UP के मदरसों में विदेशी फंडिंग की एसआईटी तलब करेगी रिपोर्ट, भारत विरोधी गतिविधियों पर रखेगी नजर
उत्तर प्रदेश के मदरसों में विदेशी फंडिंग की जांच कर रही SIT की बड़ी तैयारी है। अब एसआईटी मदरसों में विदेशी फंडिंग की रिपोर्ट मांगेगी। साथ ही विदेशी धन पर नजर रखने वाली केंद्रीय जांच एजेंसियों की मदद भी लेगी।
एसआईटी मदरसों में विदेशी फंडिंग की रिपोर्ट मांगेगी
लखनऊ: यूपी के मदरसों में विदेशी फंडिंग की जांच कर रही एसआईटी ने बड़ी प्लानिंग की है। अब एसआईटी जिलों से मदरसों में विदेशी फंडिंग की रिपोर्ट मांगेगी। इसके अतिरिक्त विदेशी धन पर नजर रखने वाली केंद्रीय जांच एजेंसियों की भी मदद लेगी। फिलहाल, मदरसों में शिक्षा देने के लिए जिन एनजीओ के माध्यम से विदेशी रकम आती है, उनकी लिस्ट तैयार कर जांच शुरू होने वाली है। दरअसल, नेपाल सीमा पर पिछले 10 सालों के दौरान मदरसों की संख्या में तीन गुना बढ़ोतरी हुई है, जिसके चलते ये कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।
4000 हजार से अधिक मदरसों की जांच
दरअसल, प्रदेश में संचालित हो रहे मदरसों को मिल रही विदेशी फंडिंग की धनराशि से धर्मांतरण जैसे क्रियाकलापों पर खर्च किए जाने की शिकायतों को लेकर सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। सरकार ने विभिन्न जिलों में चल रहे करीब 4000 हजार से अधिक मदरसों की जांच एसआईटी से कराने का फैसला किया है। आतंक निरोधी दस्ता (एटीएस) के एडीजी मोहित अग्रवाल की अध्यक्षता में गठित एसआईटी मदसरों को मिल रही विदेशी फंडिंग की जांच करेगी। कमेठी गठित होने के बाद एसआईटी अब जिलों में संचालित मदरसों को शिक्षा के लिए होने वाली विदेशी फंडिंग की रिपोर्ट मांगेगी। किन-किन मदरसों से लिस्ट साझा करने के लिए प्लान बनाकर एक लिस्ट तैयार की है।
इन जिलों में बढ़े मदरसे
गौरतलब है कि नेपाल सीमा से सटे लखीमपुर खीरी, पीलीभीत, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर और बहराइच के अलावा आसपास कई अन्य क्षेत्रों में एक हजार से अधिक मदरसों का संचालन किया जा रहा है। सूत्रों की माने तो बीते कुछ दिनों में इन इलाकों में मदरसों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। साथ ही इन मदरसों को विदेशी फंडिंग मिलने की भी जानकारी मिली थी।
मदरसों में फंडिंग की सिलसिलेवार जांच
अब एसआईटी मदरसों में हो रही फंडिंग की सिलसिलेवार जांच कर कार्रवाई को आगे बढ़ाएगी। सभी मदरसों को नोटिस देकर फॉरेन करेंसी अकाउंट (ईईएफसी) के माध्यम से हो रहे लेनदेन की जानकारी मांगी जाएगी। इसके बाद उन मदरसों को सूचीबद्ध किया जाएगा, जिन्हें विदेशों से रकम भेजी जा रही है। फिर इस बात की जांच होगी कि किन-किन देश से रकम भेजी गई है और इसका प्रयोग किन-किन गतिविधियों में किया गया है।
यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन के अध्यक्ष डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने इस मामले पर कहा था कि अगर सरकार या अधिकारियों के पास कदाचार के बारे में कोई इनपुट है तो सर्वेक्षण किया जाना चाहिए।
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