UP Expressway: UPEIDA ने फैलाया एक्सप्रेसवे का मकड़जाल, एक ने तोड़े सारे रिकॉर्ड, फर्राटा भरिए 600 KM नॉनस्टॉप
UP Expressway List: यूपी में वैसे तो 14 एक्सप्रेसवे हैं। लेकिन, आज हम उन एक्सप्रेसवे की बात करेंगे, जिन्हें उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) ने बनाया है या अभी कार्य चल रहे हैं। तो आइये जानते हैं ऐसे कितने एक्सप्रेसवे हैं?

UPEIDA के एक्प्रेसवे
UP Expressway List : उत्तर प्रदेश सरकार राज्य में बेहतर कनेक्टिविटी के लिए सड़कों का विकास कर रही है। समूचे राज्य में पूर्व से पश्चिम और उत्तर से लेकर दक्षिण तक सड़क मार्ग का निर्माण करके अन्य राज्यों के साथ बेहतर ट्रांसपोर्टेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है। सड़कों के इंन्फ्रास्टक्चर को मजबूत करने के लिए केंद्र सरकार कदम से कदम मिलाकर सहयोग कर रही है। दावा किया जा रहा है कि साल 2017 में सीएम योगी आदित्यनाथ के सत्ता संभालते ही प्रदेश तेज गति के साथ विकास के पथ पर आगे बढ़ा है। खासकर, राज्य के गांवों से लेकर शहरों तक कच्ची सड़कों को पक्का करके लोगों को सुविधाएं दी जा रही हैं। इसके अलावा लंबे एक्सप्रेसवे बनाकर तैयार किए जा रहे हैं। वैसे वर्तमान में राज्य में 14 एक्सप्रेसवे हैं। इनमें से कुछ का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद यातायात सुचारू रूप से चालू है तो कई अभी निर्माणाधीन हैं। लेकिन, आज हम उन एक्सप्रेसवे की बात करेंगे, जिन्हें योगी सरकार के सहयोग से उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) ने बनाया है या अभी कार्य चल रहा है। तो चलिए जानते हैं ऐसे कितने एक्प्रेसवे हैं, जिनको UPEIDA विकसित कर रही है?
UPEIDA के बनाए एक्सप्रेसवे की लिस्ट
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे (Agra Lucknow express way)इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से ताज नगरी आगरा और राजधानी लखनऊ के बीच दूरी कम हो गई है। पहले यात्रा में 6 घंटे से अधिक समय लगता था, लेकिन अब साढ़े तीन घंटे में सफर पूरा हो जाता है। यह यमुना एक्सप्रेसवे से भी जुड़ा है। यह एक्सप्रेसवे समाजवादी पार्टी की सरकार में तात्कालीन सीएम अखिलेश यादव के हाथों यूपी के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे के तौर पर उद्घाटन हुआ था। इसकी शुरुआत एत्मादपुर मडरा गांव (आगरा) से आखिरी सरोसा भरोसा गांव, मोहान रोड लखनऊ में होती है। यह एक्सप्रेसवे फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, कन्नौज, कानपुर नगर, हरदोई और उन्नाव जिले से होते हुए लखनऊ में एसएच-40 पर समाप्त होता है। इसके निर्माण से शहरों के बीच दूरियां कम हो गईं।
परियोजना की लागत | 15,000 करोड़ |
एक्सप्रेसवे की लंबाई | 302 KM |
लेन | 6 |
निर्माणकर्ता कंपनी | UPEIDA |
उद्घाटन | नवंबर2016 |
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का 91 फीसदी निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। इसके बनने से लखनऊ से गोरखपुर जाने में 4 घंटे से भी कम समय लगेगा। इसकी शुरुआत जैतपुर गोरखपुर से होकर आखिरी बिंदु सलारपुर, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे तक है। इस एक्सप्रेसवे से गोरखपुर से दिल्ली और आगरा जाना भी आसान हो जाएगा। यह लिंक एक्सप्रेसवे गोरखपुर, संत कबीर नगर, अंबेडकर नगर और आजमगढ़ से होकर गुजरेगा। यह सड़क मार्ग राप्ती नदी, आमीनदी, कुआनों और घाघरा नदी से होकर निकलेगा। इसे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ा जा रहा है। लोकसभा चुनाव को देखते हुए इसका कार्य तेजी के साथ चल रहा है। गोरखपुर सीमा में कुल पांच टोल प्लाजा पड़ेंगे।
परियोजना की लागत | 5876.67 करोड़ रुपये |
एक्सप्रेसवे की लंबाई | 279 KM |
लेन | 4 |
कार्य पूरा होने का समय | 2023 |
निर्माणकर्ता कंपनी | UPEIDA |
यूपी में कुल कितने एक्सप्रेसवे, एक क्लिक में देखें पूरी लिस्ट
