सपा नेता आजम खान का ऑफिस और रामपुर पब्लिक स्कूल होंगे खाली, योगी कैबिनेट का बड़ा फैसला

योगी आदित्यनाथ कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है। इससे समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां को एक और झटका लगा है। आजम खां का कार्यालय और रामपुर पब्लिक स्कूल खाली होंगे। 100 करोड़ की संपत्ति आजम ख़ान को सालाना मात्र 100 रुपये में दी गई थी।

आजम खान पर कसा शिकंजा

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां को एक और झटका लगा है। अब उनका तोपखाना रोड स्थित कार्यालय दारूल अवाम और रामपुर पब्लिक स्कूल की लीज निरस्त हो गई है। इसके लिए प्रदेश सरकार की ओर से मंगलवार को कैबिनेट बैठक में लीज निरस्तीकरण का प्रस्ताव रखा गया था, जिसे सर्वसम्मति से मंजूरी मिल गई है। साथ ही यह जमीन माध्यमिक शिक्षा विभाग को वापस मिल गई है। जिसके बाद दोनों भवनों को खाली कराया जाएगा। यह शिकायत भी भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने की थी। समाजवादी पार्टी के कददावर नेता आजम खां की मुश्किलें कम नहीं हो पा रही हैं। ताजा मामला आजम खान के तोपखाना स्थित कार्यालय दारूल अवाम और रामपुर पब्लिक स्कूल से जुड़ा है। दरअसल, जिस बिल्डिंग में स्कूल और कार्यालय संचालित होते हैं, उनमें पहले जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी और राजकीय मुर्तजा उच्चतर माध्यमिक विद्यालय संचालित होते थे। लेकिन, सपा सरकार के दौरान आजम खां ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल किया और ये भवन मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए वर्ष 2012 में अपने नाम पटटा करा लिया।
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भाजपा विधायक आकाश सक्सेना का आरोप था कि मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट के पटटा विलेख के बिंदु संख्या-7 में यह स्पष्ट रूप से अंकित है कि आवंटित भूमि पर एक वर्ष के भीतर विश्वविद्यालय के संचालन के लिए निर्माण कराया जाएगा। इसके अतिरिक्त किसी अन्य प्रयोजन के लिए भूमि का प्रयोग नहीं किया जा सकता और यदि ऐसा होता है, तो यह पटटा निरस्त हो जाएगा। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की थी। जिसमें आरोप था कि मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के लिए आवंटित भूमि पर रामपुर पब्लिक स्कूल और समाजवादी पार्टी के कार्यालय का संचालन होता है, जो आवंटन नियमों के खिलाफ है। इससे शासन को वित्तीय क्षति पहुंची है। इस मामले में मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए थे। जिसके बाद जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ ने जांच के लिए कमेटी गठित कर दी। जांच में सभी आरोप सही पाए गए। जिस पर जिलाधिकारी ने पटटा निरस्त करने की संस्तुति की है। मंगलवार को प्रदेश सरकार की कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय को आवंटित की गई 3825 वर्ग मीटर भूमि की लीज का निरस्तीकरण का प्रस्ताव रखा गया। सर्वसम्मति से प्रस्ताव पर मुहर लग गई। अब यह जमीन माध्यमिक शिक्षा विभाग को वापस मिल गई है।
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