Hathras News: हाथरस में भाई-बहन ने की आपस में शादी, हैरान कर देगी वजह, SDM तक पहुंचा मामला

UP News: यूपी के हाथरस में एक भाई-बहन ने सामूहिक विवाह योजना का लाभ उठाने के लिए एक दूसरे से शादी कर ली। मामले की सूचना मिलते ही निवासियों ने एसडीएम को शिकायत की। एसडीएम ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

हाथरस में भाई-बहन ने की शादी

Hathras News: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले से चौका देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक भाई-बहन ने सामूहिक विवाह योजना के तहत एक दूसरे से शादी कर ली है। यकीन करना मुश्किल है, लेकिन ये बात सच है कि हाथरस में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के दौरान एक भाई ने अपनी ही बहन से शादी कर ली। भाई-बहन की आपस में शादी और उसके पीछे की चौका देने वाली वजह का खुलासा होते ही यहां हंगामा मच गया। स्थानीय लोग एसडीएम के पास पहुंचे और मामले की शिकायत की। आइए आपको बताएं क्या है पूरा माजरा -

भाई-बहन ने की आपस में शादी

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत मिलने वाले सरकारी लाभ का फायदा उठाने के लिए एक भाई ने अपनी ही बहन से शादी कर ली। सामूहिक विवाह के तहत दुल्हन के बैंक में 35 हजार रुपये, नवविवाहित जोड़े के लिए 10 हजार रुपये की आवश्यक वस्तुएं और शादी के लिए 6000 रुपये के खर्च का वादा किया गया है। इसी योजना के तहत मिलने वाले पैसों के लिए धोखाधड़ी करते हुए भाई-बहन ने शादी की है। जैसे ही घटना की सूचना आसपास के लोगों को मिली, उन्होंने स्थानीय एसडीएम को मामले की शिकायत की। घटना के बारे में पता लगते ही एसडीएम वेद सिंह चौहान ने विस्तृत जांच के आदेश दिए। साथ ही इसके लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करना आश्वासन भी दिया है। जानकारी के अनुसार, हाथरस में 15 दिसंबर 2023 को 217 जोड़ो का विवाह सामूहिक विवाह योजना के तहत हुआ था। उसी दौरान इन भाई-बहन ने भी शादी की थी।

सरकारी लाभ के लिए धोखाधड़ी

सरकारी लाभ के लिए शादी करने वाले लोगों का ये मामला पहला नहीं है। लेकिन एक भाई के अपनी ही बहन से शादी करने का ये मामला हैरान कर देने वाला जरूर है। सामूहिक विवाह योजना का लाभ उठाने के लिए कई लोग दोबारा विवाह कर रहे हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सिकंदराराव में दो विवाहित जोड़ों का सामूहिक विवाह योजना के तहत पुनर्विवाह कराया गया था। ऐसा ही एक मामला और है, जिसमें एक सरकारी कर्मचारी ने वित्तीय लाभ के लिए इस योजना के तहत फर्जी शादी की योजना बनाई। ये योजना मुख्य तौर पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए है, लेकिन लोग योजना के तहत मिलने वाले पैसों के लिए धोखाधड़ी कर रहे हैं। एसडीएम ने मामले की जांच करने के आदेश दिए हैं।
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