लखनऊ इमारत हादसा, 6 साल के बच्चे ने बताया 'डोरेमान शो' ने बचा ली जान

कहते हैं कि सीख कहीं से भी हासिल करें फायदेमंद होती है। लखनऊ इमारत हादसे में कुल 14 लोगों को मलबे से सुरक्षित निकाला गया है जिसमें 6 साल का एक बच्चा मुस्तफा भी है। मुस्तफा का कहना है कि उसने डोरेमान सीरियल से सीख मिली थी कि भूकंप के समय कैसे अपने को बचाना चाहिए।

lucknow building accident

24 जनवरी को लखनऊ के हसनगंज इलाके में एक पांच मंजिला इमारत(अलाया अपार्टमेंट) भरभरा कर गिर गई थी। उस हादसे में दो महिलाओं की मौत हो चुकी है हालांकि 14 लोगों को मलबे से निकाल लिया गया है। उनमें से ही एक 6 साल का बच्चा मुस्तफा है। बच्चे का इलाज एसपीएम सिविल अस्पताल में चल रहा है। अब आप सोच रहे होंगे कि 14 लोगों में यह बच्चा क्यों सुर्खियों में है। दरअसल 24 तारीख को नेपाल में करीब 4.3 तीव्रता का भूकंप आया था और उसके झटके लखनऊ में भी महसूस किए गए थे। भूकंप के तुरंत बाद ही मल्टी स्टोरी इमारत गिर गई थी। अब सवाल यह है कि 6 साल का बच्चा कैसे बच पाने में कामयाब रहा।

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डोरेमान शो से बच गई बच्चे की जान

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मीडिया से बात करते हुए 6 साल का मुस्तफा बताता है कि भूकंप आने के बाद जब इमारत गिरी तो वो बेड के नीचे छिप गया और उसे यह आइडिया डोरेमान देखने से आया था। उसे एकाएक याद आया कि भूकंप के दौरान क्या करना और क्या नहीं करना चाहिए। इमारत जब हिलने लगी तो उसे अहसास हुआ कि शायद भूकंप है। इमारत हिलते ही वो बुरी तरह डर गया। लेकिन उसी समय उसे डोरेमॉन शो याद आया। उसने देखा था कि किस तरह से नोबिता को भूकंप के बारे में समझाया गया था। नोबिता को सिखाया गया था कि अगर भूकंप आए तो बेड के नीचे छिप जाना चाहिए। जब उसका घर हिलने लगा तो उसे नोबिता को सिखाई बात याद आ गई और वो बेड के नीचे जाकर छिप गया। उसी समय उसने देखा कि उसकी मां दौड़ रही है। लेकिन इमारत पूरी तरह से गिर गई और उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगी। मुस्तफा के पिता जो अब्बास हैदर जोकि समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता हैं वो हादसे के समय घर में नहीं थे। मुस्तफा के दादा अमीर हैदर भी मलबे में फंसे हुए थे जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है। हालांकि मुस्तफा की मां उज्मा हैदर और दादी बेगम हैदर अब इस दुनिया में नहीं हैं।

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