Kisan Path : जाम से मुक्त होगा लखनऊ शहर, जल्द बनकर तैयार होगा किसान पथ
तेजी से बढ़ती आबादी ने वाहनों की संख्या में इजाफा किया है। सड़को पर वाहनों का भारी दवाब ट्रैफिक जाम की समस्या के रूप में सामने है। लेकिन लखनऊ में किसान पथ के नाम से बन रहे रिंग रोड ने इस समस्या का बड़ी हद समाधान कर दिया है।
लखनऊ में बन रहा है किसान पथ (प्रतीकात्मक तस्वीर)
- रिंग रोड यानी किसान पथ की कुल लंबाई 104 किमी है।
- तकरीबन 40000 से ज्यादा गाड़ियां किसान पथ से गुजरेंगी।
- इस पूरी योजना पर करीब 5400 करोड़ की लागत आई है।
अवध की शाम, यहां का अदब और तहजीब दुनिया में बहुत मशहूर है। नवाबों के दौर की पुरानी धरोहर इस शहर के रुआब को बया करती है तो मॉडर्न इंफ्रास्ट्रक्चर ने इसकी खूबसूरती में चार चांद लगा दिए है। अब लखनऊ तरक्की की राह पर थम थम कर नही बल्कि तेज रफ्तार से दौड़ने की तैयारी कर रहा है। इसी साल लखनऊ को किसान पथ के रूप में बड़ी सौगात मिलने जा रही है। 104 किलोमीटर लंबा किसान पथ लखनऊ के चारों तरफ होकर गुजरेगा। लखनऊ में बनने वाले इस रिंग रोड का बड़ा फायदा ये होगा कि शहर को जाम से मुक्ति मिल जाएगी। लखनऊ शहर में कानपुर ,फैजाबाद, रायबरेली, सुल्तानपुर, सीतापुर और हरदोई रोड से होकर एंट्री होती है और तकरीबन हर रोज हजारों गाड़ियां शहर में दाखिल होती हैं। जो बाय पास ना होने चलते शहर में मजबूरी में प्रवेश करती है लेकिन किसान पथ बनने के बाद इन गाड़ियों का भार शहर पर कम हो जाएगा।
कितना बनकर तैयार हुआ किसान पथ?
लखनऊ के सांसद का राजनाथ सिंह के ड्रीम प्रोजेक्ट का 70 से 80 फीसदी काम अभी तक पूरा कर लिया गया है। कुर्सी रोड से बीकेटी तक सड़क निर्माण पूरा हो चुका है। इस इलाके के 5 लाख लोगों को राहत मिल रही है। इसके निर्माण पर 305 करोड़ रुरपए का खर्च आया है। सीतापुर रोड से कुर्सी रोड, अयोध्या रोड होते हुए सुलतानपुर रोड का काम पूरा हो गया है। फ्लाई ओवर वाले काम अभी अधूरे है। दरअसल मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में 2016 में किसान पथ की नींव रखी गई थी। लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह ने 2014 में चुनाव जीतने के बाद लखनऊ में ट्रैफिक के हालात सुधारने के लिए रिंग रोड बनाने का फैसला किया था। शहीद पथ पर लोड होने के चलते रिंग रोड की जरूरत थी। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने 2016 में इसे बनाने की शुरुआत की हालांकि जो समय सीमा तय की गई थी। उसके हिसाब से ये रिंग रोड बीते साल तक बनकर तैयार हो जाना चाहिए था। लेकिन काम में देरी के चलते अब ये इस साल बनकर तैयार हो जाएगा। ये रिंग रोड अयोध्या रोड से कुर्सी रोड, सीतापुर रोड, हरदोई रोड, कानपुर रोड, रायबरेली रोड, सुल्तानपुर रोड से होते वापस अयोध्या रोड पर मिलेगा। शहर के चारो तरफ घूमने कुल लंबाई 104 किमी है। जिस पर करीब 5400 करोड़ की लागत आ रही है।
किसान पथ से लगभग 40 लाख लोगों को मिलेगा सीधा फायदा
