Lucknow: मीटर रीडिंग में हेराफेरी के मामले में बड़ा खुलासा, पश्चिम बंगाल का रहने वाला है सरगना, लेसा की लैब से लेता था चिप

Lucknow Meter Reading Scam : लखनऊ में कई हजार बिजली मीटरों में हेराफेरी कर बिजली बिल कम करने वाले गिरोह को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। गिरोह के लोग चिप के साथ ही इंजेक्शन की सिरिंज का उपयोग करते थे। इस गिरोह का सरगना पश्चिम बंगाल का रहने वाला है।

lucknow Electricity Meter

मीटर रीडिंग हेराफेरी करने वाले गिरोह के पांच सदस्य गिरफ्तार

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • यूपी में बिजली मीटर चला रहा था पश्चिम बंगाल निवासी सरगना
  • मीटर रीडिंग घोटाले के तार पूर्वांचल और मध्यांचल तक फैले
  • सरगना लेसा की लैब से हासिल करता था चिप

Lucknow Meter Reading Scam: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कई हजार घरों में बिजली बिल कम करने को लेकर मीटर में इलेक्ट्रॉनिक चिप लगाने वाले गिरोह का यूपी एसटीएफ ने पर्दाफाश किया है। एसटीएफ ने पांच लोगों को अरेस्ट कर बड़े गैंग का खुलासा किया। यह लोग चिप के साथ ही इंजेक्शन की सिरिंज का इस्तेमाल करते थे। गिरोह का सरगना पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। पूछताछ में पकड़े गए सदस्यों ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उन्होंने बताया कि, यह काम बिजली विभाग के संविदा कर्मचारियों की मिलीभगत से किया जा रहा था।

जानकारी के अनुसार, 50 हजार से अधिक घरों के बिजली मीटर को इलेक्ट्रॉनिक चिप लगाकर धीमा कर राजस्व को चूना लगाने वाला सरगना पवन पॉल पश्चिम बंगाल का रहने वाला है। सरगना पवन पॉल बिजली विभाग के संविदा कर्मचारियों की मिलीभगत से मध्यांचल से पूर्वांचल तक मीटर रीडिंग कम करने वाले गिरोह का संचालन कर रहा था।

20 साल से हेराफेरी का काम कर रहा है पवनगिरफ्तार पांच आरोपियों से कई घंटे तक हुई पूछताछ में कई राज खुले हैं। सरगना पवन पॉल लेसा की लैब से चिप हासिल करता था। उसने लेसा के कर्मचारियों को अपने गैंग में शामिल कर रखा था। कर्मचारियों ने बताया कि, पवन पॉल ने सीतापुर की एक लड़की से विवाह करने के बाद लखनऊ के आशियाना में ठिकाना बना रखा था। सरगना पवन पॉल करीब 20 वर्ष से बिजली विभाग में मीटर रीडिंग और बिल से जुड़े मामले में हेराफेरी कराने का कार्य करता है। पवन पॉल ऐशबाग और तालकटोरा में ग्राहकों के बिल ठीक कराने का कार्य करता था।

सीधे किसी उपभोक्ता का काम नहीं करता था पवनटेक्निकल जानकारी होने के चलते पवन ने मीटर में हेराफेरी का काम भी शुरू कर दिया। इसके बाद वह मीटर लगाने और बदलने वालों की मिलीभगत से गिरोह का संचालन करने लगा। यूपी एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि, पवन इलेक्ट्रीशियन के जरिए ग्राहकों के मीटर में खेल करने का काम करता था। पवन सीधे किसी उपभोक्ता का काम नहीं करता था। आरोपी ने अपने तीन मंजिल के मकान में ही मीटर बनाने की लैब बना रखी थी। उसके मकान में दूसरी मंजिल से ऊपर जाने की किसी को परमिशन नहीं थी। पवन अपने मकान में आने-जाने वालों पर सीसीटीवी कैमरे से नजर रखता था। इसके साथ ही वॉकी-टॉकी से मकान में मौजूद लोगों के संपर्क में रहता था।

सरगना पवन पॉल की तलाश में दबिश दे रही एसटीएफएसटीएफ ने बताया कि, पवन पॉल की विभाग में पकड़ का इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि, सैकड़ों सरकारी मीटर उसके घर में मिले हैं। इनमें तीन नए मीटर भी शामिल है। चिप लगाकर बिजली मीटर धीमा कर चूना लगाने वाले गिरोह का सरगना पवन पॉल एसटीएफ के हाथ नहीं लग पाया है। एसटीएफ उसकी तलाश में लगातार दबिश दे रही है। गिरोह से जुड़े तीन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई है। हालांकि उन्हें बाद में छोड़ दिया गया। एसटीएफ के प्रभारी एसएसपी विशाल विक्रम सिंह के अनुसार, जालसाजों ने कई ग्राहकों के बिजली मीटर खुलवाकर मंगवा लिए थे। फिर मीटरों में अपने घर में उनमें चिप लगाई थी। एसटीएफ ने आरोपी के घर से पकड़े गए सतीश, अर्जुन, सोनू पाल उर्फ समीर, अली उमर और रमन से कई घंटे तक पूछताछ की गई। जिसमें कई जानकारी हाथ लगी हैं।

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