UP ATS: मानव तस्करी सिंडीकेट में शामिल तीन बांग्लादेशी गिरफ्तार, विदेशी फंडिंग से करते थे भारत विरोधी गतिविधियां

मानव तस्करी सिंडीकेट में शामिल तीन बांग्लादेशी नागरिकों को यूपी एटीएस ने वाराणसी और सहारनपुर से गिरफ्तार किया है। एटीएस के खुलासे में पता चला है कि इस सिंडीकेट को विदेश से 20 करोड़ रुपये की फंडिंग हुई थी, जिसे भारत विरोधी गतिविधियों में इस्तेमाल किया जा रहा था।

UP ATS Arrested 3 bangladeshis

UP एटीएस पकड़े तीन संदिग्ध बांग्लादेशी

लखनऊ: यूपी एटीएस ने मानव तस्करी सिंडीकेट में शामिल 3 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। एटीएस ने बताया है कि इस सिंडीकेट को विदेश से करीब 20 करोड़ रुपये की फंडिंग हुई थी। इसमें से 1.50 करोड़ रुपये पकड़े गए तीनों बांग्लादेशी नागरिकों के खाते में भेजे गये थे। इसी रकम से बांग्लादेशी नागरिकों को सीमा पार कराकर भारत के अंदर दाखिल करने और उनकी भारतीय नागरिकता के कूटरचित दस्तावेज बनाने का काम किया गया।

कूटरचित आधार कार्ड और पासपोर्ट बरामद

एडीजी एटीएस मोहित अग्रवाल ने बताया कि वाराणसी एटीएस यूनिट को सूचना प्राप्त हुई थी कि इस सिंडीकेट का एक सदस्य आदिल मोहम्मद असरफी उर्फ आदिल उर रहमान पश्चिम बंगाल से दिल्ली या सहारनपुर जाने की कोशिश में है। सूचना मिलते ही एटीएस की टीम ने कार्रवाई करते हुए उसे वाराणसी से धर दबोचा। उसके पास से कूटरचित आधार कार्ड और पासपोर्ट बरामद हुआ है। पूछने पर उसने बताया कि ये डॉक्यूमेंट उसे पश्चिम बंगाल निवासी शेख नजीबुल हक और अबु हुरायरा गाजी नाम के लोगों की मदद से मिले थे। ये दोनों मौजूदा समय में सहारनपुर में रह रहे हैं। इस पर एटीएस ने ने सहारनपुर से उन दोनों को भी पकड़ लिया। तीनों को से जब लखनऊ में सख्ती से पूछताछ की गई, तो उन्होंने अपना गुनाह कबूल कर लिया, जिसके बाद उनको गिरफ्तार कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

लंबा है नेटवर्क

सहारनपुर से पकड़े गए दोनों बांग्लादेशी नागरिकों के अनुसार उन्होंने बांग्लादेशी नागरिक मोहम्मद हबीबुल्लाह मस्बाह उर्फ नजीब के कूटरचित दस्तावेज भी तैयार कराए थे। आपको बता दें कि हबीबुल्लाह को कुछ दिन पहले सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय बार्डर से मानव तस्करी कराने का गुनाह कबूल किया था। उक्त के पास एक बांग्लादेशी महिला को पेत्रोपॉल अंतरराष्ट्रीय बार्डर (भारत-बांग्लादेश) से घुसपैठ कराने के साक्ष्य भी मिले थे।

यहां से होती थी फंडिंग

एटीएस ने खुलासा करते हुए बताया कि विदेशों से कुछ एनजीओ के एफसीआरए अकाउंट में 20 करोड़ रुपये भेजे गए थे। ये बड़ी रकम मदरसों और स्कूलों का हवाला देकर लाई गई थी, जबकि उसका इस्तेमाल मानव तस्करी में किया जा रहा था। यह सिंडीकेट अवैध घुसपैठ कराने, जाली दस्तावेज़ बनवाने, शरण देकर भारत विरोधी गतिविधियों में विदेशी धन का उपयोग कर रहा था। बहरहाल, यूपी एटीएस इस मामले की गहराई से पड़ताल कर और अन्य लिंक का पता लगा रही है।

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Pushpendra kumar author

पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्षा-दीक्षा भी उसी परिवेश के साथ आगे बढ़ी। साल 2016 स...और देखें

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