Lucknow: अच्छी खबर! अब हर साल पीजीआई में होंगे 500 अंग प्रत्यारोपण, जनवरी से शुरू होगी नई ट्रांसप्लांट यूनिट
Lucknow SGPGI: लखनऊ स्थित संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान में रीनल ट्रांसप्लांट यूनिट बनकर तैयार हो गई है। नए साल पर जनवरी से यूनिट की शुरुआत हो जाएगी। इसके बाद प्रत्यारोपण की क्षमता दोगुनी से भी अधिक हो जाएगी। इससे मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी साथ ही दूसरे राज्यों में भटकना नहीं पड़ेगा।
पीजीआई में अब हर वर्ष होंगे 500 अंग प्रत्यारोपण
मुख्य बातें
- लखनऊ के पीजीआई में अब हर वर्ष होंगे 500 अंग प्रत्यारोपण
- एसजीपीजीआई में रीनल ट्रांसप्लांट यूनिट बनकर तैयार
- मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी साथ ही दूसरे राज्यों में भटकना नहीं पड़ेगा
Lucknow SGPGI: उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए राहतभरी खबर है। अब राजधानी लखनऊ स्थित संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में हर वर्ष 500 अंग प्रत्यारोपण किए जा सकेंगे। एसजीपीजीआई में रीनल ट्रांसप्लांट यूनिट बनकर तैयार हो चुकी है। यह यूनिट नए साल पर जनवरी माह से शुरू हो जाएगी। इस ब्लॉक की स्थापना के बाद प्रत्यारोपण की क्षमता दोगुनी से भी अधिक हो जाएगी। गौरतलब है कि, एसजीपीजीआई में अभी 200 लिवर और किडनी ट्रांसप्लांट हो रहे हैं। नई यूनिट शुरू होने के बाद ट्रांसप्लांट की संख्या 500 के पार पहुंच जाएगी। ऐसे में मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। मरीजों को दूसरे राज्यों में भटकना नहीं पड़ेगा।
संस्थान के निदेशक प्रो. आरके धीमान के अनुसार, इस वक्त संस्थान में ट्रांसप्लांट के लिए तीन ऑपरेशन थियेटर का इस्तेमाल किया जा रहा है। एक सप्ताह में करीब पांच दिन ट्रांसप्लांट होते हैं। इस हिसाब से पूरे वर्ष में करीब 200 प्रत्यारोपण के केस हो रहे हैं। नई यूनिट तैयार होने पर एक साथ छह ऑपरेशन थिएटर चल पाएंगे।
600 से अधिक वेटिंग के मामलेनई यूनिट के शुरू होने से प्रत्यारोपण की क्षमता भी दोगुनी हो जाएगी। नई यूनिट शुरू होने के साथ ही संस्थान में प्रत्यारोपण की वेटिंग भी घटेगी। संस्थान में पूरे यूपी के साथ दूसरे राज्यों से भी मरीज प्रत्यारोपण के लिए पहुंचते हैं। देश में प्रत्यारोपण की जरूरत वाले मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। अकेले पीजीआई में ही इस वक्त प्रत्यारोपण कराने के लिए 659 मरीज लाइन में हैं। यह लिस्ट 31 दिसंबर 2021 के बाद अपडेट नहीं की गई है। जिस तेजी से मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है, उस लिहाज से आंकड़ा इस समय 1000 के करीब होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
रीनल ट्रांसप्लांट यूनिट बनकर तैयारएसजीपीजीआई निदेशक प्रो. आरके धीमान ने कहा कि, रीनल ट्रांसप्लांट यूनिट बनकर तैयार हो गई है। इसे शुरू करने के लिए जरूरी उपकरण की व्यवस्था भी कर ली गई है। बहुत जल्द यूनिट को शुरू कर दिया जाएगा। यूनिट शुरू होने के बाद ट्रांसप्लांट की क्षमता दोगुनी हो जाएगी। वहीं, एसजीपीजीआई की ओपीडी में अब रोगियों को खून और पेशाब के नमूने देने के लिए अगले दिन का इंतजार नहीं होगा। संस्थान की लैब में ओपीडी के रोगियों को अब रात आठ बजे तक सैंपल देने की सुविधा मिलेगी। इसके साथ ही सैंपल देने के दो घंटे में जांच रिपोर्ट भी मिले जाएगी। इससे रोगियों को काफी सहूलियत होगी।
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