लखनऊ में कितने मोहल्लों के नाम के आखिर में जुड़ा है 'गंज', जानें क्या है इसका असली मतलब

लखनऊ में बहुत से ऐसे इलाके हैं जिनके नाम के आखिर में गंज शब्द जुड़ा हुआ है जैसे हजरतगंज, निशातगंज, अलीगंज, सआदतगंज, बालागंज आदि। आइए जानते हैं कि इस गंज शब्द का क्या मतलब होता है।

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लखनऊ में गंज नाम की जगहें (फोटो साभार - ट्विटर)

Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ शहर किसी पहचान का मोहताज नहीं है। नवाबों का शहर कहलाने वाला लखनऊ अपने अदब और तहजीब के लिए तो फेमस है ही, साथ ही यहां की चिकनकारी कढ़ाई ने भी दुनियाभर के लोगों का दिल जीता हुआ है। इस शहर की ऐतिहासिक इमारतें भी अपने साथ कई कहानियों को संजोय बैठी हैं। यह शहर अदब और शॉपिंग के अलावा खान-पान के लिए भी जाना जाता है। इस शहर ने स्वाद के मामले में भी बहुत लोगों को अपना दीवाना बनाया है। लेकिन इसके अलावा भी एक और चीज है जो यहां बहुत ज्यादा देखने को मिलती है। यहां पर आपको हर चौराहे या मोहल्ले पर कोई न कोई इलाका ऐसा जरुर मिलेगा, जिसका नाम गंज से खत्म होता है। आइए जानते हैं कि इस शहर में आखिर कितने गंज है?

लखनऊ में गंज नाम के इलाके

आपने दरियागंज, मल्कागंज, डिप्टीगंज जैसी जगहों के नाम तो सुने ही होंगे। लेकिन लखनऊ शहर में गंज नाम की जगह की तादाद बाकी शहरों से कहीं ज्यादा है। अगर आप लखनऊ गए होंगे तो लखनऊ के हजरतगंज के बारे में तो जरूर जानते होंगे। हजरतगंज की तरह की लखनऊ में और भी बहुत से गंज है जिनके नाम इस तरह हैं - निशातगंज, अलीगंज, सआदतगंज, बालागंज, बाबूगंज, हुसैनगंज, मोहनलालगंज, गोसाईंगंज, गंगागंज, रकाबगंज, हसनगंज, ठाकुरगंज, वजीरगंज, यहियागंज, इस्माइलगंज, फैजुल्लागंज, हैदरगंज, गोलागंज, डालीगंज, गणेशगंज, अंबरगंज, दौलतगंज, मौलवीगंज, वजीरगंज, बशीरतगंज, भवानीगंज, फैजुलागंज, डालीगंज और तिवारी गंज। लखनऊ में गंज की लिस्ट सिर्फ इतनी ही नहीं बल्कि और भी कई इलाके हैं जिनके नाम के लास्ट में गंज लगा हुआ है। आइए जानते हैं कि आखिर इस गंज का क्या मतलब है और इसके इस्तेमाल के पीछे की वजह क्या है।

गंज शब्द का मतलब

ऐसा माना जाता है कि गंज शब्द की उत्पत्ति पुरानी फारसी भाषा मेदियन से हुई है। पुराने समय में इस शब्द का प्रयोग खजाने को रखने के लिए किया जाता था। हालांकि बाद में गंज शब्द को संस्कृत और फारसी में गायों को रखने के लिए इस्तेमाल किया जाने लगा। माना जाता है कि यह शब्द संस्कृत भाषा में एक हजार साल पुराना है। गंज शब्द का प्रयोग पहले शोर वाले स्थानों के लिए भी किया जाता था। हालांकि जैसे-जैसे समय में बदलाव हुआ वैसे ही इस शब्द का इस्तेमाल भी अलग-अलग तरीकों से होने लगा। जिसके बाद गंज शब्द को मंडी और बाजार के स्थानों के लिए किया जाने लगा। इसका मतलब ये है कि जिन जगहों पर मार्केट लगते थे उन्हें गंज कहा जाने लगा।

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Pooja Kumari author

पूजा सितंबर 2023 से Timesnowhindi.com से जुड़ी हुई हैं। यहां बतौर कॉपी एडिटर सिटी न्यूज, मेट्रो- रेल और रोड इंफ्रास्ट्रक्चर, डेवलपमेंट, मौसम, क्राइम, ...और देखें

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