Lift Rules in UP: लिफ्ट को लेकर कड़ा कानून लाने की तैयारी में योगी सरकार, हादसा हुआ तो जाएंगे जेल
यूपी में लिफ्ट के बंद होने, टूटकर गिरने समेत अन्य कारणों से होने वाले हादसों को रोकने के लिए यूपी की योग सरकार कठोर कानून लागू करने की तैयारी में है। सरकार के ऊर्जा विभाग ने 'यूपी लिफ्ट एंड एस्केलेटर एक्ट' का मसौदा तैयार किया है।
यूपी में आएगा लिफ्ट कानून
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लिफ्ट और एस्केलेटर अधिनियम लागू करने की प्रक्रिया चल रही है। एनबीसी 2016 के अनुसार 15 मीटर से ऊंची इमारतों के लिए आठ यात्रियों वाली लिफ्ट जो स्वचालित दरवाजे और 60 सेकंड में सबसे ऊपरी मंजिल तक पहुंचने की क्षमता के साथ होती है। उस लिफ्ट में फायर सेफ्टी का होना भी अनिवार्य होता है। एनबीसी 2016 एक्ट के मुताबिक, 30 मीटर से अधिक ऊंचाई वाली इमारतों में स्ट्रेचर लिफ्ट भी होनी चाहिए। इस कानून में लिफ्ट या एस्केलेटर हादसे में 1 लाख रुपये तक का जुर्माना और 3 महीने तक की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा घरेलू लिफ्ट को छोड़कर अन्य सभी लिफ्ट में प्रशिक्षित ऑपरेटर रखना होगा। नई लगने वाली लिफ्ट ऑटो रेस्क्यू डिवाइस के साथ ही लगेगी और संस्था को थर्ड पार्टी बीमा भी कराना होगा। इस कानून को कैबिनेट से मंजूरी दिलाने की तैयारी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भी मसौदा तैयार किया जाएगा।
घरेलू लिफ्ट पर कानून का दायरा सीमित
दरअसल, पिछले कुछ दिनों लिफ्ट में हुए कई हादसों की वजह से लोगों की मौत तक हुई हैं। इसके मद्देनजर यूपी सरकार ने लिफ्ट लगाने से जुड़ा कानून लाने का प्लान बना चुकी। इस कानून के दायरे में सार्वजनिक संस्थान, बहुमंजिला इमारत, व्यापारिक संस्थान और सरकारी कार्यालय आदि आएंगे। कुल मिलाकर लिफ्ट को सुचारू रूप से चलाने के लिए प्रशिक्षित ऑपरेटर रखना होगा। हालांकि, घरेलू लिफ्ट पर कानून का दायरा सीमित रखा जा सकता है।
लिफ्ट ऑपरेटर तैनात करना अनिवार्य
कानून के आने के बाद किसी भी इमारत में लिफ्ट या एस्केलेटर लगाने से पहले इसकी अनुमति लेना अनिवार्य होगा। इसके लिए विद्युत सुरक्षा निदेशालय में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य रहेगा। इसके बिना कोई भी पंजीकरण के लिफ्ट नहीं लगा सकेगा। नियमों की अनदेखी करने पर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी। रजिस्ट्रेशन के बाद विभाग की टीम लिफ्ट की जांच करेगी। इसके अतिरिक्त लिफ्ट के सालाना मेंटीनेंस और लिफ्ट ऑपरेटर का तैनात करना अनिवार्य होगा।
1 लाख का जुर्माना और तीन साल की जेल
किसी भी बहुमंजिला इमारत में लगाई गई लिफ्ट यदि कानून के दायरे से बाहर है, तो उसमें हादसा होने पर संबंधित मालिक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत 1 लाख का जुर्माना और तीन साल तक की जेल का प्राविधान है। हालिया के कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में निर्माणाधीन बिल्डिंग में हादसा हो गया था। यहां सर्विस लिफ्ट गिरने से चार मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई थी। ऐसे ही कुछ हादसों का ध्यान रखते हुए अब सरकार ‘यूपी लिफ्ट एंड एस्केलेटर एक्ट’ लाने का पूरा खाका तैयार कर चुकी है।
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