लखनऊ में महिला बैंक कर्मी की संदिग्ध हालात में मौत, अखिलेश ने भाजपा सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के विभूतिखंड क्षेत्र में एक महिला बैंक कर्मचारी की संदिग्ध हालात में कार्यस्थल पर ही गिरकर मौत हो गई। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, महिला बैंक कर्मचारी की कुर्सी से गईं जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषिथ कर दिया।
महिला बैंक कर्मी की संदिग्ध हालात में मौत
मुख्य बातें
- कुर्सी से गिरकर महिला कर्मी की संदिग्ध मौत।
- मृतका के परिजनों ने दर्ज नहीं कराई कोई शिकायत।
- पोस्टमार्टम के आधार पर हो सकती है कार्रवाई।
Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश कीराजधानी लखनऊ के विभूतिखंड क्षेत्र में एक महिला बैंक कर्मचारी की संदिग्ध हालात में कार्यस्थल पर ही गिरकर मौत हो गई। विभूतिखंड के थानाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने बुधवार को बताया कि सदफ फातिमा (40) नामक महिला एक निजी बैंक में काम करती थी तथा मंगलवार को वह कार्यालय परिसर में गिर गई।
सिंह ने बताया कि उसके सहकर्मी उसे पास के सरकारी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।
उन्होंने बताया, ''मृतका के परिजनों ने मामले में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।''
दो दिन पहले हुई थी तबीयत खराब
मृतका की एक महिला रिश्तेदार ने बुधवार को संवाददाताओं को बताया कि सदफ अपने परिवार की एकमात्र कमाने वाली थी तथा दो दिन पहले उसकी तबीयत खराब हुई थी, लेकिन बाद में वह बिल्कुल ठीक हो गयी थी।
समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 'एक्स' पर कहा कि ऐसे समाचार देश में वर्तमान अर्थव्यवस्था के दबाव के प्रतीक हैं तथा इस संदर्भ में सभी कंपनियों और सरकारी विभागों तक को गंभीरता से सोचना होगा। उन्होंने कहा कि ये देश के मानव संसाधन की अपूरणीय हानि है और ऐसे आकस्मिक निधन काम के हालात को सवालों के घेरे में ले आते हैं।
भाजपा पर बरसे सपा प्रमुख
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “किसी भी देश की असली तरक़्क़ी का पैमाना सेवा या उत्पाद के आंकड़े का बढ़ना नहीं होता बल्कि ये होता है कि व्यक्ति मानसिक रूप से कितना स्वतंत्र, स्वस्थ व प्रसन्न है।” उन्होंने दावा किया कि भाजपा सरकार की नाकाम आर्थिक नीतियों के कारण कंपनियों का काम-कारोबार इतना घट गया है कि अपने व्यापार-व्यवसाय को बचाने के लिए वो कम लोगों से कई गुना काम करवाती हैं।
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यादव ने कहा, “ ऐसी आकस्मिक मृत्यु के लिए जितनी भाजपा सरकार ज़िम्मेदार है उतने ही जनमानस को मानसिक रूप से हतोत्साहित करनेवाले भाजपाइयों के बयान भी। इस समस्या से उबरने के लिए कंपनियों और सरकारी विभागों को ‘तत्काल सुधार’ के लिए सक्रिय और सार्थक प्रयास करने चाहिए।''
(इनपुट: भाषा)
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अनुराग गुप्ता author
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