Lucknow SGPGI: लखनऊ एसजीपीजीआई में आएगा सर्जरी के लिए दूसरा रोबोट, मरीजों को मिलेगी राहत

Lucknow SGPGI: लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में सर्जरी कराने वाले मरीजों के लिए राहतभरी खबर है। संस्थान में सर्जरी के लिए दूसरा रोबोट आएगा। संस्थान ने दूसरे रोबोट का प्रस्ताव भी तैयार कर लिया है। नया रोबोट मिलने से रोबोटिक सर्जरी की वेटिंग भी कम होगी। मरीजों की जल्द ही सर्जरी भी हो सकेगी।

Lucknow SGPGI

लखनऊ एसजीपीजीआई में सर्जरी के लिए आएगा दूसरा रोबोट(फाइल फोटो)

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • लखनऊ एसजीपीजीआई में सर्जरी के लिए आने वाले मरीजों के लिए राहत
  • लखनऊ एसजीपीजीआई में आएगा दूसरा रोबोट
  • नया रोबोट मिलने से रोबोटिक सर्जरी की वेटिंग भी होगी कम

Lucknow SGPGI: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई में सर्जरी के लिए दूसरे दूसरा रोबोट भी आएगा। रोबोट लाने की दिशा में एसजीपीजीआई ने अपने कदम बढ़ा दिए हैं। किसी भी सरकारी संस्थान का पहला रोबोट हासिल करने वाले एसजीपीजीआई ने अब दूसरे रोबोट का प्रस्ताव भी तैयार कर लिया है। एसजीपीजीआई संस्थान में रोबोटिक सर्जरी के लिए करीब चार माह की वेटिंग को देखते हुए सरकार से एक और नया रोबोट देने की मांग की जाएगी। नया रोबोट मिलने से रोबोटिक सर्जरी की वेटिंग भी कम होगी।

एसजीपीजीआई संस्थान के रोबोटिक सर्जरी इंचार्ज और यूरोलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.एमएस अंसारी के अनुसार, संस्थान में जनवरी 2021 को रोबोट आया था। कोविड महामारी के बाद भी संस्थान ने अब तक तकरीबन सवा पांच सौ रोबोटिक सर्जरी की हैं।

सरकार से एक अतिरिक्त रोबोट की मांगएसजीपीजीआई संस्थान में रोबोटिक सर्जरी की लागत निजी संस्थानों के मुकाबले करीब 20 प्रतिशत आती है। संस्थान में इस समय यूरोलॉजी, कॉर्डियक, गैस्ट्रो, पीडियाट्रिक आदि विभागों में रोबोटिक सर्जरी की जा रही हैं। हर विभाग को सप्ताह में एक-एक दिन रोबोट मिलता है। इस कारण वेटिंग अधिक होती है। यही वजह है कि इसकी मांग तेजी से बढ़ी है। इसी मांग को देखते हुए सरकार से एक अतिरिक्त रोबोट की मांग की है। एसजीपीजीआई में अब तक यूरोलॉजी में 255, बाईपास सर्जरी-48, गैस्ट्रो सर्जरी-75, पीडियाट्रिक सर्जरी- 24, एंडोसर्जरी-67, अन्य- 60 रोबोटिक सर्जरी हो गई हैं।

मंजूरी मिलने की है पूरी उम्मीदप्रो. अंसारी के मुताबिक, रोबोटिक सर्जरी में सामान्य सर्जरी के मुकाबले कम ब्लड बहता है। चीरा भी ज्यादा सटीक और कम लगता है, इसके कारण मरीज की जल्दी छुट्टी हो जाती है। इसी वजह से यह अधिक सुरक्षित होती है। लोगों का रुझान भी इसकी तरफ तेजी से बढ़ रहा है। एसजीपीजीआई निदेशक प्रो. आरके धीमन ने कहा कि रोबोटिक सर्जरी का उम्मीद से बेहतर परिणाम देखने को मिल रहा है। ज्यादा सुरक्षित और सटीक होने के कारण इसकी मांग भी काफी है, इसलिए सरकार से अतिरिक्त रोबोट की मांग का प्रस्ताव तैयार किया है। उम्मीद है शासन से इसे मंजूरी मिल जाएगी।

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