लखनऊ के लोगों के लिए नई उम्मीद लेकर आई ये मशीन, अब आसानी से हो सकेगा बोन मैरो ट्रांसप्लांट

More Facility For Patients: लखनऊ के अस्पतालों में मरीजों को इस साल में नई सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाएंगी। सस्ती दवा से लेकर जांच और इलाज की सुविधा मरीजों को मिलेगी। अस्पतालों में आधुनिक मशीनें लगेंगी। इसके साथ ही अस्पतालों में बेड भी बढ़ेंगे।

अस्पतालों में आधुनिक मशीनें लगेंगी

मुख्य बातें
  • लखनऊ के अस्पतालों में आधुनिक मशीनें लगेंगी
  • केजीएमयू और लोहिया संस्थान में मरीजों को और भी सस्ती दवाएं मिलेंगी
  • कैंसर मरीजों की सिकाई के लिए केजीएमयू में लगेंगी मशीनें

Lucknow Lohia Institute: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के अस्पतालों में नए वर्ष में नई सुविधाएं शुरू होंगी। जांच से लेकर आधुनिक इलाज की व्यवस्था अस्पतालों में लागू होगी। इसके साथ ही केजीएमयू और लोहिया संस्थान में मरीजों को और भी सस्ती दवाएं मिलेंगी। इसके अलावा, लखनऊ के लोहिया संस्थान में खून से जुड़ी बीमारी से पीड़ितों का बोन मैरो ट्रांसप्लांट हो सकेगा। इसके लिए सुपर स्पेशियालिटी ब्लॉक में बोन मैरो ट्रांसप्लांट यूनिट शुरू होगी। साथ ही लिवर प्रत्यारोपण होगा। इसकी तैयारी तेजी से चल रही है।

लोहिया संस्थान की निदेशक डॉ. सोनिया नित्यानंद के अनुसार, एडवांस न्यूरो साइंस सेंटर का कार्य तेजी से चल रहा है। इसमें सिर की गंभीर बीमारियों का उपचार होगा। करीब 10 वर्ष से खाली पड़े नॉन टीचिंग के पद भी भरे जाएंगे।

केजीएमयू में पीपीपी मॉडल पर दो लीनैक मशीनें लगेंगीइसके अलावा हॉस्पिटल ब्लॉक में करीब 500 बेड का जनरल अस्पताल बनेगा। वहीं आशियाना स्थित लोकबंधु अस्पताल में ब्लड बैंक का संचालन किया जाएगा। उधर, कैंसर मरीजों की सिकाई के लिए केजीएमयू में पीपीपी मॉडल पर दो लीनैक मशीनें लगाई जाएंगी। एमआरआई मशीन की खरीद प्रक्रिया चल रही है। एक से दो महीने में मशीन आने की उम्मीद है। मशीनों के आने से केजीएमयू में सिकाई के लिए आने वाले कैंसर के मरीजों की वेटिंग भी कम हो जाएगी। केजीएमयू के कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने बताया कि, पैट स्कैन मशीन भी लगाई जाएंगी।

केजीएमयू और लोहिया संस्थान में मरीजों को मिलेगी सस्ती दवाएंवहीं, लखनऊ स्थित पीजीआई में अब शून्य से 18 साल तक के बच्चों का इलाज एक छत के नीचे होगा। संस्थान में 573 बेड का एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर बनाया जाएगा। इससे संस्थान में बेड की क्षमता 2168 से बढ़कर 2741 हो जाएगी। इसके अलावा, लखनऊ के केजीएमयू और लोहिया संस्थान में रोगियों को सस्ती दवाएं मिलेंगी। दोनों संस्थान मरीजों को राहत देने के लिए अपनी आरसी (रेट कॉन्ट्रैक्ट) तैयार कर रहे हैं। कंपनियों से सीधे दवा की खरीद होगी इससे दवा खरीद में बिचौलियों की भूमिका खत्म हो जाएगी। ऐसे में मरीजों को सस्ती दवाओं की राह आसान हो जाएगी। आपको बता दें कि, अभी केजीएमयू और लोहिया संस्थान में हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड के माध्यम से रोगियों को दवाएं मुहैया कराई जा रही हैं।

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