Lucknow News: तेरे जैसा यार कहां! बिल्डर को जमीन देकर अधिकारियों ने गायब की फाइल, अब खुल रही परतें

Lucknow News: लखनऊ में मनमाने ढंग से बिल्डर को नगर निगम की जमीन देने के बाद फाइल गायब करने का मामला सामने आया है। जमीन पर एलडीए के नियमों के विरुद्ध जाकर दिए गए एनओसी पर संपत्ति विभाग के अपर आयुक्त पर कई सवाल उठ रहे हैं।

Lucknow Municipal Corporation

लखनऊ नगर निगम

Lucknow News: लोग दोस्ती निभाने की लिए क्या कुछ नहीं करते हैं। दोस्त की इच्छा या जरूरत पूरी करने के लिए वह कुछ भी कर गुजरने को तैयार हो जाते हैं। ऐसा ही एक मामले लखनऊ से सामने आया है। जहां नगर निगम के अधिकारी ने बिना किसी बात की परवाह किए अपने बिल्डर दोस्त को नगर निगम की जमीन चुपचाप देकर उसकी फाइल गायब कर दी है। ताकि मामला किसी की पकड़ में न आए। जमीन की खोज पर फाइल न मिलने और एनओसी देने के मामले में अब एक के बाद एक परतें खुलती जा रही है।

जमीन को लेकर अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने और फाइल के नहीं मिलने पर नगर निगम में संपत्ति विभाग देख रहे अधिकारी की भूमिका पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। एलडीए के नियमों के विरुद्ध जाकर अनापत्ति पत्र देने के मामले की जांच की जा रही है। मामले की जांच के दौरान बिल्डर को मनमाने ढंग से जमीन और अनापत्ति प्रमाण पत्र देने को लेकर अपर नगर आयुक्त ललित कुमार से संपत्ति विभाग का चार्ज ले लिया गया है। अब, इसका चार्ज अपर नगर आयुक्त पंकज श्रीवास्तव को दिया गया है।

मेयर ने मांगी रिपोर्ट

नगर निगम की जमीन से संबंधित मामलों पर निर्णय लेने का अधिकार मेयर की अध्यक्षता वाली कार्यकारिणी समिति के पास होता है। बताया जा रहा है कि करीब एक हफ्ते पहले ही मेयर सुषमा खर्कवाल ने जमीन को लेकर रिपोर्ट मांगी थी, जो उन्हें अभी तक नहीं मिली है। रिपोर्ट के बारे में पूछे जाने पर संपत्ति विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फाइल अभिलेखागार (Archives) में नहीं है। जांच के बाद पता चला है कि फाइल 17 जुलाई को सहायक नगर आयुक्त कार्यालय में रिसीव हुई थी। उसके बाद से इसका कोई अता पता नहीं है। कुछ समय के इंतजार के बाद अभिलेखागार में फाइल की खोज के लिए एक टीम लगाई गई, लेकिन फाइल अभी तक नहीं मिली है।

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एनओसी के मामले पर अधिकारी पर गिरी गाज

मिली जानकारी के अनुसार, नगर निगम के अपर आयुक्त को बिल्डर को जमीन और एनओसी देने पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। जिसके चलते उनसे संपत्ति विभाग का चार्ज भी ले लिया गया है। बताया जा रहा है कि जमीन देने के बाद फाइल को कहीं छुपा दिया गया है, ताकि मामला पकड़ में न आ सके। जमीन का ये मामले आईआईएम रोड पर मुतक्कीपुर में नगर निगम की जमीन को मेसर्स स्प्रिंग गार्डन का है।

जमीन के बदले जमीन का नहीं कोई पता

जारी किए गए अनापत्ति प्रमाण पत्र में मुतक्कीपुर खसरा नंबर 295 में 0.048 हेक्टेयर नाली, खसरा नंबर 303 में 0.007 हेक्टेयर नाली, खसरा नंबर 257 में 0.045 हेक्टेयर रास्ता की जानकारी दी गई है। इसमें आगे लिखा गया था कि इस जमीन का विनियम मेसर्स स्प्रिंग गार्डन में किया जाएगा और इसके बदले में उतनी ही जमीन नगर निगम को मिलेगी। लेकिन ध्यान देने वाली बात ये है कि जमीन के बदले मिलने वाली जमीन किस स्थान पर इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है।

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बिल्डर का जमीन पर पहले से था कब्जा

मिली जानकारी के अनुसार, नगर निगम की इस जमीन पर पहले से ही बिल्डर का कब्जा था। मनमाने और गुपचुप तरीके से जमीन देने के मामले के बारे में जानकारी मिलते ही जांच शुरू की गई। इस जांच में जमीन मापने के लिए आए लेखपाल की रिपोर्ट के अनुसार, खसरा नंबर 295, 302 और 303 मेसर्स स्प्रिंग गार्डन के अंदर है। यहां अवैध रूप से दीवार खड़ी की गई है, नाली और सड़क का निर्माण किया गया है। इसके साथ ही लेखपाल ने ये भी बताया कि बिल्डर ने अभिलेख के बजाए उन्हें अस्थायी एनओसी दिखाई है। मामले की जांच की जा रही है और फाइल को अभी भी ढूंढा जा रहा है।

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varsha kushwaha author

वर्षा कुशवाहा टाइम्स नाऊ नवभारत में बतौर कॉपी एडिटर काम कर रही हैं। नवबंर 2023 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। वह इंफ्रा, डे...और देखें

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