गंगा एक्सप्रेसवे की शुरुआत मेरठ से होकर प्रयागराज में जाकर खत्म होगी। इस बीच गंगा एक्सप्रेसवे कुल 12 जिलों को कवर करेगा। इस प्रोजेक्ट पर 36,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। गंगा एक्सप्रेसवे का काम तेजी से खत्म करने की बात इसलिए भी चल रही है क्योंकि इसके रास्ते तीर्थ यात्रियों के लिए कुंभ पहुंचना बहुत आसान हो जाएगा। साल 2025 में महाकुंभ का आयोजन होना है। लिहाजा, इसके काम में तेजी लाई जा रही है। कोशिश है कि भक्तों को प्रयाग पहुंचने में कोई दिक्कत का सामना न करना पड़े।
गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण से मेरठ से प्रयागराज महज 8 घंटे में पहुंच जाएंगे। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि गाड़ियां 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकें। इसके अलावा बीच-बीच में भी टोल प्लाजा होंगे, ताकि बीच में कहीं एक्सप्रेसवे पर चढ़ने वाली गाड़ियों से टोल लिया जा सके। ऐसे कुल 12 रैम्प टोल प्लाजा बनेंगे। इसके अलावा शाहजहांपुर के पास एयरस्ट्रीप भी बनाई जाएगी ताकि आपातकालीन परिस्थिति में हेलिकॉप्टर या प्लेन उतारा जा सके। गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ-बुलंदशहर (एनएच 334) पर बिजौली गांव से शुरू होकर प्रयागराज में (एनएच 19) पर जूडापुर दादू गांव के समीप पर समाप्त होगा। गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ के बाद ये हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ से होता हुआ प्रयागराज तक जाएगा। गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण भी 12 चरणों में ही किया जा रहा है।
परियोजना की लागत | 40,000 करोड़ |
एक्सप्रसेवे की लंबाई | 594 KM |
लेन | 6 से 8 तक विस्तार |
कार्य पूरा होने का समय | 2024 |
निर्माणकर्ता कंपनी | UPEIDA |
चित्रकूट से इटावा तक जाने वाला यह एक्सप्रेसवे अपने आप में खास है। इस सड़क मार्ग को सोलर एक्सप्रेसवे के तौर पर विकसित किया जाएगा। इसके आसपास औद्योगिक सिटी बसाकर लोगों को रोजगार से जोड़ने का प्लान है। यह सबसे कम 28 महीने में बनकर तैयार होने वाला मार्ग है। यह यमुना एक्सप्रेसवे से जुड़ता है। यह एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे है। इस एक्सप्रेसवे पर 18 ओवरब्रिज, 14 बड़े पुल, 6 टोल प्लाजा, 7 रैंप प्लाजा, 4 रेलवे ओवरब्रिज और 266 छोटे पुल हैं। इसके निर्माण से बुंदेलखंड के ट्रांसपोर्टेशन और विकास में तेजी देखी जा रही है।
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चित्रकूट से इटावा तक जाने वाला यह एक्सप्रेसवे अपने आप में खास है। इस सड़क मार्ग को सोलर एक्सप्रेसवे के तौर पर विकसित किया जाएगा। इसके आसपास औद्योगिक सिटी बसाकर लोगों को रोजगार से जोड़ने का प्लान है। यह सबसे कम 28 महीने में बनकर तैयार होने वाला मार्ग है। यह यमुना एक्सप्रेसवे से जुड़ता है। यह एक्सेस कंट्रोल एक्सप्रेसवे है। इस एक्सप्रेसवे पर 18 ओवरब्रिज, 14 बड़े पुल, 6 टोल प्लाजा, 7 रैंप प्लाजा, 4 रेलवे ओवरब्रिज और 266 छोटे पुल हैं। इसके निर्माण से बुंदेलखंड के ट्रांसपोर्टेशन और विकास में तेजी देखी जा रही है।
परियोजना की लागत | 14,716 करोड़ |
एक्सप्रेसवे की लंबाई- | 296 KM |
लेन | 4 ( 6 तक बढ़ाया जा सकता है) |
कार्य पूरा होने का समय | 2022 |
निर्माणकर्ता कंपनी | UPEIDA |
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परियोजना की लागत | 4400 करोड़ रुपये |
एक्सप्रेसवे की लंबाई | 153 KM |
लेन | 4 |
कार्य पूरा होने का समय | 2024 |
निर्माणकर्ता कंपनी | UPEIDA |
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे यूपी के 9 जिलों को कवर करता है। लखनऊ-सुलतानपुर रोड के चंदसराय गांव से शुरू होकर गाजीपुर में मोहम्मदाबाद-बक्सर राजमार्ग पर हैदरिया गांव में समाप्त होता है। यह सड़क मार्ग लखनऊ होते हुए बाराबंकी, अयोध्या, अंबेडकरनगर, अमेठी, सुलतानपुर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर से होकर गुजरेगा। इस एक्सप्रेसवे के रूट पर 18 फ्लाईओवर, सात रेलवे ब्रिज, 6 टोल, 5 रैंप पास और 7 अंडरपास हैं। इसके अलावा 118 छोटे पुल और 502 पुलिया हैं। इसके निर्माण से पूर्वांचल के कई राज्यों के लोगों को काफी सहूलियचत हो रही है।
पुष्पेंद्र यादव गंगा-यमुना के दोआब में बसे फतेहपुर जनपद से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश में हुई। ...और देखें

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