अच्छी खबर! लखनऊ के कैंसर संस्थान में अब इलाज के साथ होगा दवाओं का ट्रायल, मरीजों को होगा बड़ा फायदा
Lucknow Cancer Institute: लखनऊ स्थित कल्याण सिंह सुपर स्पेशलिटी कैंसर इंस्टीट्यूट (केएसएससीआइ) को और अधिक क्षमता और अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से लैस करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। ताकि अच्छे इलाज के लिए कैंसर मरीजों को किसी दूसरे अस्पतालों का रुख ना करना पड़े। कैंसर संस्थान में उपचार के साथ ही अब कैंसर की दवाओं का ट्रायल भी किया जा सकेगा।
कल्याण सिंह कैंसर संस्थान में अब इलाज के साथ ही दवाओं का ट्रायल भी
मुख्य बातें
- लखनऊ में आने वाले कैंसर के रोगियों के लिए राहत
- संस्थान में इलाज के साथ ही दवाओं का ट्रायल भी
- सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन का प्रमाण पत्र भी मिला
Lucknow Cancer Institute: लखनऊ स्थित चक गंजरिया स्थित कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान में उपचार के साथ ही अब कैंसर की दवाओं पर शोध भी किया जा सकेगा। कैंसर संस्थान की इंटरनल एथिकल कमेटी इसके लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के पास पहले ही पंजीकृत कराई जा चुकी थी। अब उसे सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन का प्रमाण पत्र भी मिल गया है। इसके बाद अब यहां कैंसर की दवाओं का ट्रायल भी किया जा सकेगा।संबंधित खबरें
आपको बता दें कि कल्याण सिंह कैंसर संस्थान की स्थापना साल 2018 में जनवरी माह में हुई थी। डॉक्टर और कर्मचारियों की कमी के कारण अभी भी इसका पूरी क्षमता से संचालन नहीं हो पा रहा है। इस वर्ष यहां डॉक्टरों के 56 पद, सीनियर रेजिडेंट के 69, जूनियर रेजिडेंट के 63 और आउटसोर्सिंग के जरिए 217 पद स्वीकृत किए गए हैं। संबंधित खबरें
यूपी में सबसे ज्यादा मरीजइनके अलावा 503 स्थायी गैर शिक्षण स्टाफ और 62 फैकल्टी के पद इसी वर्ष स्वीकृत किए गए हैं। इसके बाद संस्थान अपनी पूरी क्षमता के साथ संचालित हो सकेगा। इसी हफ्ते सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन का प्रमाण पत्र मिलने पर संस्थान में बेहतर उपचार का रास्ता और साफ हो गया है। कैंसर संस्थान के निदेशक प्रो. आरके धीमान के अनुसार, एक अनुमान के मुताबिक, इस समय प्रदेश में ढाई लाख नए कैंसर मरीज हर वर्ष आ रहे हैं। जबकि कुल मरीजों की अनुमानित संख्या छह से सात लाख के आसपास है।
मरीजों को मिलेगा फायदारोगियों की संख्या को देखते हुए नई-नई दवाई भी बन रही हैं। इनका उपयोग शुरू करने से पहले दवाओं को कई चरण के ट्रायल से गुजरना पड़ता है। कैंसर संस्थान को इसी प्रक्रिया के तहत एक केंद्र बनाया जाएगा। ऐसा होने के बाद संस्थान में कैंसर की दवाओं के प्रभाव और असर की भी जांच हो सकेगी। कल्याण सिंह सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान के निदेशक प्रो. आरके धीमान ने कहा कि कैंसर संस्थान को यूपी के सबसे बड़े कैंसर संस्थान के रूप में बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन का प्रमाण पत्र मिलना गर्व की बात है। यहां पर ड्रग ट्रायल होने लगेंगे। इससे सीधे तौर पर मरीजों को फायदा होगा।
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