Lucknow News: किसानों के मुद्दों पर सपा सदस्यों का विधान परिषद से वॉकआउट, कृषि मंत्री ने कहा- वास्तविकता से परे सपाई

उत्तर प्रदेश विधान परिषद के शीतकालीन सत्र में बीजेपी और सपा के बीच गहमा गहमी का माहौल रहा। प्रदेश में किसाने को उनकी लागत के अनुरूप कृषि उपज का लाभकारी मूल्य दिलाए जाने के मुद्दे पर सपा विधायको ने विधान परिषद से वॉक आउट किया।

Samajwadi party MLA walkout

फाइल फोटो

तस्वीर साभार : भाषा
लखनऊ: समाजवादी पार्टी सदस्यों ने उत्तर प्रदेश के किसानों को उनकी लागत के अनुरूप कृषि उपज का लाभकारी मूल्य दिलाए जाने के मुद्दे पर सरकार के जवाब से असंतुष्ट होकर गुरुवार को विधान परिषद से बहिर्गमन किया। सपा सदस्यों ने कार्य स्थगन की सूचना देते हुए किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य दिलाये जाने समेत कई मुद्दे उठाये।

इन मुद्दों पर गहमा गहमी

सपा सदस्य मुकुल यादव ने सूचना पढ़ते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी की तमाम वादाखिलाफियों की वजह से प्रदेश के किसान आत्महत्या कर रहे हैं। यह प्रदेश सरकार के लिए शर्म की बात है। उन्होंने कहा कि डीजल, बिजली, खाद, बीज और कीटनाशक इत्यादि दिन पर दिन महंगे होते जा रहे हैं, जिसकी वजह से प्रदेश के ज्यादातर किसान कर्जदार हो गए हैं। उन्होंने कहा कि किसान अपना अनाज बेचने के लिए बिचौलियों का सहारा ले रहे हैं। इससे उन्हें अपनी उपज का सही मूल्य नहीं मिल पा रहा है।

गन्ना किसानों के लिए सपाइयों का प्रदर्शन

यादव ने कहा कि सरकार समय पर किसानों के गन्ने का भुगतान नहीं कर पा रही है और ना ही गन्ना किसानों को उचित मूल्य मिल रहा है। आवारा पशु लाखों हेक्टेयर फसल को बर्बाद कर रहे हैं। इन हालात में किसानों में सरकार के प्रति आक्रोश व्याप्त है, लिहाजा सदन का बाकी काम रोक कर इस पर चर्चा कराई जाए। सपा सदस्य नरेश उत्तम पटेल और स्वामी प्रसाद मौर्य ने सूचना की ग्राह्यता पर बल दिया।

कृषि मंत्री ने कही ये बात

कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने सूचना का जवाब देते हुए कहा कि सपा सदस्यों ने जो भी कहा वह वास्तविकता से बहुत परे है। भाजपा हमेशा से किसानों के हित के लिए काम करती है। उन्होंने आंकड़े देते हुए कहा कि वर्ष 2017 से पहले कृषि विकास दर 3.3 प्रतिशत थी। वित्तीय वर्ष 2017-18 में यह दर 7.5 प्रतिशत थी, वहीं 2018-19 में 8.3 प्रतिशत, 2019-20 में 9.8 प्रतिशत, कोरोना काल 2020-21 में 7.2 प्रतिशत और 2021-22 में 21.2 विकास दर रही है। यही वजह है कि तमाम प्रयासों के बावजूद किसान आंदोलन सफल नहीं हो सके।

सदस्य सरकार विरोधी नारेबाजी

कृषि मंत्री ने उत्तर प्रदेश में डीजल की कीमतों का बिहार और छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में वसूली जा रही कीमतों से एक तुलनात्मक विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कहीं भी खाद की कोई कमी नहीं है जो किसान जब चाहे क्रय केंद्रों से खरीद सकता है। कृषि मंत्री के जवाब पर सपा सदस्य नरेश उत्तम पटेल तथा अन्य सदस्यों ने कुछ सवाल पूछना चाहा। इस पर सभापति कुंवर मानवेंद्र सिंह ने उन्हें रोका। इसके बाद सपा के सभी सदस्य सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गए। इसके बाद सभापति ने कार्य स्थगन प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | लखनऊ (cities News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

लेटेस्ट न्यूज

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited