Caste census के खिलाफ BJP नहीं, केशव प्रसाद मौर्य के बयान पर समाजवादी पार्टी- क्या योगी जी आदेश देंगे

यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि ना तो वे या ना ही उनकी पार्टी जातिगत जनगणना के खिलाफ है तो समाजवादी पार्टी के नेता सक्रिय हो गए। ट्वीट के जरिए सवाल पूछा कि योगी जी इस विषय पर फैसला करेंगे। यहीं नहीं राम मंदिर ट्रस्ट में भी सिर्फ एक दलित और किसी भी ओबीसी के ना होने का मुद्दा उठाया।

केशव प्रसाद मौर्य, यूपी के डिप्टी सीएम

क्या उत्तर प्रदेश में भी जातिगत जनगणना की जमीन तैयार की जा रही है। क्या हाल ही में जिस तरह से समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस का जिक्र कर जातीय आधार पर राजनीति को मोड़ने की कोशिश की उसके बाद बीजेपी को लगा कि इस मुद्दे पर अब खुलकर आना होगा। क्या बीजेपी को लगता है कि समाजवादी पार्टी की ओबीसी की काट के लिए जातिगत जनगणना पर रुख साफ करना होगा। इस विषय पर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य(पिछड़े समाज का प्रतिनिधित्व करते हैं) ने कहा कि हां वो इसके पक्ष में हैं, ना तो वो और ना ही उनकी पार्टी इसके खिलाफ हैं। लेकिन जब उनसे सवाल किया गया कि बिहार की तरह आप जातिगत जनगणना क्यों नहीं करा रहे हैं तो वो जवाब देने से बचे।

1931 हुई थी देश में जातिगत गणना

देश में जाति आधारित जनगणना 1931 में हुई थी 2011 में जातियों की गणना की गई थी। लेकिन आंकड़ों को सार्वजनिक नहीं किया गया। इसके समर्थकों का मानना है कि इसके जरिए सरकार अपेक्षित जाति समूहों की बेहतरी के लिए अच्छी योजना बना सकती है जिसमें उन लोगों को मौका मिलता है जिनका प्रतिनिधित्व या तो बेहद कम या नहीं है। बिहार में जातिगत जनगणना पर केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि इस विषय पर फैसला लेना सरकार का विशेषाधिकार है। मौर्य ने कहा कि सरकार के पहले कार्यकाल में योगी जी ने सामाजिक न्याय सर्वे पर काम किया था। रिपोर्ट में दलित और ओबीसी समाज को ज्यादा हिस्सा देने पर जोर दिया गया था। हालांकि उसे अमल में नहीं लाया गया है।

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