सपा के लिए कितने अहम हैं शिवपाल यादव? चुनावी नतीजों के बाद समझ आई ये बात

Shivpal Yadav Importance For SP: मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद से चाचा-भतीजे शिवपाल यादव और अखिलेश यादव एक साथ आ गए। उनके कंधों पर सपा को मजबूत करने की जिम्मेदारी है, जिसे वो निभा रहे हैं। घोसी उपचुनाव के नतीजों से समझा गया है कि चाचा के जुड़ने के बाद सैफई परिवार ने दोबारा दमखम दिखाया।

चाचा शिवपाल यादव ने भतीजे अखिलेश यादव के भरोसे को कायम रखा।

Samajwadi Party News: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हुए घोसी विधानसभा सीट पर उपचुनाव के परिणाम ने समाजवादी पार्टी का उत्साह बढ़ा दिया है। इसके नतीजों ने न सिर्फ गठबंधन की ताकत में इजाफा किया है, बल्कि सैफई परिवार की एकता को एक और सफलता दे दी है।

शिवपाल ने अखिलेश के भरोसे को रखा कायम

घोसी उपचुनाव की जंग में चाचा शिवपाल ने भतीजे अखिलेश के भरोसे को कायम रखा। सियासी जानकारों का कहना है कि सपा ने मैनपुरी उपचुनाव से सबक लेना शुरू कर दिया था। उसे पता था कि शिवपाल के बगैर पार्टी का चुनावी प्रदर्शन बेहद मुश्किल होगा। मैनपुरी उपचुनाव में अखिलेश ने अपनी रणनीति बदली थी और शिवपाल को जिम्मेदारी दी थी। जिसका फायदा मिला था। इससे सपा को अपना परंपरागत वोट को बचाने और अन्य वर्गों के वोट को जोड़ने में मदद मिली।

संगठन के पुराने माहिर खिलाड़ी हैं शिवपाल

सपा के वरिष्ठ नेता ने बताया कि शिवपाल यादव संगठन के पुराने माहिर खिलाड़ी हैं। उन्होंने इस उपचुनाव में भी अपने को सिद्ध कर दिया है। घोसी में वह अपने पुराने अंदाज में डटे नजर आए। उन्होंने हर बूथ पर मजबूती को कायम रखी। इसी का नतीजा रहा कि सपा को 2022 के मुकाबले ज्यादा वोट मिला है। वोट प्रतिशत भी बढ़ा।

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