Lucknow KGMU: मरीजों के लिए राहत भरी खबर, रोगियों की भाग-दौड़ बचाने के लिए टेलीमेडिसिन का लिया जाएगा सहारा

Lucknow KGMU: टेलीमेडिसिन मरीजों को भाग-दौड़ से बचाएगी। केजीएमयू का पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग अब दूर-दराज के रोगियों की भाग-दौड़ बचाने के लिए टेलीमेडिसिन की मदद लेगा। टेलीमेडिसिन से इन्हें डेट देने के बाद जरूरी जांच के लिए बुलाया जा सकता है। इससे मरीज और डॉक्टर दोनों का वक्त भी बचेगा।

kgmu lucknow

टेलीमेडिसिन की मदद लेगा केजीएमयू

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • मरीजों की भाग-दौड़ बचाने के लिए टेलीमेडिसिन की मदद लेगा केजीएमयू
  • पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग में 307 बच्चों पर शोध के बाद आगे का प्लान
  • मरीजों को बिना समय बर्बाद किए इलाज देने में साबित होगी कारगर

Lucknow KGMU: राजधानी लखनऊ में स्थित किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) का पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग अब दूर-दराज के रोगियों की भाग-दौड़ बचाने के लिए टेलीमेडिसिन की मदद लेगा। कोरोना काल में किए गए इस प्रयोग को काफी सफलता मिली थी। इसे नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज की तरफ से मान्यता दे दी गई है। संक्रमण काल में टेलीमेडिसिन के उपयोग से केजीएमयू के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के 96 फीसदी तक केसों में राहत मिली थी। यह रिसर्च 307 बच्चों पर हुआ है। चिकित्सा संस्थान के पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष प्रो. जिलेदार रावत ने बताया कि, कोविड-1 महामारी के वक्त साल 2020 अप्रैल से अगस्त के बीच टेलीमेडिसिन के जरिए से मरीज‍ देखे गए थे।

इन 307 बच्चों में से 56 बच्चों की हालत खराब थी, इसलिए इन बच्चों को ऑपरेशन के लिए तुरंत बुलाया गया। बाकी बच्चों को इमरजेंसी नहीं होने के कारण बाद में टेलीमेडिसिन की मदद से बुलाया गया था। कुल मरीजों में से 296 इस व्यवस्था से पूरी तरह संतुष्ट हो गए। ऐसे में अब इस व्यवस्था को आगे बढ़ाने की तैयारी हो रही है।

टेलीमेडिसिन के इस्तेमाल से बचाई जा सकती है भाग-दौड़यह रिसर्च करने वालों में विभाग के डॉ. राहुल राय, डॉ. आनंद पांडेय, डॉ. गुरमीत सिंह, डॉ. अर्चिका गुप्ता और डॉ. जिलेदार रावत शामिल हैं। शोध के निष्कर्ष के अनुसार, पीडियाट्रिक सर्जरी के केस में टेलीमेडिसिन का इस्तेमाल करके मरीज और उसके तीमारदार की भाग-दौड़ बचाई जा सकती है। पीडियाट्रिक सर्जरी के कई मामले ऐसे होते हैं, जिनमें बच्चों को ऑपरेशन की डेट देनी होती है। कई बार सिर्फ इस काम के लिए उन्हें दौड़ लगानी पड़ती है। टेलीमेडिसिन से इन्हें डेट देने के बाद जरूरी जांच के लिए बुलाया जा सकता है। इससे मरीज और डॉक्टर दोनों का वक्त भी बचेगा।

नए मेडिकल कॉलेजों में हो सकता है उपयोगी- रावतडॉ. जिलेदार रावत के मुताबिक, बच्चों की सर्जरी में सुपर स्पेशियलिटी की सुविधा यूपी के कुछ ही केंद्रों पर है। मौजूदा समय में काफी संख्या में नए मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं। टेलीमेडिसिन के जरिए इन मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सकों को प्रशिक्षित किया जा सकता है। सिर्फ ज्यादा जटिल मामलों को ही केजीएमयू लखनऊ बुलाया जाए। इससे बच्चे को उसके घर के पास ही अच्छा उपचार मिल जाएगा। केजीएमयू में ज्यादा भीड़ भी नहीं लगेगी।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | लखनऊ (cities News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल author

अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited