सपा के 3 नेता जाएंगे जेल? किस ओर इशारा कर रहा राजभर का बयान और अखिलेश का ट्वीट
Gomati River Front Scam: राजभर का दावा है कि इन दोनों घोटालों में अखिलेश यादव का नाम है और जांच होने पर वह जेल जाएंगे। अखिलेश का ट्वीट भी इसी ओर इशारा कर रहा है कि उत्तर प्रदेश में कुछ बड़ा होने वाला है। अखिलेश यादव को जेल वाला डर सता रहा है और इसके बारे में उन्होंने ट्वीट किया है।
Gomati River Front Scam: घोसी उपचुनाव का नतीजा आने के बाद उत्तर प्रदेश में राजनीतिक घटनाक्रम तेज हो गया है। अपनी जीत के बाद समाजवादी पार्टी आगामी चुनावों के लिए नया नरेटिव सेट करने में लगी है तो वहीं भाजपा की तरफ से घोटालों एवं भ्रष्टाचार में शामिल नेताओं पर कार्रवाई करने की बात कही गई है। राजभर ने गोमती रिवर फ्रंट और खनन घोटाला का जिक्र कर सपा के 3 बड़े नेताओं अखिलेश यादव, शिवपाल यादव और राम गोपाल यादव का नाम लिया। संबंधित खबरें
राजभर का दावा-घोटाले में अखिलेश का नाम
राजभर का दावा है कि इन दोनों घोटालों में अखिलेश यादव का नाम है और जांच होने पर वह जेल जाएंगे। अखिलेश का ट्वीट भी इसी ओर इशारा कर रहा है कि उत्तर प्रदेश में कुछ बड़ा होने वाला है। अखिलेश यादव को जेल वाला डर सता रहा है और इसके बारे में उन्होंने ट्वीट किया है। सूत्रों का कहना है कि इन घोटालों की फाइल सीएम योगी आदित्यनाथ तक पहुंच गई है और इससे विपक्ष में हड़कंप मचा हुआ है।संबंधित खबरें
शिवपाल बोले-राजभर का कोई ठिकाना नहीं
एनडीए के सहयोगी ओपी राजभर ने कहा है कि अखिलेश यादव जल्द जेल जाएंगे। मीडिया से बातचीत में राजभर ने कहा कि खनन घोटाले में गायत्री प्रजापित के साथ तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का भी नाम आया है। गोमती रिवर फ्रंट में प्रोफेसर राम गोपाल यादव, अखिलेश और शिवपाल सिंह यादव का नाम सामने आया। राजभर के इस दावे पर शिवपाल यादव ने तंज कसा है। शिवपाल ने कहा कि राजभर का कोई राजनीतिक ठिकाना नहीं है। वह एक तरह से बहुरुपिए हैं। संबंधित खबरें
प्रोजेक्ट का काम पूरा नहीं हो पाया
गोमती रिवर फ्रंट को अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जाता है। इस प्रोजेक्ट पर 1513 करोड़ रुपए खर्च हुए। साल 2015 में सीएम रहते हुए अखिलेश यादव ने इसका शिलान्यास किया। इस बजट का 95 फीसदी हिस्सा यानी 1437 करोड़ रुपए खर्च हुए लेकिन प्रोजेक्ट का 60 फीसदी काम पूरा नहीं हो पाया। आरोप है कि टेंडर देने में बंदरबाट हुआ। जिस कंपनी को ठेका दिया गया वह पहले से डिफॉल्टर थी। इन सारी चीजों को लेकर 2017 में गोमती नगर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ और 2021 में सीबीआई ने दूसरी एफआईआर दर्ज की। संबंधित खबरें
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