लखनऊ शहर की आबादी बढ़ रही है।बढ़ती आबादी से शहर पर वाहनों का भारी दवाब है। शहर के अंदर की गाड़ियां तो रहेंगी ही लेकिन असल दिक्कत लखनऊ से होकर गुजरने वाले वाहनों से होती है। रिंग रोड ऐसे वाहनों को लखनऊ में एंट्री किए बिना ही लखनऊ क्रॉस करा देगा। ये सभी गाड़ियां शहर से 15 किमी दूर से ही निकल जाएगी। लखनऊ में बाहर से आने वाले सभी वाहनों को शहर के अंदर आने की जरुरत ही नहीं होगी। किसान पथ के बनने के बाद करीब 40 लाख की आबादी को सीधा फायदा मिलेगा। फोर लेन में तैयार यह रिंग रोड देश के बड़े रिंग रोड में एक होगा। अभी तक उत्तर भारतीय राज्यों में इतना बड़ा रिंग रोड नहीं है।
किसान पथ के शुरू होने से लखनऊ शहर को मिलेगा तरक्की का नया मुकाम
सड़कों का जाल अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ा देता है। और यूपी में बढ़ते एक्सप्रेस वे एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का अहम हथियार बन गए है। यूपी इन्वेस्टर की पहली पसंद बनकर उभरा है। ऐसे में लखनऊ भी बेहतर रोड की बदौलत उत्तर प्रदेश को नई ऊंचाईयां देने के लिये तैयार है रिंग रोड के शुरू होने के बाद लखनऊ के ग्रामीण हिस्सों में तरक्की के दरवाजे खुलेंगे। इस रिंग रोड के आसपास के गांवो में जमीनो की कीमतें बढ़ गई है। होटल, हाउसिंग सोसायटी सहित कई उद्यम इसके दोनो तरफ शुरू होंगे। इससे लोगो के सामने रोजगार के मौके भी उपलब्ध होंगे। शहर की आर्थिक सेहत इससे और मजबूत होगी। जैसे शहीद पथ मॉडर्न लखनऊ की पहचान बन गया है। उसी तर्ज पर लखनऊ के आसपास नया बन रहा रिंग रोड भी तरक्की का नया अध्याय लिखेगा।
किसान पथ बनने के बाद शहीद पथ भी पकड़ेगा स्पीड
अभी मौजूदा दौर में कानपुर रोड को ,रायबरेली रोड सुल्तानपुर रोड से होता हुआ अयोध्या रोड तक कनेक्ट करने वाला शहीद पथ ट्रैफिक के दवाब का शिकार है। शहीद पथ से ही फ्लाईओवर के जरिए एयर पोर्ट कनेक्टिविटी भी की गई है, ताकि बिना किसी जाम के शहर से एयरपोर्ट पहुंचना आसान हो सके। लेकिन शहीद पथ पर वाहनों के दवाब के चलते अभी हाल फिलहाल ऐसा मुमकिन नहीं है। शहीद पथ कामता चौराहे पर जाकर अयोध्या रोड में मिलता है। ऐसे में चिनहट पर अक्सर जाम के हालात बने रहते हैं। किसान पथ के बन जाने से कामता से लेकर चिनहट तक अयोध्या रोड पर ट्रैफिक से भी निजात मिल जाएगी ।
कहां-कहां से होकर गुजरेगा किसान पथ
किसान पथ की शुरूआत सीतापुर रोड पर बख्शी का तालाब के आगे डिगोई गांव से हुई है। वहा से किसान पथ कुर्सी रोड के पास बेहटा गांव से निकलता हुआ बाराबंकी को छूता हुआ देवा क्षेत्र को जोड़ रहा है। इसी के साथ ये रोड़ जबरीखुर्द, कटालीपुरवा, गोसाईंगपुरवा गांवो से होते हुए इंदिरा कैनाल से निकल रहा है। जहा से सीधा सुल्तानपुर रोड फिर गोसाईंगंज के गांव माढरमऊ कलां को टच करते हुए आगे बढ़ा है। इसी एलाइनमेंट पर आगे बढ़ते हुए मोहनलाल गंज के नगराम के पास गांव दाऊद नगर तक किसान पथ पहुंच रहा है। यहां से रायबरेली रोड के गांव कल्ली पश्चिम के पास से किसान पथ आगे कानपुर रोड पर फिर मोहान रोड के गांवो को टच करता हुआ हरदोई के गाँव सलेमपुर पहुंचा है। फिर गोमती नदी पार करते हुये गाँव कंकदाबाद से होते हुये बक्शी के तालाब में दोबारा पहुंच कर सर्कल पूरा कर रहा है।
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