लगाया गया था।
20-30 फीसद बढ़ोतरी के लिए रहें तैयारजिस तरह का राजस्व गैप दिखाया गया है, उसकी भरपाई के लिए बिजली दरों में 20 से 30 फीसद तक की बढ़ोतरी करनी पड़ सकती है। ऐसे में आपको भी तैयार रहना चाहिए कि आपका बिजली बिल 20-30 फीसद बढ़ सकता है। लोकसभा चुनाव को देखते हुए इस गैप की भरपाई के लिए बिजली कंपनियों ने अपनी ओर से कोई टैरिफ आयोग के सामने नहीं रखा।
अब लोकसभा चुनाव सम्पन्न हो चुके हैं, ऐसे में आयोग के मांगने पर बिजली कंपनियां जल्द ही श्रेणीवार दरों का प्रस्ताव सौंप सकती हैं। हालांकि, जानकारों का एक मत यह भी है कि एक साथ 20-30 फीसद बढ़ोतरी की बजाए दरों में 10 फीसद की बढ़ोतरी का प्रस्ताव लाया जा सकता है। दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा के अनुसार बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं का 33 हजार, 122 करोड़ रुपये सरप्लस है। उन्होंने कहा, 11 हजार करोड़ से अधिक राजस्व गैप होने के बावजूद बिजली की दरों में बढ़ोतरी नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि सरप्लस होने की वजह से ही पिछले चार साल से राज्य में बिजली महंगी नहीं हुई है। यही नहीं, उन्होंने कहा कि सरप्लस की वजह से बिजली की दरें अगले पांच साल तक नहीं बढ़ाई जा सकती हैं।
120 दिन में तय होंगी दरेंआयोग ने ARR को स्वीकार कर लिया है। अब नियमानुसार 120 दिनों में बिजली की दरों का निर्धारण करना होगा। अगले तीन दिन में बिजली कंपनियां ARR आंकड़े अखबारों में पब्लिश करेंगे और प्रस्ताव पर आयोग में विधिवत सुनवाई होगी।
कनेक्शन लेना भी होगा महंगासिर्फ बिजली की दरें ही नहीं बढ़ने वालीं, बल्कि नया कनेक्शन लेना भी महंगा हो सकता है। पावर कॉर्पोरेशन ने नए कनेक्शन के लिए विद्युत सामग्री की दरों को तय करते हुए संशोधित कॉस्ट डाटा बुक प्रस्ताव नियामक आयोग में दाखिल किया है। इसमें इंडस्ट्री और बड़े उपभोक्ताओं की जमानत राशि में 100 फीसद से ज्यादा वृद्धि प्रस्तावित है।
अगर आप घरेलू कनेक्शन लेना चाहते हैं तो आपको 30 से 50 फीसद अधिक भुगतान करना पड़ सकता है। अन्य उपभोक्ताओं के लिए भी यह दरें होंगी, जबकि इंडस्ट्री के नए कनेक्शन का खर्चा 100 फीसद से अधिक बढ़ जाएगा।
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